इस स्वप्न का उसने अपने पिता और भाइयों से वर्णन किया तब उसके पिता ने उसको डाँट कर कहा, “यह कैसा स्वप्न है जो तू ने देखा है? क्या सचमुच मैं और तेरी माता और तेरे भाई सब जाकर तेरे आगे भूमि पर गिरके दण्डवत् करेंगे?”
दानिय्येल 7:28 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “इस बात का वर्णन मैं अब कर चुका, परन्तु मुझ दानिय्येल के मन में बड़ी घबराहट बनी रही, और मैं भयभीत हो गया; और इस बात को मैं अपने मन में रखे रहा।” पवित्र बाइबल “इस प्रकार उस सपने का अंत हुआ। मैं, दानिय्येल तो बहुत डर गया था। डर से मेरा मुँह पीला पड़ गया था। मैंने जो बातें देखीं थीं और सुनी थी, मैंने उनके बारे में दूसरे लोगों को नहीं बताया।” Hindi Holy Bible इस बात का वर्णन मैं अब कर चुका, परन्तु मुझ दानिय्येल के मन में बड़ी घबराहट बनी रही, और मैं भयभीत हो गया; और इस बात को मैं अपने मन में रखे रहा॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘दर्शन के वास्तविक अर्थ की चर्चा यहाँ समाप्त हुई। पर जहाँ तक मेरा सम्बन्ध है, मेरे विचारों ने मुझे व्याकुल कर दिया। मेरे चेहरे का रंग बदल गया। किन्तु यह बात मैंने अपने मन में ही रखी, और किसी को नहीं बताई।’ सरल हिन्दी बाइबल “यहां उस विषय का अंत होता है. मैं, दानिएल, अपने विचारों से बहुत व्याकुल हो गया, और मेरा चेहरा पीला पड़ गया, पर यह बात मैं अपने मन में ही रखी.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “इस बात का वर्णन मैं अब कर चुका, परन्तु मुझ दानिय्येल के मन में बड़ी घबराहट बनी रही, और मैं भयभीत हो गया; और इस बात को मैं अपने मन में रखे रहा।” |
इस स्वप्न का उसने अपने पिता और भाइयों से वर्णन किया तब उसके पिता ने उसको डाँट कर कहा, “यह कैसा स्वप्न है जो तू ने देखा है? क्या सचमुच मैं और तेरी माता और तेरे भाई सब जाकर तेरे आगे भूमि पर गिरके दण्डवत् करेंगे?”
तब मनुष्य के सन्तान के समान किसी ने मेरे ओंठ छुए, और मैं मुँह खोलकर बोलने लगा। जो मेरे सामने खड़ा था, उससे मैं ने कहा, “हे मेरे प्रभु, दर्शन की बातों के कारण मुझ को पीड़ा–सी उठी, और मुझ में कुछ भी बल नहीं रहा।
तब मैं अकेला रहकर यह अद्भुत दर्शन देखता रहा, इससे मेरा बल जाता रहा; मैं भयातुर हो गया, और मुझ में कुछ भी बल न रहा।
तब उन दोनों राजाओं के मन बुराई करने में लगेंगे, यहाँ तक कि वे एक ही मेज पर बैठे हुए आपस में झूठ बोलेंगे, परन्तु इस से कुछ बन न पड़ेगा; क्योंकि इन सब बातों का अन्त नियत ही समय में होनेवाला है।
अब तू जाकर अन्त तक ठहरा रह; और तू विश्राम करता रहेगा; और उन दिनों के अन्त में तू अपने निज भाग पर खड़ा होगा।”
उसने कहा, “हे दानिय्येल, चला जा; क्योंकि ये बातें अन्तसमय के लिये बन्द हैं और इन पर मुहर दी हुई है।
तब दानिय्येल जिसका नाम बेलतशस्सर भी था, घड़ी भर घबराता रहा, और सोचते सोचते व्याकुल हो गया। तब राजा कहने लगा, “हे बेलतशस्सर, इस स्वप्न से, या इसके फल से तू व्याकुल मत हो।” बेलतशस्सर ने कहा, “हे मेरे प्रभु, यह स्वप्न तेरे बैरियों पर, और इसका अर्थ तेरे द्रोहियों पर फले!
उसे देखकर राजा भयभीत हो गया, और वह मन ही मन घबरा गया, और उसकी कमर के जोड़ ढीले पड़ गए, और काँपते काँपते उसके घुटने एक दूसरे से टकराने लगे।
बेलशस्सर राजा के राज्य के तीसरे वर्ष में उस पहले दर्शन के बाद एक और बात मुझ दानिय्येल को दर्शन के द्वारा दिखाई गई।
तब जहाँ मैं खड़ा था, वहाँ वह मेरे निकट आया; और उसके आते ही मैं घबरा गया; और मुँह के बल गिर पड़ा। तब उस ने मुझ से कहा, “हे मनुष्य के सन्तान, उन देखी हुई बातों को समझ ले, क्योंकि उनका अर्थ अन्त ही के समय में फलेगा।”
तब उसने कहा, “क्रोध भड़कने के अन्त के दिनों में जो कुछ होगा, वह मैं तुझे बताता हूँ; क्योंकि अन्त के ठहराए हुए समय में वह सब पूरा हो जाएगा।
तब मुझ दानिय्येल का बल जाता रहा, और मैं कुछ दिन तक बीमार पड़ा रहा, तब मैं उठकर राजा का काम–काज फिर करने लगा; परन्तु जो कुछ मैं ने देखा था उस से मैं चकित रहा, क्योंकि उसका कोई समझानेवाला न था।
तब वह उनके साथ गया, और नासरत में आया, और उनके वश में रहा; और उसकी माता ने ये सब बातें अपने मन में रखीं।
“तुम इन बातों पर कान दो, क्योंकि मनुष्य का पुत्र मनुष्यों के हाथ में पकड़वाया जाने को है।”