जैसे गौरैया घूमते–घूमते और सूपाबेनी उड़ते– उड़ते नहीं बैठती, वैसे ही व्यर्थ शाप नहीं पड़ता।
गिनती 23:8 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु जिन्हें परमेश्वर ने शाप नहीं दिया उन्हें मैं क्यों शाप दूँ? और जिन्हें यहोवा ने धमकी नहीं दी उन्हें मैं कैसे धमकी दूँ? पवित्र बाइबल परमेश्वर उन लोगों के विरुद्ध नहीं है, अतः मैं भी उनके विरुद्ध नहीं कह सकता। यहोवा ने उनका बुरा होने के लिए नहीं कहा है। अतः मैं भी वैसा नहीं कर सकता। Hindi Holy Bible परन्तु जिन्हें ईश्वर ने नहीं शाप दिया उन्हें मैं क्यों शाप दूं? और जिन्हें यहोवा ने धमकी नहीं दी उन्हें मैं कैसे धमकी दूं? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं उसको कैसे श्राप दूं जिसको परमेश्वर ने श्राप नहीं दिया? मैं उसकी कैसे भत्र्सना करूं जिसकी प्रभु ने भत्र्सना नहीं की? सरल हिन्दी बाइबल मैं उन्हें शाप कैसे दे दूं, जिन्हें परमेश्वर ने शापित नहीं किया? मैं उनकी बुराई कैसे करूं, जिनकी बुराई याहवेह ने नहीं की है? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु जिन्हें परमेश्वर ने श्राप नहीं दिया उन्हें मैं क्यों श्राप दूँ? और जिन्हें यहोवा ने धमकी नहीं दी उन्हें मैं कैसे धमकी दूँ? |
जैसे गौरैया घूमते–घूमते और सूपाबेनी उड़ते– उड़ते नहीं बैठती, वैसे ही व्यर्थ शाप नहीं पड़ता।
मैं झूठे लोगों के कहे हुए चिह्नों को व्यर्थ कर देता और भावी कहनेवालों को बावला कर देता हूँ। मैं बुद्धिमानों को पीछे हटा देता और उनकी पण्डिताई को मूर्खता बनाता हूँ;
परमेश्वर ने बिलाम से कहा, “तू इनके संग मत जा; उन लोगों को शाप मत दे, क्योंकि वे आशीष के भागी हो चुके हैं।”
इसलिये आ, और उन लोगों को मेरे निमित्त शाप दे, क्योंकि वे मुझ से अधिक बलवन्त हैं; तब सम्भव है कि हम उन पर जयवन्त हों, और हम सब इनको अपने देश से मारकर निकाल दें; क्योंकि यह मैं जानता हूँ कि जिसको तू आशीर्वाद देता है वह धन्य होता है, और जिसको तू शाप देता है वह स्रापित होता है।”
देख, आशीर्वाद ही देने की आज्ञा मैं ने पाई है : वह आशीष दे चुका है, और मैं उसे नहीं पलट सकता।
निश्चय कोई मंत्र याक़ूब पर नहीं चल सकता, और इस्राएल पर भावी कहना कोई अर्थ नहीं रखता; परन्तु याक़ूब और इस्राएल के विषय में अब यह कहा जाएगा, कि ईश्वर ने क्या ही विचित्र काम किया है!
तब बिलाम ने अपनी गूढ़ बात आरम्भ की, और कहने लगा, “बालाक ने मुझे अराम से, अर्थात् मोआब के राजा ने मुझे पूरब के पहाड़ों से बुलवा भेजा : ‘आ, मेरे लिये याक़ूब को शाप दे, आ, इस्राएल को धमकी दे!’