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1 कुरिन्थियों 7:2 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

परन्तु व्यभिचार के डर से हर एक पुरुष की पत्नी, और हर एक स्त्री का पति हो।

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पवित्र बाइबल

किन्तु यौन अनैतिकता की घटनाओं की सम्भावनाओं के कारण हर पुरुष की अपनी पत्नी होनी चाहिये और हर स्त्री का अपना पति।

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Hindi Holy Bible

परन्तु व्यभिचार के डर से हर एक पुरूष की पत्नी, और हर एक स्त्री का पति हो।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

व्‍यभिचार की आशंका के कारण हर पुरुष की अपनी पत्‍नी हो और हर स्‍त्री का अपना पति।

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नवीन हिंदी बाइबल

परंतु व्यभिचार से बचने के लिए प्रत्येक पुरुष की अपनी पत्‍नी हो, और प्रत्येक स्‍त्री का अपना पति।

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सरल हिन्दी बाइबल

किंतु व्यभिचार से बचने के लिए हर एक पुरुष की अपनी पत्नी तथा हर एक स्त्री का अपना पति हो.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

परन्तु व्यभिचार के डर से हर एक पुरुष की पत्नी, और हर एक स्त्री का पति हो।

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1 कुरिन्थियों 7:2
14 क्रॉस रेफरेंस  

जिसने स्त्री ब्याह ली, उसने उत्तम पदार्थ पाया, और यहोवा का अनुग्रह उस पर हुआ है।


घर और धन पुरखाओं के भाग से, परन्तु बुद्धिमती पत्नी यहोवा ही से मिलती है।


इसलिये, क्योंकि यहोवा तेरे और तेरी उस जवानी की संगिनी और ब्याही हुई स्त्री के बीच साक्षी हुआ था जिससे तू ने विश्‍वासघात किया है।


परन्तु मैं तुम से यह कहता हूँ कि जो कोई अपनी पत्नी को व्यभिचार के सिवा किसी और कारण से तलाक दे, तो वह उससे व्यभिचार करवाता है; और जो कोई उस त्यागी हुई से विवाह करे, वह व्यभिचार करता है।


व्यभिचार से बचे रहो। जितने अन्य पाप मनुष्य करता है वे देह के बाहर हैं, परन्तु व्यभिचार करनेवाला अपनी ही देह के विरुद्ध पाप करता है।


उन बातों के विषय में जो तुम ने लिखीं, यह अच्छा है कि पुरुष स्त्री को न छूए।


पति अपनी पत्नी का हक्‍क पूरा करे; और वैसे ही पत्नी भी अपने पति का।


परन्तु यदि वे संयम न कर सकें, तो विवाह करें; क्योंकि विवाह करना कामातुर रहने से भला है।


इसी प्रकार उचित है कि पति अपनी अपनी पत्नी से अपनी देह के समान प्रेम रखे। जो अपनी पत्नी से प्रेम रखता है, वह अपने आप से प्रेम रखता है।


पर तुम में से हर एक अपनी पत्नी से अपने समान प्रेम रखे, और पत्नी भी अपने पति का भय माने।


और तुम में से हर एक पवित्रता और आदर के साथ अपनी पत्नी को प्राप्‍त करना जाने,


जो विवाह करने से रोकेंगे, और भोजन की कुछ वस्तुओं से परे रहने की आज्ञा देंगे, जिन्हें परमेश्‍वर ने इसलिये सृजा कि विश्‍वासी और सत्य के पहिचाननेवाले उन्हें धन्यवाद के साथ खाएँ।


और जब उनके पिता या भाई हमारे पास झगड़ने को आएँगे, तब हम उनसे कहेंगे, “अनुग्रह करके उनको हमें दे दो, क्योंकि लड़ाई के समय हम ने उनमें से एक एक के लिए स्त्री नहीं बचाई, और तुम लोगों ने तो उनका विवाह नहीं किया, नहीं तो तुम अब दोषी ठहरते।”