धर्मी का प्रतिफल जीवन का वृक्ष होता है, और बुद्धिमान मनुष्य लोगों के मन को मोह लेता है।
2 कुरिन्थियों 12:14 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) देखो, मैं तीसरी बार तुम्हारे पास आने को तैयार हूँ, और मैं तुम पर कोई भार न रखूँगा, क्योंकि मैं तुम्हारी सम्पत्ति नहीं वरन् तुम ही को चाहता हूँ। क्योंकि बच्चों को माता–पिता के लिये धन बटोरना नहीं चाहिए, पर माता–पिता को बच्चों के लिये। पवित्र बाइबल देखो, तुम्हारे पास आने को अब मैं तीसरी बार तैयार हूँ। पर मैं तुम पर किसी तरह का बोझ नहीं बनूँगा। मुझे तुम्हारी सम्पत्तियों की नहीं तुम्हारी चाहत है। क्योंकि बच्चों को अपने माता-पिता के लिये कोई बचत करने की आवश्यकता नहीं होती बल्कि अपने बच्चों के लिये माता-पिता को ही बचत करनी होती है। Hindi Holy Bible देखो, मैं तीसरी बार तुम्हारे पास आने को तैयार हूं, और मैं तुम पर कोई भार न रखूंगा; क्योंकि मैं तुम्हारी सम्पत्ति नहीं, वरन तुम ही को चाहता हूं: क्योंकि लड़के-बालों को माता-पिता के लिये धन बटोरना न चाहिए, पर माता-पिता को लड़के-बालों के लिये। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अब मैं तीसरी बार आप लोगों के यहाँ आने की तैयारियाँ कर रहा हूँ, और आप के लिए भार नहीं बनूँगा; क्योंकि मैं आप लोगों को चाहता हूँ, आपकी सम्पत्ति को नहीं। बच्चों को अपने माता-पिता के लिए धन एकत्र करना नहीं चाहिए, बल्कि माता-पिता को अपने बच्चों के लिए। नवीन हिंदी बाइबल देखो, मैं तीसरी बार तुम्हारे पास आने को तैयार हूँ, और मैं तुम पर बोझ नहीं बनूँगा; क्योंकि मैं तुम्हारी वस्तुओं को नहीं बल्कि तुम्हें चाहता हूँ। बच्चों को माता-पिता के लिए नहीं बल्कि माता-पिता को बच्चों के लिए धन इकट्ठा करना चाहिए। सरल हिन्दी बाइबल मैं तीसरी बार वहां आने के लिए तैयार हूं. मैं तुम्हारे लिए बोझ नहीं बनूंगा. मेरी रुचि तुम्हारी संपत्ति में नहीं, स्वयं तुममें है. संतान से यह आशा नहीं की जाती कि वे माता-पिता के लिए कमाएं—संतान के लिए माता-पिता कमाते हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अब, मैं तीसरी बार तुम्हारे पास आने को तैयार हूँ, और मैं तुम पर कोई भार न रखूँगा; क्योंकि मैं तुम्हारी सम्पत्ति नहीं, वरन् तुम ही को चाहता हूँ। क्योंकि बच्चों को माता-पिता के लिये धन बटोरना न चाहिए, पर माता-पिता को बच्चों के लिये। |
धर्मी का प्रतिफल जीवन का वृक्ष होता है, और बुद्धिमान मनुष्य लोगों के मन को मोह लेता है।
भला मनुष्य अपने नाती–पोतों के लिये सम्पत्ति छोड़ जाता है, परन्तु पापी की सम्पत्ति धर्मी के लिये रखी जाती है।
“हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएल के चरवाहों के विरुद्ध भविष्यद्वाणी करके उन चरवाहों से कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता है : हाय इस्राएल के चरवाहों पर जो अपने अपने पेट भरते हैं! क्या चरवाहों को भेड़–बकरियों का पेट न भरना चाहिए?
जैसा मैं भी सब बातों में सब को प्रसन्न रखता हूँ, और अपना नहीं परन्तु बहुतों का लाभ ढूँढ़ता हूँ कि वे उद्धार पाएँ।
यदि कोई भूखा हो तो अपने घर में खा ले, जिससे तुम्हारा इकट्ठा होना दण्ड का कारण न हो। शेष बातों को मैं आकर ठीक करूँगा।
परन्तु प्रभु ने चाहा तो मैं तुम्हारे पास शीघ्र ही आऊँगा, और उन फूले हुओं की बातों को नहीं, परन्तु उनकी सामर्थ्य को जान लूँगा।
जब दूसरों का तुम पर यह अधिकार है, तो क्या हमारा इससे अधिक न होगा? परन्तु हम यह अधिकार काम में नहीं लाए; परन्तु सब कुछ सहते हैं कि हमारे द्वारा मसीह के सुसमाचार में कुछ रुकावट न हो।
तो मेरी कौन सी मजदूरी है? यह कि सुसमाचार सुनाने में मैं मसीह का सुसमाचार सेंत मेंत कर दूँ, यहाँ तक कि सुसमाचार में जो मेरा अधिकार है उसको भी मैं पूरी रीति से काम में न लाऊँ।
क्योंकि सबसे स्वतंत्र होने पर भी मैं ने अपने आप को सब का दास बना दिया है कि अधिक लोगों को खींच लाऊँ।
और जब मैं तुम्हारे साथ था और मुझे घटी हुई, तो मैं ने किसी पर भार नहीं डाला, क्योंकि भाइयों ने मकिदुनिया से आकर मेरी घटी को पूरा किया; और मैं ने हर बात में अपने आप को तुम पर भार बनने से रोका, और रोके रहूँगा।
तुम कौन सी बात में दूसरी कलीसियाओं से कम थे, केवल इसमें कि मैं ने तुम पर अपना भार न डाला। मेरा यह अन्याय क्षमा करो।
हे मेरे बालको, जब तक तुम में मसीह का रूप न बन जाए, तब तक मैं तुम्हारे लिये फिर ज़च्चा की सी पीड़ाएँ सहता हूँ।
इसलिये हे मेरे प्रिय भाइयो, जिनमें मेरा जी लगा रहता है, जो मेरे आनन्द और मुकुट हो, हे प्रिय भाइयो, प्रभु में इसी प्रकार स्थिर रहो।
यह नहीं कि मैं दान चाहता हूँ परन्तु मैं ऐसा फल चाहता हूँ जो तुम्हारे लाभ के लिये बढ़ता जाए।
तुम जानते हो कि जैसा पिता अपने बालकों के साथ व्यवहार करता है, वैसे ही हम भी तुम में से हर एक को उपदेश करते, और शान्ति देते, और समझाते थे
और वैसे ही हम तुम्हारी लालसा करते हुए, न केवल परमेश्वर का सुसमाचार पर अपना अपना प्राण भी तुम्हें देने को तैयार थे, इसलिये कि तुम हमारे प्रिय हो गए थे।