देखो, मैं ने अपने मुक़द्दमे की पूरी तैयारी की है; मुझे निश्चय है कि मैं निर्दोष ठहरूँगा।
अय्यूब 27:6 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं अपना धर्म पकड़े हुए हूँ और उसको हाथ से जाने न दूँगा; क्योंकि मेरा मन जीवन के किसी दिन के लिये मुझे दोषी नहीं ठहराता। पवित्र बाइबल मैं अपनी धार्मिकता को दृढ़ता से थामें रहूँगा। मैं कभी उचित कर्म करना न छोडूँगा। मेरी चेतना मुझे तंग नहीं करेगी जब तक मैं जीता हूँ। Hindi Holy Bible मैं अपना धर्म पकड़े हुए हूँ और उसको हाथ से जाने न दूंगा; क्योंकि मेरा मन जीवन भर मुझे दोषी नहीं ठहराएगा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं अपने धर्म को कसकर पकड़े हुए हूँ, मैं उसको हाथ से न जाने दूंगा; मेरा हृदय मुझे अपने पिछले जीवन के लिए दोषी नहीं ठहराता। सरल हिन्दी बाइबल अपनी धार्मिकता को मैं किसी भी रीति से छूट न जाने दूंगा; जीवन भर मेरा अंतर्मन मुझे नहीं धिक्कारेगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं अपनी धार्मिकता पकड़े हुए हूँ और उसको हाथ से जाने न दूँगा; क्योंकि मेरा मन जीवन भर मुझे दोषी नहीं ठहराएगा। |
देखो, मैं ने अपने मुक़द्दमे की पूरी तैयारी की है; मुझे निश्चय है कि मैं निर्दोष ठहरूँगा।
तौभी धर्मी लोग अपना मार्ग पकड़े रहेंगे, और शुद्ध काम करनेवाले सामर्थ्य पर सामर्थ्य पाते जाएँगे।
यहोवा ने शैतान से पूछा, “क्या तू ने मेरे दास अय्यूब पर ध्यान दिया है कि पृथ्वी पर उसके तुल्य खरा और सीधा और मेरा भय माननेवाला और बुराई से दूर रहनेवाला मनुष्य और कोई नहीं है? यद्यपि तू ने मुझे बिना कारण उसका सत्यानाश करने को उभारा, तौभी वह अब तक अपनी खराई पर बना है।”
मैं धर्म को पहिने रहा, और वह मुझे ढाँके रहा; मेरा न्याय का काम मेरे लिये बागे और सुन्दर पगड़ी का काम देता था।
यदि मेरे पग मार्ग से बहक गए हों, और मेरा मन मेरी आँखों की देखी चाल चला हो, या मेरे हाथों को कुछ कलंक लगा हो;
तब उन तीनों पुरुषों ने यह देखकर कि अय्यूब अपनी दृष्टि में निर्दोष है उसको उत्तर देना छोड़ दिया।
तब बूजी बारकेल का पुत्र एलीहू जो राम के कुल का था, उसका क्रोध भड़क उठा। अय्यूब पर उसका क्रोध इसलिये भड़क उठा कि उसने परमेश्वर को नहीं, अपने ही को निर्दोष ठहराया।
क्या तू मेरा न्याय भी व्यर्थ ठहराएगा? क्या तू आप निर्दोष ठहरने की मनसा से मुझ को दोषी ठहराएगा?
फिर कुछ अन्याय न होने पाए; फिर इस मुक़द्दमे में मेरा धर्म ज्यों का त्यों बना है, मैं सत्य पर हूँ।
इससे मैं आप भी यत्न करता हूँ कि परमेश्वर की, और मनुष्यों की ओर मेरा विवेक सदा निर्दोष रहे।
मैं मूर्ख तो बना, परन्तु तुम ही ने मुझे यह करने के लिये विवश किया। तुम्हें तो मेरी प्रशंसा करनी चाहिए थी, क्योंकि यद्यपि मैं कुछ भी नहीं, तौभी उन बड़े से बड़े प्रेरितों से किसी बात में कम नहीं हूँ।