जब वे यर्दन नदी के किनारे पर स्थित ‘आटद का खलियान’ नामक स्थान पर पहुँचे, तब उन्होंने अत्यन्त शोक मनाया। यूसुफ ने भी अपने पिता के लिए सात दिन तक शोक किया।
व्यवस्थाविवरण 34:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस्राएली समाज ने मोआब के मैदान में मूसा के लिए तीस दिन तक शोक मनाया। उसके बाद उसके मृत्यु-शोक और विलाप के दिन समाप्त हुए। पवित्र बाइबल इस्राएल के लोग मूसा के लिए मोआब के निचले प्रदेश में तीस दिन तक रोते चिल्लाते रहे। यह शोक मनाने का पूरा समय था। Hindi Holy Bible और इस्राएली मोआब के अराबा में मूसा के लिये तीस दिन तक रोते रहे; तब मूसा के लिये रोने और विलाप करने के दिन पूरे हुए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और इस्राएली मोआब के अराबा में मूसा के लिये तीस दिन तक रोते रहे; तब मूसा के लिये रोने और विलाप करने के दिन पूरे हुए। सरल हिन्दी बाइबल इस्राएल वंशज मोशेह के लिए मोआब के मैदानों में तीस दिन तक विलाप करते रहे. तीस दिन के बाद उनका मोशेह के लिए विलाप करना खत्म हुआ. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और इस्राएली मोआब के अराबा में मूसा के लिये तीस दिन तक रोते रहे; तब मूसा के लिये रोने और विलाप करने के दिन पूरे हुए। |
जब वे यर्दन नदी के किनारे पर स्थित ‘आटद का खलियान’ नामक स्थान पर पहुँचे, तब उन्होंने अत्यन्त शोक मनाया। यूसुफ ने भी अपने पिता के लिए सात दिन तक शोक किया।
इस संलेपन-कार्य में चालीस दिन लगे; क्योंकि शव पर मसाले का लेप लगाने के लिए इतने ही दिन लगते हैं। मिस्र के निवासियों ने याकूब के लिए सत्तर दिन तक शोक मनाया।
जब ऊरियाह की पत्नी बतशेबा ने यह सुना कि उसका पति मर गया, तब वह अपने पति के लिए शोक मनाने लगी।
जब धार्मिक मनुष्य मरता है, तब इस पर कोई ध्यान नहीं देता। भक्त मनुष्य उठा लिये जाते हैं, पर यह बात कोई नहीं समझता : विपत्ति आने से पूर्व प्रभु भक्त मनुष्य को उठा लेता है।
जब मंडली ने देखा कि हारून का देहान्त हो गया तब समस्त इस्राएली परिवार ने उसके लिए तीस दिन तक शोक मनाया।
जब मूसा की मृत्यु हुई तब उनकी आयु एक सौ बीस वर्ष थी। परन्तु न उनकी आंखें धुंधली पड़ी थीं और न उनके शरीर की स्फूर्ति कम हुई थी।
मूसा ने अपनी मृत्यु के पूर्व यहोशुअ बेन-नून के सिर पर हाथ रखा था, इसलिए वह बुद्धि की आत्मा से परिपूर्ण था। इस्राएली समाज ने उसके आदेशों को सुना, और जो आज्ञा प्रभु ने मूसा को दी थी, उसके अनुसार कार्य किया।
शमूएल की मृत्यु हो गयी। सब इस्राएली एकत्र हुए। उन्होंने शमूएल के लिए शोक किया। तत्पश्चात् उन्होंने उसे उसके घर, रामाह नगर में गाड़ दिया। दाऊद उठा! वह माओन के निर्जन प्रदेश में चला गया।