तत्पश्चात् उसका भाई गर्भ से बाहर आया। वह अपने हाथ में एसाव की एड़ी पकड़े हुए था। अत: उसका नाम याकूब रखा गया। जब रिबका ने उनको जन्म दिया तब इसहाक की आयु साठ वर्ष की थी।
होशे 12:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह दूत से लड़ा, और उससे जीता भी था। वह रोया, और उससे आशिष मांगी। परमेश्वर बेत-एल में याकूब से मिला; और वहां उसने याकूब से बात की। पवित्र बाइबल याकूब ने परमेश्वर के स्वर्गदूत से कुश्ती लड़ी और उससे जीत गया। उसने पुकारा और कृपा करने के लिये विनती की। यह बेतेल में घटा था। उसी स्थान पर उसने हमसे बातचीत की थी। Hindi Holy Bible वह दूत से लड़ा, और जीत भी गया, वह रोया और उसने गिड़गिड़ाकर बिनती की। बेतेल में वह उसको मिला, और वहीं उसने हम से बातें की। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह दूत से लड़ा, और जीत भी गया, वह रोया और उस से गिड़गिड़ाकर विनती की। बेतेल में वह उसको मिला, और वहीं उस ने हम से बातें कीं। सरल हिन्दी बाइबल उसने स्वर्गदूत से संघर्ष किया और उस पर प्रबल हुआ; वह रोया और उससे कृपादृष्टि के लिये विनती की. बेथेल में वह परमेश्वर से मिला और वहां उसने उनसे बातें की— इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह दूत से लड़ा, और जीत भी गया, वह रोया और उसने गिड़गिड़ाकर विनती की। बेतेल में वह उसको मिला, और वहीं उसने हम से बातें की। |
तत्पश्चात् उसका भाई गर्भ से बाहर आया। वह अपने हाथ में एसाव की एड़ी पकड़े हुए था। अत: उसका नाम याकूब रखा गया। जब रिबका ने उनको जन्म दिया तब इसहाक की आयु साठ वर्ष की थी।
जब उस मनुष्य ने देखा कि वह याकूब को पराजित नहीं कर सकता, तब उसने याकूब की जांघ के जोड़ को स्पर्श किया। अत: उससे लड़ते-लड़ते याकूब की जांघ का जोड़ उखड़ गया।
उस मनुष्य ने कहा, ‘मुझे जाने दे। सबेरा हो रहा है।’ याकूब बोला, ‘जब तक तू मुझे आशीर्वाद नहीं देगा, मैं तुझे नहीं जाने दूँगा।’
याकूब ने पूछा, ‘कृपया, मुझे अपना नाम बता।’ उसने कहा, ‘तूने मेरा नाम क्यों पूछा?’ तत्पश्चात् उसने याकूब को आशीर्वाद दिया।
जिस स्थान पर परमेश्वर ने याकूब से वार्तालाप किया था, उसने उस स्थान का नाम बेत-एल रखा।
तदुपरान्त उन्होंने उनको आशीर्वाद दिया: ‘परमेश्वर, जिसकी उपस्थिति में रहकर मेरे पूर्वज अब्राहम और इसहाक आचरण करते थे, परमेश्वर, जिसने दीर्घायु में आज तक मेरा नेतृत्व किया,
उसने सागर को सूखी भूमि में बदल दिया। लोगों ने पैदल ही नदी पार की थी। वहां हम प्रभु में हर्षित हुए थे।
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है, ‘मैं अपने दूत को अपने आगमन के पूर्व भेज रहा हूं। वह मेरे मार्ग को तैयार करेगा। और वह स्वामी, जिसको तुम ढूंढ़ रहे हो, अपने मन्दिर में अचानक आएगा। विधान का वह दूत, जिससे तुम प्रसन्न हो, देखो, वह आ रहा है।
इसके बाद हम, जो जीवित हैं और जो उस समय तक शेष रहेंगे, उन लोगों के साथ बादलों में ऊपर उठा लिये जायेंगे और आकाश में प्रभु से मिलेंगे। इस प्रकार हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे।
मसीह ने इस पृथ्वी पर रहते समय पुकार-पुकार कर और आँसू बहा-बहा कर परमेश्वर से, जो उन्हें मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थना और अनुनय-विनय की। श्रद्धाभक्ति के कारण उनकी प्रार्थना सुनी गयी।