1 यूहन्ना 2:27 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु तुम्हारा वह अभिषेक जो उसकी ओर से किया गया, तुम में बना रहता है; और तुम्हें इसका प्रयोजन नहीं कि कोई तुम्हें सिखाए, वरन् जैसे वह अभिषेक जो उसकी ओर से किया गया तुम्हें सब बातें सिखाता है, और यह सच्चा है और झूठा नहीं; और जैसा उसने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उसमें बने रहते हो। पवित्र बाइबल किन्तु जहाँ तक तुम्हारी बात है, तुममें तो उस परम पवित्र से प्राप्त अभिषेक वर्तमान है, इसलिए तुम्हें तो आवश्यकता ही नहीं है कि कोई तुम्हें उपदेश दे, बल्कि तुम्हें तो वह आत्मा जिससे उस परम पवित्र ने तुम्हारा अभिषेक किया है, तुम्हें सब कुछ सिखाती है। (और याद रखो, वही सत्य है, वह मिथ्या नहीं है।) उसने तुम्हें जैसे सिखाया है, तुम मसीह में वैसे ही बने रहो। Hindi Holy Bible और तुम्हारा वह अभिषेक, जो उस की ओर से किया गया, तुम में बना रहता है; और तुम्हें इस का प्रयोजन नही, कि कोई तुम्हें सिखाए, वरन जैसे वह अभिषेक जो उस की ओर से किया गया तुम्हें सब बातें सिखाता है, और यह सच्चा है, और झूठा नहीं: और जैसा उस ने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उस में बने रहते हो। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो अभिषेक तुम लोगों ने मसीह से प्राप्त किया है, वह तुम में विद्यमान रहता है; इसलिए तुम को आवश्यकता नहीं कि कोई व्यक्ति तुम्हें सिखाए। मसीह से प्राप्त हुआ अभिषेक ही तुम्हें सब कुछ सिखलाता है। उसकी शिक्षा सत्य है, असत्य नहीं। उस शिक्षा के अनुसार तुम मसीह में बने रहो। नवीन हिंदी बाइबल परंतु जहाँ तक तुम्हारा संबंध है, जो अभिषेक तुमने उससे प्राप्त किया वह तुममें बना रहता है, इसलिए आवश्यकता नहीं कि कोई तुम्हें सिखाए। वह अभिषेक सब बातों के विषय में तुम्हें सिखाता है, और वह सत्य है और झूठ नहीं, इसलिए जैसे उसने तुम्हें सिखाया है, उसमें बने रहो। सरल हिन्दी बाइबल तुम्हारी स्थिति में प्रभु के द्वारा किया गया वह अभिषेक का तुममें स्थिर होने के प्रभाव से यह ज़रूरी ही नहीं कि कोई तुम्हें शिक्षा दे. उनके द्वारा किया गया अभिषेक ही तुम्हें सभी विषयों की शिक्षा देता है. यह शिक्षा सच है, झूठ नहीं. ठीक जैसी शिक्षा तुम्हें दी गई है, तुम उसी के अनुसार मसीह में स्थिर बने रहो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और तुम्हारा वह अभिषेक, जो उसकी ओर से किया गया, तुम में बना रहता है; और तुम्हें इसका प्रयोजन नहीं, कि कोई तुम्हें सिखाए, वरन् जैसे वह अभिषेक जो उसकी ओर से किया गया तुम्हें सब बातें सिखाता है, और यह सच्चा है, और झूठा नहीं और जैसा उसने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उसमें बने रहते हो। (यूह. 14:26) |
“जिस दिन हारून और उसके पुत्र यहोवा के समीप याजक पद के लिये लाए गए उसी दिन यहोवा के हव्यों में से उनका यही अभिषिक्त भाग ठहराया गया;
अर्थात् पवित्रस्थान के शेकेल के हिसाब से एक सौ तीस शेकेल चाँदी का एक परात, और सत्तर शेकेल चाँदी का एक कटोरा, ये दोनों अन्नबलि के लिये तेल से सने हुए मैदे से भरे थे;
मैं पिता से विनती करूँगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे।
अर्थात् सत्य का आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता है; तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है, और वह तुम में होगा।
परन्तु सहायक अर्थात् पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा।
परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा परन्तु जो कुछ सुनेगा वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा।
परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा; वरन् जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।”
भविष्यद्वक्ताओं के लेखों में यह लिखा है : ‘वे सब परमेश्वर की ओर से सिखाए हुए होंगे।’ जिस किसी ने पिता से सुना और सीखा है, वह मेरे पास आता है।
परन्तु हम ने संसार की आत्मा नहीं, परन्तु वह आत्मा पाया है जो परमेश्वर की ओर से है कि हम उन बातों को जानें जो परमेश्वर ने हमें दी हैं।
जिनको हम मनुष्यों के ज्ञान की सिखाई हुई बातों में नहीं, परन्तु आत्मा की सिखाई हुई बातों में, आत्मिक बातें आत्मिक बातों से मिला मिलाकर सुनाते हैं।
और जो हमें तुम्हारे साथ मसीह में दृढ़ करता है, और जिसने हमारा अभिषेक किया वही परमेश्वर है,
इसलिये हम भी परमेश्वर का धन्यवाद निरन्तर करते हैं कि जब हमारे द्वारा परमेश्वर के सुसमाचार का वचन तुम्हारे पास पहुँचा, तो तुम ने उसे मनुष्यों का नहीं परन्तु परमेश्वर का वचन समझकर (और सचमुच यह ऐसा ही है) ग्रहण किया; और वह तुम विश्वासियों में जो विश्वास रखते हो, प्रभावशील है।
किन्तु भाईचारे की प्रीति के विषय में यह आवश्यक नहीं कि मैं तुम्हारे पास कुछ लिखूँ, क्योंकि आपस में प्रेम रखना तुम ने आप ही परमेश्वर से सीखा है;
मैं सच कहता हूँ, झूठ नहीं बोलता, कि मैं इसी उद्देश्य से प्रचारक और प्रेरित और अन्यजातियों के लिये विश्वास और सत्य का उपदेशक ठहराया गया।
क्योंकि तुम ने नाशवान् नहीं पर अविनाशी बीज से, परमेश्वर के जीवते और सदा ठहरनेवाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है।
अत: हे बालको, उसमें बने रहो कि जब वह प्रगट हो तो हमें हियाव हो, और हम उसके आने पर उसके सामने लज्जित न हों।
जो उसकी आज्ञाओं को मानता है, वह उसमें और वह उन में बना रहता है : और इसी से, अर्थात् उस आत्मा से जो उस ने हमें दिया है, हम जानते हैं कि वह हम में बना रहता है।