दानिय्येल 10:8 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब मैं अकेला रहकर यह अद्भुत दर्शन देखता रहा, इससे मेरा बल जाता रहा; मैं भयातुर हो गया, और मुझ में कुछ भी बल न रहा। पवित्र बाइबल सो मैं अकेला छूट गया। मैं उस दर्शन को देख रहा था और वह दृश्य मुझे भयभीत कर डाला था। मेरी शक्ति जाती रही। मेरा मुख ऐसो पीला पड़ गया जैसे मानो वह किसी मरे हुए व्यक्ति का मुख हो। मैं बेबस था। Hindi Holy Bible तब मैं अकेला रहकर यह अद्भुत दर्शन देखता रहा, इस से मेरा बल जाता रहा; मैं भयातुर हो गया, और मुझ में कुछ भी बल न रहा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं अकेला रह गया, और मैंने यह महादर्शन देखा। पर दर्शन देखने के पश्चात् मुझमें शक्ति नहीं बची। मेरा दमकता हुआ चेहरा भय से सूख गया, और मैं निर्बल हो गया। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये मैं अकेला रह गया, और इस बड़े दर्शन को टकटकी लगाकर देखता रहा; मुझमें कुछ बल न रहा, मेरा चेहरा पूरी तरह पीला पड़ गया और मैं निस्सहाय हो गया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब मैं अकेला रहकर यह अद्भुत दर्शन देखता रहा, इससे मेरा बल जाता रहा; मैं भयातुर हो गया, और मुझ में कुछ भी बल न रहा। |
तब मूसा ने कहा, “मैं उधर जाकर इस बड़े आश्चर्य को देखूँगा कि वह झाड़ी क्यों नहीं जल जाती।”
तब मनुष्य के सन्तान के समान किसी ने मेरे ओंठ छुए, और मैं मुँह खोलकर बोलने लगा। जो मेरे सामने खड़ा था, उससे मैं ने कहा, “हे मेरे प्रभु, दर्शन की बातों के कारण मुझ को पीड़ा–सी उठी, और मुझ में कुछ भी बल नहीं रहा।
इसलिये प्रभु का दास, अपने प्रभु के साथ कैसे बातें कर सके? क्योंकि मेरी देह में न तो कुछ बल रहा, और न कुछ साँस ही रह गई।”
“इस बात का वर्णन मैं अब कर चुका, परन्तु मुझ दानिय्येल के मन में बड़ी घबराहट बनी रही, और मैं भयभीत हो गया; और इस बात को मैं अपने मन में रखे रहा।”
तब मुझ दानिय्येल का बल जाता रहा, और मैं कुछ दिन तक बीमार पड़ा रहा, तब मैं उठकर राजा का काम–काज फिर करने लगा; परन्तु जो कुछ मैं ने देखा था उस से मैं चकित रहा, क्योंकि उसका कोई समझानेवाला न था।
मैं ने देखा कि वह मेढ़े के निकट आकर उस पर झुँझलाया; और मेढ़े को मारकर उसके दोनों सींगों को तोड़ दिया; और उसका सामना करने को मेढ़े का कुछ भी वश न चला; तब बकरे ने उसको भूमि पर गिराकर रौंद डाला; और मेढ़े को उसके हाथ से छुड़ानेवाला कोई न मिला।
यह सब सुनते ही मेरा कलेजा काँप उठा, मेरे ओंठ थरथराने लगे, मेरी हड्डियाँ सड़ने लगीं, और मैं खड़े खड़े काँपने लगा। मैं शान्ति से उस दिन की बाट जोहता रहूँगा जब दल बाँधकर प्रजा चढ़ाई करे।
देखो, वह घड़ी आती है वरन् आ पहुँची है कि तुम सब तितर–बितर होकर अपना अपना मार्ग लोगे, और मुझे अकेला छोड़ दोगे; तौभी मैं अकेला नहीं क्योंकि पिता मेरे साथ है।
इसलिये कि मैं प्रकाशनों की बहुतायत से फूल न जाऊँ, मेरे शरीर में एक काँटा चुभाया गया, अर्थात् शैतान का एक दूत कि मुझे घूँसे मारे ताकि मैं फूल न जाऊँ।
जब मैं ने उसे देखा तो उसके पैरों पर मुर्दा सा गिर पड़ा। उसने मुझ पर अपना दाहिना हाथ रखकर कहा, “मत डर; मैं प्रथम और अन्तिम और जीवता हूँ;