मैंने पूछा, ‘स्वामी, यह स्थिति कब तक रहेगी?’ प्रभु ने कहा, ‘जब तक नगर उजड़ कर निर्जन न बन जाएं; जब तक मकान सुनसान न हो जाएं; जब तक खेत पूर्णत: उजड़ न जाएं।
सपन्याह 1:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) शत्रु उनकी सम्पत्ति लूटेंगे; उनके आबाद घर उजड़ जाएंगे। यद्यपि वे मकान बनाएंगे, तथापि वे उनमें रह नहीं पाएंगे। यद्यपि वे अंगूर-उद्यान लगाएंगे तथापि वे उसका अंगूर-रस पी नहीं सकेंगे।’ पवित्र बाइबल तब अन्य लोग उनकी सारी सम्पत्ति लेंगे तथा उनके घरों को नष्ट करेंगे। उस समय जिन लोगों ने घर बनाए होंगे, वे उनमें नहीं रहेंगे और जिन लोगों ने अंगूर की बेलें खेतों में रोपी होंगी, वे उन अंगूरों का दाखमधु नहीं पीएंगे, उन चीज़ों को अन्य लोग लेंगे।” Hindi Holy Bible तब उनकी धन सम्पत्ति लूटी जाएगी, और उनके घर उजाड़ होंगे; वे घर तो बनाएंगे, परन्तु उन में रहने न पाएंगे; और वे दाख की बारियां लगाएंगे, परन्तु उन से दाखमधु न पीने पाएंगे॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब उनकी धन सम्पत्ति लूटी जाएगी, और उनके घर उजाड़ होंगे; वे घर तो बनाएँगे, परन्तु उन में रहने न पाएँगे; और वे दाख की बारियाँ लगाएँगे, परन्तु उन से दाखमधु न पीने पाएँगे।” सरल हिन्दी बाइबल उनका धन लूट लिया जाएगा, और उनके घर ढह जाएंगे. यद्यपि वे घर बनाते हैं, किंतु वे उनमें नहीं रह सकेंगे; यद्यपि वे अंगूर की बारी तो लगाएंगे, किंतु वे उससे बना दाखमधु नहीं पी सकेंगे.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब उनकी धन-सम्पत्ति लूटी जाएगी, और उनके घर उजाड़ होंगे; वे घर तो बनाएँगे, परन्तु उनमें रहने न पाएँगे; और वे दाख की बारियाँ लगाएँगे, परन्तु उनसे दाखमधु न पीने पाएँगे।” |
मैंने पूछा, ‘स्वामी, यह स्थिति कब तक रहेगी?’ प्रभु ने कहा, ‘जब तक नगर उजड़ कर निर्जन न बन जाएं; जब तक मकान सुनसान न हो जाएं; जब तक खेत पूर्णत: उजड़ न जाएं।
प्रभु, तूने इस्राएली राष्ट्र से कहा था: ‘जो पाप तूने अपने देश में किए हैं, उनके दण्ड के लिए मैं तेरी सारी धन-सम्पत्ति, तेरा बहुमूल्य खजाना लुटेरे शत्रु को दे दूंगा।
विनाश पर विनाश का समाचार आ रहा है; सारा प्रदेश लूट लिया गया है। अचानक मेरे निवास-स्थान के तम्बू उखाड़ लिये गए, क्षण-भर में मेरी कनातें नष्ट हो गयीं।
एक सिंह अपनी झाड़ी से निकल पड़ा है; राष्ट्रों के विनाशक ने कूच का डंका बजाया है। वह अपने स्थान से बाहर निकला है। वह तुम्हारे देश को उजाड़ देगा; तुम्हारे नगरों को खण्डहर बना देगा, और वे निर्जन हो जाएंगे।
वे तुम्हारी फसल और तुम्हारी खाने-पीने की वस्तुएं चटकर जाएंगे; वे तुम्हारे पुत्रों और पुत्रियों को निगल जाएंगे। वे तुम्हारी पशुशाला की भेड़-बकरियां और रेवड़ के गाय-बैल खा जाएंगे। वे तुम्हारे अंगूर-उद्यान के अंगूर, और अंजीर-कुंज के अंजीर साफ कर देंगे। जिन किलाबंद नगरों पर तुम्हें भरोसा है, उनको तलवार के बल पर खण्डहर बना देंगे।’
प्रभु कहता है, ‘मैं यरूशलेम को खण्डहरों का ढेर और गीदड़ों की मांद बना दूंगा। मैं यहूदा प्रदेश के नगरों को उजाड़ दूंगा, वे निर्जन हो जाएंगे।’
सियोन से यह शोक गीत सुनाई दे रहा है: “हम बरबाद हो गए! हम अपमान से भूमि में गड़ गए। हमें अपने देश को छोड़ना पड़ा। शत्रुओं ने हमारे निवास-स्थान ध्वस्त कर दिए।” ’
हमारी पैतृक भूमि विदेशियों के हाथ में चली गई, हमारे निवास-स्थानों पर विजातियों ने कब्जा कर लिया है।
अत: मैंने अपनी क्रोधाग्नि उन पर उण्डेल दी। मैंने अपने क्रोध की ज्वाला से उनको भस्म कर दिया। मैंने उनके आचरण का प्रतिफल उन्हीं के सिर पर लौटा दिया।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
उन्होंने सड़कों पर अपनी चांदी की मूर्तियां फेंक दी हैं। उनकी सोने की मूर्तियां अशुद्ध वस्तुएं हो गई हैं। ये सोना-चांदी की मूर्तियाँ उनके प्रभु के कोप-दिवस पर उनको संकट से नहीं बचा सकीं। वे उनकी भूख को तृप्त नहीं कर सकीं और न उनका पेट भर सकीं। वास्तव में ये मूर्तियां ही तो उनके अधर्म का कारण हैं।
मैं यह सोना-चांदी विदेशियों के हाथ में लूट के रूप में दे दूंगा। सम्पूर्ण पृथ्वी के दुर्जन इसको लूट लेंगे और सोना-चांदी की मूर्तियों को अपवित्र कर देंगे।
इसलिए मैं राष्ट्रों में सबसे दुष्ट राष्ट्र को भड़काऊंगा कि वह इस्राएल पर आक्रमण करे। वह आएगा, और इस्राएलियों के घरों पर अधिकार कर लेगा। यों मैं उनके वैभव के अहंकार को धूल में मिला दूंगा, और उनके पवित्र स्थान अपवित्र हो जाएंगे।
तुम गरीब को रौंदते हो, उससे भेंट के रूप में जबरदस्ती अनाज लेते हो। तुमने घूस की कमाई से पत्थरों के भव्य मकान बनाए हैं; पर तुम उन मकानों में रह नहीं सकोगे! तुमने अंगूर के हरे-भरे उद्यान लगाए हैं; लेकिन तुम उनका रस न पी सकोगे!
अत: तुम्हारे कारण सियोन नगर जोते गए खेत के समान दिखाई देगा; यरूशलेम मलवों का ढेर बनेगा, और मन्दिर का पहाड़ पूजा-स्थल का जंगल!
तू बोएगा पर फसल काट नहीं पाएगा। तू जैतून का तेल निकालेगा, पर उसको सिर पर नहीं लगा पाएगा। तू अंगूर से रस निकालेगा, पर उसको पी नहीं पाएगा।
उस दिन मैं मन्दिर की ड्योढ़ी लांघनेवालों को; अपने मालिक के मकान में हिंसा और छल-कपट करनेवालों को दण्ड दूंगा।’ प्रभु की यही वाणी है।
तू कुंआरी कन्या से सगाई करेगा, पर दूसरा व्यक्ति उससे विवाह करेगा। तू मकान बनाएगा, पर स्वयं उसमें निवास नहीं कर सकेगा। तू अंगूर का उद्यान लगाएगा, पर उसके फलों का आनन्द नहीं ले पाएगा।
तू अंगूर के उद्यान लगाएगा, उनमें परिश्रम करेगा, पर न तू अंगूर-रस पी सकेगा, और न अंगूर के फल एकत्र कर सकेगा, क्योंकि कीड़ा उनको खा जाएगा।
जब तक तू नष्ट नहीं हो जाएगा, तब तक वे तेरे पशुओं के बच्चों और तेरी भूमि की उपज को खाते रहेंगे। जब तक वे तुझको मिटा नहीं देंगे, तब तक वे तेरे लिए अन्न, अंगूर का रस, तेल, तेरे पालतू पशुओं और भेड़-बकरियों के बच्चे नहीं छोड़ेंगे।