जो अपनी सम्पत्ति पर भरोसा रखते हैं, और अपने अपार धन पर अहंकार करते हैं, तब क्यों मैं भयभीत होऊं?
होशे 12:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) एफ्रइम ने कहा, ‘अरे, मैं धनवान हूं। मैंने अपने लिए धन कमाया है।’ पर उसकी सारी सम्पत्ति भी उसके पाप नहीं मिटा सकती जो उसने किए हैं। पवित्र बाइबल एप्रैम ने कहा, ‘मैं धनवान हूँ! मैंने सच्ची सम्पत्ति पा ली है। मेरे अपराधों का किसी व्यक्ति को पता नहीं चलेगा। मेरे पापों को कोई व्यक्ति जान ही नहीं पायेगा।’ Hindi Holy Bible एप्रैम कहता है, मैं धनी हो गया, मैं ने सम्पत्ति प्राप्त की है; मेरे किसी काम में ऐसा अधर्म नहीं पाया गया जिस से पाप लगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) एप्रैम कहता है, “मैं धनी हो गया, मैं ने सम्पत्ति प्राप्त की है; मेरे किसी काम में ऐसा अधर्म नहीं पाया गया जिस से पाप लगे।” सरल हिन्दी बाइबल एफ्राईम घमंड करता है, “मैं बहुत धनवान हूं; मैं धनी हो गया हूं. मेरी सारी संपत्ति सहित वे मुझमें कोई अपराध या पाप नहीं पाएंगे.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 एप्रैम कहता है, “मैं धनी हो गया, मैंने सम्पत्ति प्राप्त की है; मेरे किसी काम में ऐसा अधर्म नहीं पाया गया जिससे पाप लगे।” (प्रका. 3:17) |
जो अपनी सम्पत्ति पर भरोसा रखते हैं, और अपने अपार धन पर अहंकार करते हैं, तब क्यों मैं भयभीत होऊं?
“देखो, उस शक्तिमान को, जिसने परमेश्वर को अपना गढ़ नहीं बनाया, वरन् जिसने अपने धन-वैभव की प्रचुरता पर भरोसा किया, और अपनी धन-सम्पत्ति को अपना गढ़ माना।”
अत्याचार पर भरोसा मत करो, लूट-मार से न फूलो; यदि धन-सम्पत्ति की वृद्धि होती है, तो उस पर हृदय मत लगाओ।
प्रभु उन व्यापारियों से घृणा करता है जो झूठे नाप-तौल रखते हैं; पर वह सच्चे, खरे बाट से प्रसन्न होता है।
संसार में कुछ मनुष्य हैं जो स्वयं को अपनी दृष्टि में शुद्ध मानते हैं; किन्तु वे गन्दे हैं। उनकी गन्दगी धुली नहीं है।
यह व्यभिचारिणी स्त्री का आचरण है : जैसे भोजन के बाद मनुष्य मुंह पोंछता है, वैसे ही व्यभिचारिणी स्त्री व्यभिचार कर्म के बाद कहती है, “मैंने कोई बुरा काम नहीं किया।”
‘तू कैसे कह सकती है कि तू अशुद्ध नहीं है? क्या तू इन्कार कर सकती है कि तूने बअल देवता का अनुसरण नहीं किया? घाटी में तूने जो किया है, उस पर दृष्टि कर; अपने आचरण को जान ले! तू कामाग्नि में जलती हुई इधर-उधर वेग से दौड़नेवाली ऊंटनी थी!
तू कहती है, “मैं निर्दोष हूं; निश्चय ही प्रभु का क्रोध मुझ पर से हट जाएगा।” पर नहीं, क्योंकि तूने कहा कि तूने पाप नहीं किया, इसलिए मैं तुझे न्याय के कटघरे में खड़ा करूँगा।
जैसे पिंजरा चिड़ियों से भरा रहता है वैसे ही उनका घर लूट से भरा है। वे अपने छल-कपट से धनवान बन गए हैं, और समाज में बड़े लोग कहलाते हैं।
तू बुद्धिमान व्यापारी है; तूने व्यापार से अपनी धन-सम्पत्ति बढ़ाई है। इस धन-सम्पत्ति के कारण तेरा हृदय घमण्ड से फूल उठा है।
पर चरागाह में पहुंचते ही जब तुम्हारा गले तक पेट भर गया, जब तुम्हारा हृदय अहंकार से फूल उठा, तुम मुझे भूल गए।
तुम चाहते हो कि नवचन्द्र पर्व कब खत्म हो, और तुम अनाज बेचो। विश्राम दिवस कब बीते, और तुम गेहूं को बेचना आरंभ करो। तुम अनाज मापने की माप को छोटा रखते हो, पर जब खरीदार से तौलकर मुद्राएं लेते हो तो तौल को भारी कर देते हो! तुम खोटी तराजू रखकर खरीदारों को ठगते हो।
अत: मछुआ अपने जाल के सम्मुख बलि चढ़ाता है। वह महाजाल के सामने धूप जलाता है। जाल और महाजाल के द्वारा ही वह सुख से जीवन बिताता है, घी-चुपड़ी रोटी खाता है।
जो लोग इस रेवड़ की भेड़-बकरियां खरीदते हैं, वे उनका वध करते हैं; फिर भी वे स्वयं दण्ड से बचे रहते हैं। उनको बेचनेवाले यह कहते हैं, “प्रभु को धन्यवाद, मैं धनी बन गया।” उनके चरवाहे भी उन पर दया नहीं करते।
ओ पुरोहितो! तुमने अपनी बातों से प्रभु को उकता दिया है। फिर भी तुम पूछते हो, ‘हमने कैसे प्रभु को उकता दिया?’ तुम यह कहकर उसे उकता देते हो, ‘जो बुराई करता है, वह प्रभु की दृष्टि में भला है, क्योंकि प्रभु बुरे कार्यों से प्रसन्न होता है।’ तुम यह भी पूछते हो, ‘न्याय करने वाला परमेश्वर कहां है?’
प्रभु यों कहता है, ‘तुमने मेरे विरुद्ध कड़ी-कड़ी बातें कहीं। फिर भी तुम कहते हो, “हमने तेरे विरुद्ध क्या कहा है?”
इस पर व्यवस्था के आचार्य ने अपने प्रश्न की सार्थकता दिखलाने के लिए येशु से पूछा, “लेकिन मेरा पड़ोसी कौन है?”
और अपने प्राण से कहूँगा−ओ मेरे प्राण! तेरे पास बरसों के लिए बहुत-सी सम्पत्ति रखी है, इसलिए विश्राम कर, खा-पी और मौज उड़ा।’
“कोई भी सेवक दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता; वह या तो एक से बैर और दूसरे से प्रेम करेगा, या एक का आदर और दूसरे का तिरस्कार करेगा। तुम परमेश्वर और धन−दोनों की सेवा नहीं कर सकते।”
इस पर येशु ने उनसे कहा, “तुम लोग मनुष्यों के सामने तो धर्मी होने का ढोंग रचते हो, परन्तु परमेश्वर तुम्हारा हृदय जानता है। जो बात मनुष्यों की दृष्टि में महत्व रखती है, वह परमेश्वर की दृष्टि में घृणित है।
सावधान! ऐसा न हो कि तू अपने हृदय में कहे, “मैंने अपनी शक्ति से, अपने भुजबल से यह सम्पत्ति अर्जित की है।”
इस वर्तमान संसार के धनवानों से अनुरोध करो कि वे घमण्ड न करें और नश्वर धन-सम्पत्ति पर नहीं, बल्कि परमेश्वर पर भरोसा रखें, जो हमारे उपभोग की सब वस्तुएं पर्याप्त मात्रा में देता है।
और निरन्तर झगड़े उत्पन्न होते हैं। यह सब ऐसे लोगों के योग्य है, जिनका मन विकृत और सत्य से वंचित हो गया है और यह समझते हैं कि भक्ति लाभ का एक साधन है।
तुम यह कहते हो, ‘मैं धनी हूँ, मैं समृद्ध हो गया, मुझे किसी बात की कमी नहीं’, और तुम यह नहीं समझते कि तुम अभागे हो, दयनीय हो, दरिद्र, अन्धे और नंगे हो।