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अय्यूब 9:3 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

चाहे वह उससे मुक़द्दमा लड़ना भी चाहे तौभी मनुष्य हज़ार बातों में से एक का भी उत्तर न दे सकेगा।

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पवित्र बाइबल

मनुष्य परमेश्वर से तर्क नहीं कर सकता। परमेश्वर मनुष्य से हजारों प्रश्न पूछ सकता है और कोई उनमें से एक का भी उत्तर नहीं दे सकता है।

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Hindi Holy Bible

चाहे वह उस से मुक़द्दमा लड़ना भी चाहे तौभी मनुष्य हजार बातों में से एक का भी उत्तर न दे सकेगा।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

यदि मनुष्‍य उससे बहस करना भी चाहे तो वह उसके हजार प्रश्‍नों में से एक प्रश्‍न का भी उत्तर नहीं दे सकेगा।

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सरल हिन्दी बाइबल

यदि कोई व्यक्ति परमेश्वर से वाद-विवाद करना चाहे, तो वह परमेश्वर को एक हजार में से एक प्रश्न का भी उत्तर नहीं दे सकेगा.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

चाहे वह उससे मुकद्दमा लड़ना भी चाहे तो भी मनुष्य हजार बातों में से एक का भी उत्तर न दे सकेगा।

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अय्यूब 9:3
18 क्रॉस रेफरेंस  

मैं परमेश्‍वर से कहूँगा, मुझे दोषी न ठहरा; मुझे बता दे कि तू किस कारण मुझ से मुक़द्दमा लड़ता है?


कौन है जो मुझ से बहस कर सकेगा? ऐसा कोई पाया जाए, तो मैं चुप होकर प्राण छोड़ूँगा।


तू उससे क्यों झगड़ता है कि वह अपनी किसी बात का लेखा नहीं देता?


क्योंकि उसने मनुष्य का कोई समय नहीं ठहराया कि वह परमेश्‍वर के सम्मुख अदालत में जाए।


“क्या जो बकवास करता है वह सर्वशक्‍तिमान से झगड़ा करे? जो परमेश्‍वर से विवाद करता है वह इसका उत्तर दे।”


एक बार तो मैं कह चुका, परन्तु और कुछ न कहूँगा : हाँ दो बार भी मैं कह चुका, परन्तु अब कुछ और आगे न बढ़ूँगा।”


फिर मैं क्या हूँ, जो उसे उत्तर दूँ, और बातें छाँट छाँटकर उस से विवाद करूँ?


चाहे मैं निर्दोष ही क्यों न हूँ, परन्तु अपने ही मुँह से दोषी ठहरूँगा; खरा होने पर भी वह मुझे कुटिल ठहराएगा।


अपनी भूलचूक को कौन समझ सकता है? मेरे गुप्‍त पापों से तू मुझे पवित्र कर।


क्योंकि मैं अनगिनत बुराइयों से घिरा हुआ हूँ; मेरे अधर्म के कामों ने मुझे आ पकड़ा और मैं दृष्‍टि नहीं उठा सकता; वे गिनती में मेरे सिर के बालों से भी अधिक हैं; इसलिये मेरा हृदय टूट गया।


हे मनुष्य, भला तू कौन है जो परमेश्‍वर का सामना करता है? क्या गढ़ी हुई वस्तु गढ़नेवाले से कह सकती है, “तू ने मुझे ऐसा क्यों बनाया है?”


यदि हम कहें कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आप को धोखा देते हैं, और हम में सत्य नहीं।


क्योंकि परमेश्‍वर हमारे मन से बड़ा है, और सब कुछ जानता है।