मानो सूर्योदय का प्रकाश है, मेघ-रहित प्रात:कालीन सूर्य का आलोक है। वह वर्षा के सदृश है, जो भूमि पर घास उगाती है।”
होशे 14:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं इस्राएल के लिए ओस की बूंद बनूंगा, जो वनस्पति को जीवन प्रदान करती है। वह सोसन पुष्प की तरह खिल उठेगा। देवदार वृक्ष के सदृश वह जड़ पकड़ लेगा। पवित्र बाइबल मैं इस्राएल के निमित्त ओस सा बनूँगा। इस्राएल कुमुदिनी के फूल सा खिलेगा। उसकी बढ़वार लबानोन के देवदार वृक्षों सी होगी। Hindi Holy Bible मैं इस्राएल के लिये ओस के समान हूंगा; वह सोसन की नाईं फूले-फलेगा, और लबानोन की नाईं जड़ फैलाएगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं इस्राएल के लिये ओस के समान हूँगा; वह सोसन के समान फूले–फलेगा, और लबानोन के समान जड़ फैलाएगा। सरल हिन्दी बाइबल मैं इस्राएल के लिये ओस के समान होऊंगा; वह कुमुदिनी के फूल के समान खिलेगा. लबानोन के देवदार वृक्ष के समान उसकी जड़ें नीचे दूर-दूर तक फैलेंगी; इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं इस्राएल के लिये ओस के समान होऊँगा; वह सोसन के समान फूले-फलेगा, और लबानोन के समान जड़ फैलाएगा। |
मानो सूर्योदय का प्रकाश है, मेघ-रहित प्रात:कालीन सूर्य का आलोक है। वह वर्षा के सदृश है, जो भूमि पर घास उगाती है।”
यह हेर्मोन पर्वत की ओस के समान है, जो सियोन की पहाड़ियों पर गिरती है! वहां प्रभु अपनी आशिष को, शाश्वत जीवन को प्रेषित करता है।
देश में प्रचुर अन्न हो; पर्वतों के शिखर पर खेत लहलहाए। उनकी बालें लबानोन के वृक्षों के समान और नगर के निवासी घास के समान खिलें।
धार्मिक व्यक्ति खजूर वृक्ष के समान फलते-फूलते हैं; वे लबानोन प्रदेश के देवदार-जैसे बढ़ते हैं।
राजा का क्रोध सिंह की दहाड़ के समान भयानक होता है; पर उसकी कृपा घास पर पड़ी ओस की बून्द के सदृश जीवनदायक होती है।
‘मैं अपने प्रियतम की हूं, और वह मेरा है। वह सोसन पुष्पों के मध्य अपनी भेड़-बकरियां चराता है।
तेरे दो उरोज मानो दो मृग शावक हैं, मानो सोसन पुष्पों के मध्य चरते हुए मृग के दो जुड़वा बच्चे हैं।
तू उस दिन यह कहेगा : “प्रभु, मैं तुझे धन्यवाद देता हूं। यद्यपि तू मुझ पर क्रोधित था, तथापि तेरा क्रोध अब शान्त हो गया, और तूने मुझे सांत्वना दी।
प्रभु ने मुझसे यों कहा : “सूर्य की तेज धूप के समान, फसल की कटनी के समय ओस-भरे बादल के समान मैं अपने निवास-स्थान से उन पर चुपचाप दृष्टिपात करूंगा।”
ओ इस्राएली राष्ट्र, तेरे मृतक जीवित होंगे, उनका मृत शरीर लाशों के मध्य से उठेगा। ओ मिट्टी में दफनाए गए मृत लोगो, जागो, और जयजयकार करो! प्रभु, तेरी यह ओस ज्योतिर्मय ओस है। तू उसको मृत-लोक पर बरसाएगा, और मृतक जीवित हो जाएंगे!
आगामी दिनों में याकूब राष्ट्र जड़ पकड़ेगा, इस्राएल देश पुष्पित होगा, उसमें शाखाएँ फूटेंगी, वह अपने फलों से समस्त संसार को भर देगा।
केसर के उद्यान की तरह वह फूलों से भर जाएगा; वह आनन्द के गीत गाएगा, और हर्ष मनाएगा। प्रभु उसको लबानोन की महिमा, कर्मेल और शारोन का प्रताप प्रदान करेगा। वे प्रभु की महिमा, हमारे परमेश्वर का प्रताप देखेंगे।
मैं प्यासी भूमि को पानी दूंगा, सूखी भूमि पर नदियाँ बहाऊंगा। मैं तेरे वंशजों पर अपना आत्मा उण्डेलूंगा, तेरी सन्तान पर अपनी आशिष की वर्षा करूंगा।’
ओ आकाश, धर्म की वर्षा कर। ओ आकाश-मण्डल, धार्मिकता बरसा। धरती की सतह खुल जाए, जिससे उद्धार का अंकुर फूटे। वह धार्मिकता को भी उपजाए। मैं-प्रभु ने ही उसे रचा है।
मैंने उसका आचरण देखा, तो भी मैं उसको स्वस्थ करूंगा। मैं उसका पथ-प्रदर्शन करूंगा, मैं उसकी क्षति के बदले में उसको शान्ति प्रदान करूंगा। जो उसके लिए शोक करते हैं, उन्हें मैं स्वयं अपने मुंह से शान्ति के वचन कहूंगा।’
प्रभु यह कहता है : ‘जो समीप है, और जो दूर है, दोनों का कल्याण हो, उन्हें शान्ति प्राप्त हो। मैं उन्हें स्वस्थ करूंगा।
प्रभु ने उनसे कहा था, ‘ओ विश्वासघाती सन्तान, लौट आ! मैं तेरे विश्वासघात के घाव को भर दूंगा।’ वे बोले, ‘देख, हम तेरे पास लौट आए हैं; क्योंकि तू ही हमारा प्रभु परमेश्वर है
‘उनकी भलाई करने में मुझे सदा आनन्द आएगा, और मैं अपने सम्पूर्ण हृदय और सम्पूर्ण प्राण से, पूर्ण सच्चाई से इस देश में उनको रोपूंगा।
आओ, हम प्रभु का अनुभव प्राप्त करें। आओ, हम प्रभु के ज्ञान की तलाश करें। ऊषा की तरह उसका प्रकट होना निश्चित है। वर्षा की बूंदों के सदृश वह हमारे पास आएगा; भूमि को सींचनेवाली वसंत की वर्षा के समान वह हमारे पास आएगा।’
तब अनेक राष्ट्रों से घिरे हुए शेष याकूब-वंशीय प्रभु-प्रेषित ओस की बूंद के सदृश, घास पर बरसती वर्षा के समान होंगे, जो लोगों की पुकार की प्रतीक्षा नहीं करती, जो मनुष्यों की राह नहीं देखती।
हे प्रभु, तेरे समान अधर्म को क्षमा करनेवाला, अपनी मीरास के बचे हुए लोगों के अपराध क्षमा करनेवाला और कौन ईश्वर है? तू सदा क्रोध नहीं करता, क्योंकि तू करुणा से प्रसन्न होता है।
और कपड़ों की चिन्ता क्यों करते हो? खेत के फूलों से सीखो। वे कैसे बढ़ते हैं! वे न तो श्रम करते हैं और न कातते हैं।
“फूलों पर ध्यान दो। वे कैसे बढ़ते हैं! वे न तो श्रम करते हैं और न कातते हैं। फिर भी मैं तुम से कहता हूँ कि राजा सुलेमान भी अपने समस्त वैभव में उन में से किसी एक के समान विभूषित नहीं था।
जिससे विश्वास द्वारा मसीह आपके हृदय में निवास करें, प्रेम में आपकी जड़ें गहरी हों और नींव सुदृढ़ हो।
मेरी शिक्षाएँ वर्षा के सदृश बरसें, मेरे शब्द ओस के सदृश टपकें, जैसे हरी घास पर रिमझिम वर्षा, जैसे वनस्पति पर बौछार!