लेवीय पितरों के घरानों के मुख्य पुरुष ये ही थे, ये नाम ले लेकर, एक एक पुरुष करके गिने गये, और बीस वर्ष की या उस से अधिक अवस्था के थे और यहोवा के भवन में सेवा टहल करते थे।
गिनती 4:35 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष की आयु के, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को भरती हुए थे, उन सभों को गिन लिया; पवित्र बाइबल उन्होंने अपना सेवा—कर्तव्य कर चुके तीस से पचास पर्ष के उम्र के लोगों को गिना। इन लोगों को मिलापवाले तम्बू के लिए विशेष कार्य करने को दिए गए। Hindi Holy Bible तीस वर्ष से ले कर पचास वर्ष की अवस्था के, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को सेना में भरती हुए थे, उन सभों को गिन लिया; पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो तीस वर्ष से पचास वर्ष तक की आयु के थे, जो मिलन-शिविर के आन्तरिक कार्यों को करने के लिए सेवा-दल में भरती हो सकते थे। सरल हिन्दी बाइबल वे सभी, जो आयु में तीस से पचास वर्ष के पुरुष हैं, जिनकी नियुक्ति मिलनवाले तंबू की सेवा के लिए की गई थी, इसमें गिने गए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष की आयु के, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को भर्ती हुए थे, उन सभी को गिन लिया; |
लेवीय पितरों के घरानों के मुख्य पुरुष ये ही थे, ये नाम ले लेकर, एक एक पुरुष करके गिने गये, और बीस वर्ष की या उस से अधिक अवस्था के थे और यहोवा के भवन में सेवा टहल करते थे।
जितने लेवीय तीस वर्ष और उससे अधिक अवस्था के थे, वे गिने गए, और एक एक पुरुष के गिनने से उनकी गिनती अड़तीस हज़ार हुई।
फिर याजकों और लेवियों के दलों, और यहोवा के भवन की सेवा के सब कामों, और यहोवा के भवन की सेवा के सब सामान,
तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की आयुवाले, जितने मिलापवाले तम्बू में सेवा करने को भरती हों उन सभों को गिन ले।
अर्थात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की आयु वालों में, जितने मिलापवाले तम्बू में काम–काज करने को भरती हैं।
तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की आयु वाले, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवा करने को भरती हों उन सभों को गिन ले।
तब मूसा और हारून और मण्डली के प्रधानों ने कहातियों के वंश को, उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार,
अर्थात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की आयु के, जो मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को भरती हुए थे,
अर्थात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की आयु के, जो मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को भरती हुए थे,
अर्थात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की आयु वाले, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने और बोझ उठाने का काम करने को हाजिर होने वाले थे,
जब यीशु आप उपदेश करने लगा, तो लगभग तीस वर्ष की आयु का था और (जैसा समझा जाता था) यूसुफ का पुत्र था; और वह एली का,