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1 पतरस 2:6 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

इस कारण पवित्रशास्त्र में भी आया है : “देखो, मैं सिय्योन में कोने के सिरे का चुना हुआ और बहुमूल्य पत्थर धरता हूँ : और जो कोई उस पर विश्‍वास करेगा, वह किसी रीति से लज्जित नहीं होगा।”

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पवित्र बाइबल

शास्त्र में लिखा है: “देखो, मैं सिय्योन में एक कोने का पत्थर रख रहा हूँ, जो बहुमूल्य है और चुना हुआ है इस पर जो कोई भी विश्वास करेगा उसे कभी भी नहीं लजाना पड़ेगा।”

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Hindi Holy Bible

इस कारण पवित्र शास्त्र में भी आया है, कि देखो, मैं सिय्योन में कोने के सिरे का चुना हुआ और बहुमूल्य पत्थर धरता हूं: और जो कोई उस पर विश्वास करेगा, वह किसी रीति से लज्ज़ित नहीं होगा।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

इसलिए धर्मग्रन्‍थ में यह लेख है, “मैं सियोन में एक चुना हुआ मूल्‍यवान् कोने का पत्‍थर रखता हूँ और जो उस पर विश्‍वास करेगा, उसे निराश नहीं होना पड़ेगा।”

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नवीन हिंदी बाइबल

इसी कारण पवित्रशास्‍त्र में लिखा है : देख, मैं सिय्योन में एक चुना हुआ पत्थर, अर्थात् कोने का बहुमूल्य पत्थर रखता हूँ, और जो उस पर विश्‍वास करेगा, वह कभी लज्‍जित न होगा।

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सरल हिन्दी बाइबल

पवित्र शास्त्र का लेख है: “देखो, मैं ज़ियोन में एक उत्तम पत्थर, एक बहुमूल्य कोने के पत्थर की स्थापना कर रहा हूं, वह, जो उनमें विश्वास करता है कभी भी लज्जित न होगा.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

इस कारण पवित्रशास्त्र में भी लिखा है, “देखो, मैं सिय्योन में कोने के सिरे का चुना हुआ और बहुमूल्य पत्थर धरता हूँ: और जो कोई उस पर विश्वास करेगा, वह किसी रीति से लज्जित नहीं होगा।” (यशा. 28:16)

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1 पतरस 2:6
27 क्रॉस रेफरेंस  

पर उसका धनुष दृढ़ रहा, और उसकी बाँह और हाथ याक़ूब के उसी शक्‍तिमान परमेश्‍वर के हाथों के द्वारा फुर्तीले हुए, जिसके पास से वह चरवाहा आएगा, जो इस्राएल की चट्टान भी ठहरेगा।


जो मेरे प्राण की खोज में हैं, वे सब लज्जित हों और उनके मुँह काले हों; और वे पीछे हटाए और अपमानित किए जाएँ, जो मेरी हानि से प्रसन्न होते हैं।


एक समय तू ने अपने भक्‍त को दर्शन देकर बातें कीं, और कहा, “मैं ने सहायता करने का भार एक वीर पर रखा है, और प्रजा में से एक को चुनकर बढ़ाया है।


इसलिये प्रभु यहोवा यों कहता है, “देखो, मैं ने सिय्योन में नींव का एक पत्थर रखा है, एक परखा हुआ पत्थर, कोने का अनमोल और अति दृढ़ नींव के योग्य पत्थर : और जो कोई विश्‍वास रखे वह उतावली न करेगा।


देख, जो तुझ से क्रोधित हैं वे सब लज्जित होंगे; जो तुझ से झगड़ते हैं उनके मुँह काले होंगे और वे नष्‍ट होकर मिट जाएँगे।


मेरे दास को देखो जिसे मैं सम्भाले हूँ, मेरे चुने हुए को, जिस से मेरा जी प्रसन्न है, मैं ने उस पर अपना आत्मा रखा है, वह जाति जाति के लिये न्याय प्रगट करेगा।


मैं अपनी धार्मिकता को समीप ले आने पर हूँ वह दूर नहीं है, और मेरे उद्धार करने में विलम्ब न होगा; मैं सिय्योन का उद्धार करूँगा और इस्राएल को महिमा दूँगा।


क्योंकि प्रभु यहोवा मेरी सहायता करता है, इस कारण मैं ने संकोच नहीं किया; वरन् अपना माथा चकमक के समान कड़ा किया क्योंकि मुझे निश्‍चय था कि मुझे लज्जित होना न पड़ेगा।


“मत डर, क्योंकि तेरी आशा फिर नहीं टूटेगी; मत घबरा, क्योंकि तू फिर लज्जित न होगी और तुझ पर सियाही न छाएगी; क्योंकि तू अपनी जवानी की लज्जा भूल जाएगी, और अपने विधवापन की नामधराई को फिर स्मरण न करेगी।


जो कुछ सच्‍ची बातों से भरी हुई पुस्तक में लिखा हुआ है, वह मैं तुझे बताता हूँ; उन प्रधानों के विरुद्ध, तुम्हारे प्रधान मीकाएल को छोड़, मेरे संग स्थिर रहनेवाला और कोई भी नहीं है।


उसी में से कोने का पत्थर, उसी में से खूँटी, उसी में से युद्ध का धनुष, उसी में से सब प्रधान प्रगट होंगे।


“देखो, यह मेरा सेवक है, जिसे मैं ने चुना है; मेरा प्रिय, जिससे मेरा मन प्रसन्न है : मैं अपना आत्मा उस पर डालूँगा, और वह अन्य–जातियों को न्याय का समाचार देगा।


क्या तुम ने पवित्रशास्त्र में यह वचन नहीं पढ़ा : ‘जिस पत्थर को राजमिस्त्रियों ने निकम्मा ठहराया था, वही कोने का सिरा हो गया;


उसने उनकी ओर देखकर कहा, “फिर यह क्या लिखा है : ‘जिस पत्थर को राजमिस्त्रियों ने निकम्मा ठहराया था, वही कोने का सिरा हो गया।’


लोग खड़े–खड़े देख रहे थे, और सरदार भी ठट्ठा कर करके कहते थे : “इसने दूसरों को बचाया, यदि यह परमेश्‍वर का मसीह है, और उसका चुना हुआ है, तो अपने आप को बचा ले।”


जो मुझ पर विश्‍वास करेगा, जैसा पवित्रशास्त्र में आया है, ‘उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियाँ बह निकलेंगी’।”


“हे भाइयो, अवश्य था कि पवित्रशास्त्र का वह लेख पूरा हो जो पवित्र आत्मा ने दाऊद के मुख से यहूदा के विषय में, जो यीशु के पकड़नेवालों का अगुवा था, पहले से कहा था।


क्योंकि पवित्रशास्त्र यह कहता है, “जो कोई उस पर विश्‍वास करेगा वह लज्जित न होगा।”


जैसा उसने हमें जगत की उत्पत्ति से पहले उसमें चुन लिया कि हम उसके निकट प्रेम में पवित्र और निर्दोष हों।


और प्रेरितों और भविष्यद्वक्‍ताओं की नींव पर, जिसके कोने का पत्थर मसीह यीशु स्वयं ही है, बनाए गए हो।


सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्‍वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धार्मिकता की शिक्षा के लिये लाभदायक है,


उसके पास आकर, जिसे मनुष्यों ने तो निकम्मा ठहराया परन्तु परमेश्‍वर के निकट चुना हुआ और बहुमूल्य जीवता पत्थर है,


और “ठेस लगने का पत्थर और ठोकर खाने की चट्टान हो गया है,” क्योंकि वे तो वचन को न मानकर ठोकर खाते हैं और इसी के लिये वे ठहराए भी गए थे।


पर पहले यह जान लो कि पवित्रशास्त्र की कोई भी भविष्यद्वाणी किसी के अपने ही विचारधारा के आधार पर पूर्ण नहीं होती,


वैसे ही उसने अपनी सब पत्रियों में भी इन बातों की चर्चा की है, जिनमें कुछ बातें ऐसी हैं जिनका समझना कठिन है, और अनपढ़ और चंचल लोग उन के अर्थों को भी पवित्रशास्त्र की अन्य बातों की तरह खींच तानकर अपने ही नाश का कारण बनाते हैं।