प्रभु ने कहा, ‘मैं मनुष्य को पृथ्वी की सतह से मिटा दूंगा, जिसको मैंने रचा था। मैं मनुष्यों को, पशुओं को, रेंगनेवाले जन्तुओं और आकाश के पक्षियों को नष्ट करूंगा; क्योंकि मुझे इस बात का दु:ख है कि मैंने उन्हें बनाया।’
व्यवस्थाविवरण 28:63 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जैसे प्रभु तेरे लोगों की भलाई करने और उनकी जनसंख्या बढ़ाने में हर्षित होता था, वैसे ही वह उनको मिटाने में, नष्ट करने में हर्षित होगा। जिस भूमि पर तू अधिकार करने जा रहा है, उस पर से तू उखाड़ दिया जाएगा। पवित्र बाइबल “पहले यहोवा तुम्हारी भलाई करने और तुम्हारे राष्ट्र को बढ़ाने में प्रसन्न था। उसी तरह यहोवा तुम्हें नष्ट और बरबाद करने में प्रसन्न होगा। तुम उस देश से बाहर ले जाए जाओगे जिसे तुम अपना बनाने के लिये उसमें प्रवेश कर रहे हो। Hindi Holy Bible और जैसे अब यहोवा की तुम्हारी भलाई और बढ़ती करने से हर्ष होता है, वैसे ही तब उसको तुम्हें नाश वरन सत्यानाश करने से हर्ष होगा; और जिस भूमि के अधिकारी होने को तुम जा रहे हो उस पर से तुम उखाड़े जाओगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और जैसे अब यहोवा को तुम्हारी भलाई और बढ़ती करने से हर्ष होता है, वैसे ही तब उसको तुम्हारा नाश वरन् सत्यानाश करने से हर्ष होगा; और जिस भूमि के अधिकारी होने को तुम जा रहे हो उस पर से तुम उखाड़े जाओगे। सरल हिन्दी बाइबल जिस प्रकार एक समय याहवेह की तुष्टि तुम्हारे जनसंख्या के बढ़ने और समृद्धि में थी, उसी प्रकार याहवेह की तुष्टि होगी तुम्हें नाश कर देने और मिटा देने में. तुम जिस देश पर अधिकार करने के उद्देश्य से उसमें प्रवेश कर रहे हो, तुम वहां से निकाल दिए जाओगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और जैसे अब यहोवा को तुम्हारी भलाई और बढ़ती करने से हर्ष होता है, वैसे ही तब उसको तुम्हारा नाश वरन् सत्यानाश करने से हर्ष होगा; और जिस भूमि के अधिकारी होने को तुम जा रहे हो उस पर से तुम उखाड़े जाओगे। |
प्रभु ने कहा, ‘मैं मनुष्य को पृथ्वी की सतह से मिटा दूंगा, जिसको मैंने रचा था। मैं मनुष्यों को, पशुओं को, रेंगनेवाले जन्तुओं और आकाश के पक्षियों को नष्ट करूंगा; क्योंकि मुझे इस बात का दु:ख है कि मैंने उन्हें बनाया।’
अत: जब तुम पर विपत्ति आएगी तब मैं हंसूंगी, जब तुम पर आतंक छाएगा तब मैं तुम्हारा उपहास करूंगी।
अत: प्रभु, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु, इस्राएल का सर्वशक्तिमान परमेश्वर यों कहता है, ‘सुनो, मैं अपने शत्रुओं पर अपना क्रोध उतार कर चैन की सांस लूंगा; मैं अपने बैरियों से बदला लूंगा।
मैंने पूछा, ‘स्वामी, यह स्थिति कब तक रहेगी?’ प्रभु ने कहा, ‘जब तक नगर उजड़ कर निर्जन न बन जाएं; जब तक मकान सुनसान न हो जाएं; जब तक खेत पूर्णत: उजड़ न जाएं।
जैसे जवान पुरुष कुंआरी कन्या से विवाह करता है वैसे ही तेरा पुन: निर्माण करनेवाले तुझ से विवाह करेंगे। जैसे दूल्हा अपनी दुल्हिन से आनन्दित होता है वैसे ही तेरा परमेश्वर तुझसे हर्षित होगा।’
यह सच है कि जब मैं किसी कौम अथवा राज्य के सम्बन्ध में यह घोषित करता हूं कि मैं उसको उसके देश से उखाड़ कर नष्ट कर दूंगा और ध्वस्त कर दूंगा;
तो भी मैं उनका भला करने के उद्देश्य से उन पर दृष्टि करूंगा, और उन को फिर इस देश में वापस लाऊंगा। मैं उन को पुन: स्थापित करूंगा, और फिर कभी उन को ध्वस्त नहीं करूंगा। मैं उनको पुन: बोऊंगा, और उनको जड़-मूल से नहीं उखाड़ूंगा।
जैसे मैं बीते वर्षों में उन को उखाड़ने, तोड़ने, उलट-पुलट करने, उनका सर्वनाश करने, और उन पर विपत्ति ढाहने की बात सोचता था, वैसे ही अब उनका पुनर्निर्माण करने और उनको रोपने की बात सोचूंगा। मुझ-प्रभु की यह वाणी है।
सम्पूर्ण घाटी, जहां लाशें और राख के ढेर पड़े हैं, तथा किद्रोन नाले तक के सब खेत और पूर्व के अश्व-द्वार के कोने तक की समस्त भूमि मुझ-प्रभु के लिए पवित्र मानी जाएगी। ‘यह नगर फिर कभी ध्वस्त नहीं होगा, और न यह ढाया ही जाएगा।’
‘उनकी भलाई करने में मुझे सदा आनन्द आएगा, और मैं अपने सम्पूर्ण हृदय और सम्पूर्ण प्राण से, पूर्ण सच्चाई से इस देश में उनको रोपूंगा।
यदि तुम इस देश में रहोगे, तो मैं तुम्हारा पुन: निर्माण करूंगा, और तुम्हें नष्ट नहीं करूंगा। मैं तुम्हारे वंश-वृक्ष को पुन: रोपूंगा, और तुम्हें नहीं उखाड़ूंगा; क्योंकि मैंने तुम्हारा जो अनिष्ट किया है, उसके लिए मैं पछता रहा हूं।
नबी यिर्मयाह के पास आए, और उन से यह निवेदन किया, ‘कृपया, हमारा निवेदन स्वीकार कीजिए, और हम-सब बचे हुए लोगों के लिए अपने प्रभु परमेश्वर से प्रार्थना कीजिए (आप स्वयं अपनी आंखों से देख रहे हैं, कि पहले हम संख्या में कितने अधिक थे, और अब कितने थोड़े रह गए हैं।),
प्रभु ने मुझसे कहा, “यिर्मयाह, तू उससे कहना: प्रभु यों कहता है : जो मैंने बनाया था, उसको अब मैं ध्वस्त कर रहा हूं। जिसको मैंने रोपा था, अब उसको मैं उखाड़ रहा हूं - अर्थात् इस सम्पूर्ण देश को।
उसके प्रवेश-द्वार भूमि में धंस गए; प्रभु ने उसकी अर्गलाएँ टुकड़े-टुकड़े कर दीं। उसका राजा और प्रशासक विदेशी राष्ट्रों में निर्वासित हैं। व्यवस्था की मान्यता नहीं रहीं; नबियों को प्रभु की ओर से दर्शन नहीं मिलता।
ओ मानव, तू उनसे यह कह : “मैं स्वयं स्वामी-प्रभु बोल रहा हूँ : मुझे अपने जीवन की सौगन्ध है! मैं किसी भी दुर्जन की मृत्यु से प्रसन्न नहीं होता हूँ। किन्तु मुझे तब प्रसन्नता होती है, जब दुर्जन अपना बुरा आचरण छोड़ देता है और मरने से बच जाता है। इसी प्रकार ओ इस्राएल के वंशजो, अपने बुरे आचरण को छोड़ दो, अपने बुरे मार्ग से पीठ फेर लो। तुम क्यों मरना चाहते हो?”
‘इस प्रकार मेरा क्रोध शान्त होगा। जब तक मेरी क्रोधाग्नि उन पर पूरी तरह न भड़क उठेगी, तब तक वह शांत न होगी, और न मुझे चैन मिलेगा। और तब उनको मालूम होगा कि मैं-प्रभु ने ही ईष्र्या की अग्नि में धधक कर यह कहा है। उस समय ही उनके प्रति मेरा क्रोध ठण्डा होगा।
मैंने उसके सींगों को ध्यान से देखा। उसी समय उन सींगों के मध्य से एक और सींग निकला, जिसके कारण तीन सींग जड़ से उखड़ गए। यह सींग छोटा था, और इसमें मनुष्य की आंखों के समान आंखें थीं। इसमें मुंह भी था, जो बड़े बोल बोल रहा था।
स्वामी-प्रभु यों कहता है: ‘इस्राएल के वंशज, यदि नगर से युद्ध के लिए हजार सैनिक निकलेंगे तो वे युद्ध के पश्चात् सौ रह जाएंगे! यदि सौ सैनिक जाएंगे तो बचकर केवल दस लौटेंगे।’
हे प्रभु, तेरे समान अधर्म को क्षमा करनेवाला, अपनी मीरास के बचे हुए लोगों के अपराध क्षमा करनेवाला और कौन ईश्वर है? तू सदा क्रोध नहीं करता, क्योंकि तू करुणा से प्रसन्न होता है।
तेरा प्रभु परमेश्वर तेरे मध्य में विराजमान है। वह महायोद्धा है। वही विजय प्रदान करता है। वह तुझसे प्रसन्न होगा, आनन्दित होगा। वह अपने प्रेम में तुझे पुन: संजीव करेगा। तुझे आनन्दित देख, उत्सव के दिन की तरह वह आनन्द-विभोर हो उठेगा।’ प्रभु कहता है, ‘मैं तुझसे विनाश को दूर करूंगा, जिससे तुझे उसके कारण अपमान न सहना पड़े।
परन्तु हमें आनन्द मनाना और उल्लसित होना उचित ही था; क्योंकि तुम्हारा यह भाई मर गया था और फिर जी गया है, यह खो गया था और फिर मिल गया है।’ ”
तेरा प्रभु परमेश्वर तेरे समस्त काम-धन्धों, तेरी देह के फल, तेरे पालतू पशुओं के बच्चों और तेरी भूमि की उपज को अत्यन्त समृद्ध करेगा।
प्रभु तुम्हें विभिन्न जातियों में तितर-बितर कर देगा। जहां प्रभु तुम्हें ले जाएगा, उन राष्ट्रों के मध्य तुम अल्प संख्या में रह जाओगे।
तेरा प्रभु परमेश्वर इन जातियों को तेरे सम्मुख से थोड़ा-थोड़ा करके निकाल देगा। तू उनका अविलम्ब विनाश मत करना, ऐसा न हो कि वन-पशु बढ़कर तेरी हानि करें।