प्रभु की करुणा के लिए, मानव-जाति के प्रति किए गए, उसके आश्चर्यपूर्ण कर्मों के लिए वे उसकी सराहना करें।
व्यवस्थाविवरण 32:29 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि इनमें बुद्धि होती तो ये यह बात सोचते, अपने कार्यों के अन्त को समझते! पवित्र बाइबल यदि शत्रु समझदार होत तो इसे समझ पाते, और देखते अपना अन्त भविष्य में Hindi Holy Bible भला होता कि ये बुद्धिमान होते, कि इस को समझ लेते, और अपने अन्त का विचार करते! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) भला होता कि ये बुद्धिमान होते, कि इसको समझ लेते, और अपने अन्त का विचार करते! सरल हिन्दी बाइबल यदि उनमें बुद्धिमता होती वे यह समझ लेते, उन्हें अपने अंत का अंतर्बोध हो जाता! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 भला होता कि ये बुद्धिमान होते, कि इसको समझ लेते, और अपने अन्त का विचार करते! (लूका 19:42) |
प्रभु की करुणा के लिए, मानव-जाति के प्रति किए गए, उसके आश्चर्यपूर्ण कर्मों के लिए वे उसकी सराहना करें।
अत: प्रभु, हमें सिखा कि हमारी आयु के दिन कितने कम हैं; और यों हम बुद्धिमत्तापूर्ण मन प्राप्त करें।
तुम दण्ड-दिवस पर क्या करोगे? सुदूर दिशा से आनेवाले विनाश के तूफान के समय तुम किसके पास सहायता के लिए भागकर जाओगे? तुम अपना धन कहाँ छोड़ जाओगे?
तुममें से कौन व्यक्ति, इन बातों पर कान देता है? कौन व्यक्ति ध्यान देकर भविष्य की बातों को सुनता है?
तूने सोचा था, कि तू सदा मालकिन बनी रहेगी। अत: तूने अपने हृदय में इन बातों पर विचार नहीं किया, तू भूल गई कि इनका परिणाम गंभीर होगा।
‘जो मनुष्य अन्यायपूर्ण साधनों से धन-सम्पत्ति संचित करता है, वह उस तीतरनी की तरह है, जो दूसरे पक्षियों के अण्डे सेती है। ऐसे मनुष्य के जीवन-काल में ही धन-सम्पत्ति उसका साथ छोड़ देती है; और अन्त में वह मूर्ख सिद्ध होता है।’
नबी झूठी नबूवत करते हैं; पुरोहित उनकी हां में हां मिलाते हैं। मेरे निज लोगों को यह पसन्द भी है। परन्तु जब अन्त आएगा तब तुम क्या करोगे?
उसकी अशुद्धता उसके कपड़ों पर लिपटी है। उसने अपने अंत का विचार भी न किया। अत: वह विस्मित ढंग से पतन के गड्ढे में गिर पड़ी! उसे सांत्वना देनेवाला भी कोई नहीं है। ‘हे प्रभु, मेरे कष्टों को देख; क्योंकि शत्रु मुझ पर प्रबल हो गया!’
जो मनुष्य बुद्धिमान है, वह इन बातों को समझे। जो व्यक्ति समझदार है, वह इन बातों को जाने : कि प्रभु का मार्ग सीधा है, और धार्मिक जन उस पर चलते हैं। पर अपराधी लड़खड़ाकर गिरते हैं।
‘अपने हृदय में विचार करो: आगे क्या होगा? जिस दिन मुझ-प्रभु के मन्दिर की नींव डाली गई थी, उस दिन से, अर्थात् नवें महीने की चौबीसवीं तारीख से, आगे की स्थिति पर विचार करो।
परन्तु परमेश्वर ने उस से कहा, ‘मूर्ख! इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा और तूने जो इकट्ठा किया है, वह अब किसका होगा?’
मैं जानता हूँ, तुम मेरी मृत्यु के पश्चात् निश्चय ही भ्रष्ट हो जाओगे। जिस मार्ग पर चलने का मैंने तुम्हें आदेश दिया है, उससे भटक जाओगे। आगामी दिनों में तुम पर बुराई का आक्रमण होगा। तुम वही कार्य करोगे, जो प्रभु की दृष्टि में बुरा है। इस प्रकार तुम अपने व्यवहार से उसको चिढ़ाओगे।’
भला होता कि उनका हृदय सदा ऐसा ही रहता। वे मुझसे डरते और मेरी भक्ति करते। वे मेरी सब आज्ञाओं का पालन करते, जिससे उनका और उनकी सन्तान का सदा भला होता!