और उसके कर्मचारी किस रीति बैठते, और उसके टहलुए किस रीति खड़े रहते, और कैसे कैसे कपड़े पहिने रहते हैं, और उसके पिलानेवाले कैसे हैं, और वह कैसी चढ़ाई है, जिससे वह यहोवा के भवन को जाया करता है; यह सब जब उसने देखा, तब वह चकित रह गई।
1 राजाओं 4:22 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सुलैमान की एक दिन की रसोई में इतना उठता था, अर्थात् तीस कोर मैदा, साठ कोर* आटा, पवित्र बाइबल यह भोजन सामग्री है जिसकी आवश्यकता प्रतिदिन सुलैमान को स्वयं और उसकी मेज पर सभी भोजन करने वालों के लिये होती थी: डेढ़ सौ बुशल महीन आटा, तीन सौ बुशल आटा, अच्छा अन्न खाने वाली दस बैल, मैदानों में पाले गये बीस बैल और सौ भेड़ें, तीन भिन्न प्रकार के हिरन और विशेष पक्षी भी। Hindi Holy Bible और सुलैमान की एक दिन की रसोई में इतना उठता था, अर्थात तीस कोर मैदा, पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यह सुलेमान के प्रतिदिन का राजसी भोजन था : तीन हजार किलो मैदा; छ: हजार किलो आटा; सरल हिन्दी बाइबल शलोमोन के राजपरिवार में प्रतिदिन के भोजन में पांच हज़ार किलो मैदा; दस हज़ार किलो आटा इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 सुलैमान की एक दिन की रसोई में इतना उठता था, अर्थात् तीस कोर मैदा, साठ कोर आटा, |
और उसके कर्मचारी किस रीति बैठते, और उसके टहलुए किस रीति खड़े रहते, और कैसे कैसे कपड़े पहिने रहते हैं, और उसके पिलानेवाले कैसे हैं, और वह कैसी चढ़ाई है, जिससे वह यहोवा के भवन को जाया करता है; यह सब जब उसने देखा, तब वह चकित रह गई।
सुलैमान तो महानद से लेकर पलिश्तियों के देश, और मिस्र की सीमा तक के सब राज्यों के ऊपर प्रभुता करता था और उनके लोग सुलैमान के जीवन भर भेंट लाते, और उसके अधीन रहते थे।
दस तैयार किए हुए बैल और चराइयों में से बीस बैल और सौ भेड़–बकरी और इनको छोड़ हरिन, चिकारे, यखमूर और तैयार किए हुए पक्षी।
और सुलैमान ने हीराम के परिवार के खाने के लिये उसे बीस हज़ार कोर गेहूँ और बीस कोर* पेरा हुआ तेल दिया; इस प्रकार सुलैमान हीराम को प्रति वर्ष दिया करता था।
और उसकी मेज पर का भोजन देखा, और उसके कर्मचारी किस रीति बैठते, और उसके टहलुए किस रीति खड़े रहते और कैसे कैसे कपड़े पहिने रहते हैं, और उसके पिलानेवाले कैसे हैं और वे कैसे कपड़े पहिने हैं, और वह कैसी चढ़ाई है जिससे वह यहोवा के भवन को जाया करता है, जब उसने यह सब देखा, तब वह चकित हो गई।
जो प्रतिदिन के लिये तैयार किया जाता था वह एक बैल, छ: अच्छी अच्छी भेड़ें या बकरियाँ थीं, और मेरे लिये चिड़ियें भी तैयार की जाती थीं; दस दस दिन के बाद भाँति भाँति का बहुत दाखमधु भी तैयार किया जाता था; तौभी मैं ने अधिपति के हक़ का भोज नहीं लिया, क्योंकि काम का भार प्रजा पर भारी था।
जब सम्पत्ति बढ़ती है, तो उसके खानेवाले भी बढ़ते हैं, तब उसके स्वामी को इसे छोड़ और क्या लाभ होता है कि उस सम्पत्ति को अपनी आँखों से देखे?
राजा ने आज्ञा दी कि उसके भोजन और पीने के दाखमधु में से उन्हें प्रतिदिन खाने–पीने को दिया जाए। इस प्रकार तीन वर्ष तक उनका पालन पोषण होता रहे; तब उसके बाद वे राजा के सामने हाज़िर किए जाएँ।
फिर वह उनको हज़ार हज़ार और पचास पचास के ऊपर प्रधान बनाएगा, और कितनों से वह अपने हल जुतवाएगा, और अपने खेत कटवाएगा, और अपने लिये युद्ध के हथियार और रथों के साज बनवाएगा।