तब दो नीच जनों को उसके सामने बैठाना जो साक्षी देकर उससे कहें, ‘तू ने परमेश्वर और राजा दोनों की निन्दा की।’ तब तुम लोग उसे बाहर ले जाकर उस पर पथराव करना कि वह मर जाए।”
1 राजाओं 21:9 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उस चिट्ठी में उसने यों लिखा, “उपवास का प्रचार करो, और नाबोत को लोगों के सामने ऊँचे स्थान पर बैठाना। पवित्र बाइबल पत्र में यह लिखा था: “यह घोषणा करो कि एक ऐसा दिन होगा जिस दिन लोग कुछ भी भोजन नहीं करेंगे। तब नगर के सभी लोगों की एक साथ एक बैठक बुलाओ। बैठक में हम नाबोत के बारे में बात करेंगे। Hindi Holy Bible उस चिट्ठी में उसने यों लिखा, कि उपवास का प्रचार करो, और नाबोत को लोगों के साम्हने ऊंचे स्थान पर बैठाना। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसने पत्रों में यह लिखा था, ‘आप सामूहिक उपवास की घोषणा कीजिए। आप नाबोत को जनता के मध्य में उच्चासन पर बैठाना। सरल हिन्दी बाइबल पत्रों में उसने लिखा था: “उपवास की घोषणा करो और नाबोथ को मुख्य स्थान पर बैठाना. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उस चिट्ठी में उसने यह लिखा, “उपवास का प्रचार करो, और नाबोत को लोगों के सामने ऊँचे स्थान पर बैठाना। |
तब दो नीच जनों को उसके सामने बैठाना जो साक्षी देकर उससे कहें, ‘तू ने परमेश्वर और राजा दोनों की निन्दा की।’ तब तुम लोग उसे बाहर ले जाकर उस पर पथराव करना कि वह मर जाए।”
तब उसने अहाब के नाम से चिट्ठी लिखकर उसकी अँगूठी की छाप लगाकर, उन पुरनियों और रईसों के पास भेज दी जो उसी नगर में नाबोत के पड़ोस में रहते थे।
सुनो, तुम्हारे उपवास का फल यह होता है कि तुम आपस में लड़ते और झगड़ते और दुष्टता से घूँसे मारते हो। जैसा उपवास तुम आजकल रखते हो, उस से तुम्हारी प्रार्थना ऊपर नहीं सुनाई देगी।
और उसने यह कहकर उन्हें बैतलहम भेजा, “जाओ, उस बालक के विषय में ठीक–ठीक मालूम करो, और जब वह मिल जाए तो मुझे समाचार दो ताकि मैं भी आकर उस को प्रणाम करूँ।”
“हे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो, तुम पर हाय! तुम मनुष्यों के लिए स्वर्ग के राज्य का द्वार बन्द करते हो, न तो स्वयं ही उसमें प्रवेश करते हो और न उस में प्रवेश करनेवालों को प्रवेश करने देते हो।
वे विधवाओं के घर खा जाते हैं, और दिखाने के लिये बड़ी देर तक प्रार्थना करते रहते हैं : ये बहुत ही दण्ड पाएँगे।”
तब वे यीशु को काइफा के पास से किले को ले गए, और भोर का समय था, परन्तु वे आप किले के भीतर नहीं गए ताकि अशुद्ध न हों परन्तु फसह खा सकें।