दाऊद ने बालक के लिए परमेश्वर से अनुनय-विनय की। उसने उपवास किया। वह महल में आया। वह रात भर भूमि पर पड़ा रहा।
व्यवस्थाविवरण 9:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं पहले के समान चालीस दिन और चालीस रात प्रभु के सम्मुख पड़ा रहा। मैंने न रोटी खाई, और न पानी पिया, क्योंकि जो कार्य प्रभु की दृष्टि में बुरा था, उसको करके तुमने पाप किया था और इस प्रकार तुमने प्रभु को चिढ़ाया था। पवित्र बाइबल तब मैं यहोवा के सामने झुका और अपने चेहरे को जमीन पर करके चालीस दिन और चालीस रात वैसे ही रहा। मैंने न रोटी खाई, न पानी पिया। मैंने यह इसलिए किया कि तुमने इतना बुरा पाप किया था। तुमने वह किया जो यहोवा के लिए बुरा है और तुमने उसे क्रोधित किया। Hindi Holy Bible तब तुम्हारे उस महापाप के कारण जिसे करके तुम ने यहोवा की दृष्टि में बुराई की, और उसे रीस दिलाई थी, मैं यहोवा के साम्हने मुंह के बल गिर पड़ा, और पहिले की नाईं, अर्थात चालीस दिन और चालीस रात तक, न तो रोटी खाई और न पानी पिया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब तुम्हारे उस महापाप के कारण जिसे करके तुम ने यहोवा की दृष्टि में बुराई की और उसे रिस दिलाई थी, मैं यहोवा के सामने मुँह के बल गिर पड़ा और पहले के समान, अर्थात् चालीस दिन और चालीस रात तक न तो रोटी खाई और न पानी पिया। सरल हिन्दी बाइबल उन पहले के चालीस दिनों और चालीस रातों के समान मैं याहवेह के सामने पड़ा रहा; मैंने न तो भोजन किया, न जल का पान; क्योंकि तुमने वह भीषण पाप कर डाला था, जो याहवेह की दृष्टि में बुरा था. इससे तुमने याहवेह का कोप भड़का डाला था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब तुम्हारे उस महापाप के कारण जिसे करके तुम ने यहोवा की दृष्टि में बुराई की, और उसे रिस दिलाई थी, मैं यहोवा के सामने मुँह के बल गिर पड़ा, और पहले के समान, अर्थात् चालीस दिन और चालीस रात तक, न तो रोटी खाई और न पानी पिया। |
दाऊद ने बालक के लिए परमेश्वर से अनुनय-विनय की। उसने उपवास किया। वह महल में आया। वह रात भर भूमि पर पड़ा रहा।
अत: एलियाह उठे। उन्होंने खाया-पिया। वह इस भोजन से बल प्राप्त कर चालीस दिन और चालीस रात चलते रहे, और परमेश्वर के पर्वत होरेब पर पहुंचे।
उसके बाद एज्रा परमेश्वर के भवन के सामने से उठकर योहानान बेन-एल्याशीब के कमरे में गया, और उसने वहां बिना खाए-पीए रात बिताई; क्योंकि वह निष्कासन से लौटे इस्राएलियों के विश्वासघात के लिए शोक मना रहा था।
अत: प्रभु ने कहा कि वह उन्हें मार डालता, यदि प्रभु का मनोनीत मूसा उसके सम्मुख खड़ा न होता, और उसका कोप लौटा न देता; निस्सन्देह, प्रभु उन्हें नष्ट कर देता।
मूसा वहाँ प्रभु के साथ चालीस दिन और चालीस रात रहे। न तो उन्होंने रोटी खाई और न पानी पिया। उन्होंने विधान की बातें, अर्थात् दस आज्ञाएँ पट्टियों पर लिख लीं।
मूसा ने कहा, ‘हे स्वामी, यदि मैंने तेरी कृपा-दृष्टि प्राप्त की है, तो मैं विनती करता हूँ, स्वामी, यद्यपि वे ऐंठी-गरदन के लोग हैं, तो भी तू हमारे मध्य में होकर चल। हमारे अधर्म को, हमारे पाप को क्षमा कर और हमें अपनी निज सम्पत्ति बना।’
‘मैं पहले के समान पहाड़ पर चालीस दिन और चालीस रात रहा। उस समय भी प्रभु ने मेरी बात सुनी, और तुम्हें नष्ट करने की इच्छा त्याग दी।
तब मैंने दोनों पट्टियाँ पकड़ीं, और अपने दोनों हाथों से उन्हें फेंक दिया। तुम्हारी आंखों के सामने मैंने उनके टुकड़े-टुकड़े कर दिए।
‘अत: मैं प्रभु के सम्मुख चालीस दिन और चालीस रात पड़ा रहा, क्योंकि प्रभु ने कहा था कि वह तुम्हें नष्ट कर देगा।
जब मैं पत्थर की पट्टियाँ, उस विधान की पट्टियाँ, जो प्रभु ने तुम्हारे साथ स्थापित किया, ग्रहण करने के लिए पहाड़ पर चढ़ा था, तब मैं चालीस दिन और चालीस रात तक पहाड़ पर रहा। मैंने न रोटी खायी और न पानी पिया।