जब कोई पुरुष स्त्री से प्रसंग करे, तो वे दोनों जल से स्नान करें, और साँझ तक अशुद्ध रहें।
1 कुरिन्थियों 6:12 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब वस्तुएँ लाभ की नहीं; सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित हैं, परन्तु मैं किसी बात के अधीन न हूँगा। पवित्र बाइबल “मैं कुछ भी करने को स्वतन्त्र हूँ।” किन्तु हर कोई बात हितकर नहीं होती। हाँ! “मैं सब कुछ करने को स्वतन्त्र हूँ।” किन्तु मैं अपने पर किसी को भी हावी नहीं होने दूँगा। Hindi Holy Bible सब वस्तुएं मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब वस्तुएं लाभ की नहीं, सब वस्तुएं मेरे लिये उचित हैं, परन्तु मैं किसी बात के आधीन न हूंगा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आप में से कोई यह कहेगा, “मुझे सब कुछ करने की अनुमति है।” हां, किन्तु सब कुछ हितकर नहीं। मैं कह सकता हूँ, “मुझे सब कुछ करने की अनुमति है,” किन्तु मैं किसी चीज का गुलाम नहीं बनूंगा। नवीन हिंदी बाइबल सब वस्तुएँ मेरे लिए उचित तो हैं, परंतु सब वस्तुएँ लाभ की नहीं। सब वस्तुएँ मेरे लिए उचित तो हैं, परंतु मैं किसी वस्तु के अधीन नहीं होऊँगा। सरल हिन्दी बाइबल कदाचित कोई यह कहे, “मेरे लिए सब कुछ व्यवस्था के हिसाब से सही है.” ठीक है, किंतु मैं कहता हूं कि तुम्हारे लिए सब कुछ लाभदायक नहीं है. मैं भी कह सकता हूं कि मेरे लिए सब कुछ व्यवस्था के हिसाब से सही है किंतु मैं नहीं चाहूंगा कि मैं किसी भी वस्तु का दास बनूं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब वस्तुएँ लाभ की नहीं, सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित हैं, परन्तु मैं किसी बात के अधीन न होऊँगा। |
जब कोई पुरुष स्त्री से प्रसंग करे, तो वे दोनों जल से स्नान करें, और साँझ तक अशुद्ध रहें।
वह सब्त का दिन था। इसलिये यहूदी उससे जो चंगा हुआ था, कहने लगे, “आज तो सब्त का दिन है, तुझे खाट उठाना उचित नहीं।”
अत: मूर्तियों के सामने बलि की हुई वस्तुओं के खाने के विषय में – हम जानते हैं कि मूर्ति जगत में कोई वस्तु नहीं, और एक को छोड़ और कोई परमेश्वर नहीं।
जब दूसरों का तुम पर यह अधिकार है, तो क्या हमारा इससे अधिक न होगा? परन्तु हम यह अधिकार काम में नहीं लाए; परन्तु सब कुछ सहते हैं कि हमारे द्वारा मसीह के सुसमाचार में कुछ रुकावट न हो।
परन्तु मैं अपनी देह को मारता कूटता और वश में लाता हूँ, ऐसा न हो कि औरों को प्रचार करके मैं आप ही किसी रीति से निकम्मा ठहरूँ।
यह नहीं कि हमें अधिकार नहीं, पर इसलिये कि अपने आप को तुम्हारे लिये आदर्श ठहराएँ कि तुम हमारी सी चाल चलो।
ये तुम्हारी प्रेम सभाओं में तुम्हारे साथ खाते–पीते, समुद्र में छिपी हुई चट्टान सरीखे हैं, और बेधड़क अपना ही पेट भरनेवाले रखवाले हैं; वे निर्जल बादल हैं, जिन्हें हवा उड़ा ले जाती है; पतझड़ के निष्फल पेड़ हैं, जो दो बार मर चुके हैं, और जड़ से उखड़ गए हैं;