मैं तुझसे एक बड़ा राष्ट्र उत्पन्न करूँगा। मैं तुझे आशिष दूँगा, और तेरे नाम को महान बनाऊंगा कि तू मानव-जाति के लिए आशिष का माध्यम बने।
व्यवस्थाविवरण 26:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘तू अपने प्रभु परमेश्वर के सामने इस बात की घोषणा करना : “यहाँ-वहाँ भटकने वाला अरामी जाति का पुरुष मेरा पिता था। वह मिस्र देश जाकर वहाँ प्रवास करने लगा था। वह अल्पसंख्यक था। किन्तु वह वहां महान, बलवान और बहुसंख्यक राष्ट्र बन गया। पवित्र बाइबल तब तुम यहोवा अपने परमेश्वर के सामने यह कहोगे: मेरा पूर्वज घुमक्कड़ अरामी था। वह मिस्र पहुँचा और वहाँ रहा। जब वह वहाँ गया तब उसके परिवार में बहुत कम लोग थे। किन्तु मिस्र में वह एक शक्तिशाली बहुत से व्यक्तियों वाला महान राष्ट्र बन गया। Hindi Holy Bible तब तू अपने परमेश्वर यहोवा से इस प्रकार कहना, कि मेरा मूलपुरूष एक अरामी मनुष्य था जो मरने पर था; और वह अपने छोटे से परिवार समेत मिस्र को गया, और वहां परदेशी हो कर रहा; और वहाँ उस से एक बड़ी, और सामर्थी, और बहुत मनुष्यों से भरी हुई जाति उत्पन्न हुई। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब तू अपने परमेश्वर यहोवा से इस प्रकार कहना, ‘मेरा मूलपुरुष एक अरामी मनुष्य था जो मरने पर था; और वह अपने छोटे से परिवार समेत मिस्र को गया, और वहाँ परदेशी होकर रहा; और वहाँ उससे एक बड़ी, और सामर्थी, और बहुत मनुष्यों से भरी हुई जाति उत्पन्न हुई। सरल हिन्दी बाइबल तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के सामने उत्तर में कहोगे: “मेरे पूर्वज अस्थिरवासी अरामी जाति के थे. वे मिस्र देश में प्रवासी रहे, वहां अल्प संख्यक थे, मगर वहां विशाल, मजबूत और असंख्यक राष्ट्र हो गए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब तू अपने परमेश्वर यहोवा से इस प्रकार कहना, ‘मेरा मूलपुरुष एक अरामी मनुष्य था जो मरने पर था; और वह अपने छोटे से परिवार समेत मिस्र को गया, और वहाँ परदेशी होकर रहा; और वहाँ उससे एक बड़ी, और सामर्थी, और बहुत मनुष्यों से भरी हुई जाति उत्पन्न हुई। |
मैं तुझसे एक बड़ा राष्ट्र उत्पन्न करूँगा। मैं तुझे आशिष दूँगा, और तेरे नाम को महान बनाऊंगा कि तू मानव-जाति के लिए आशिष का माध्यम बने।
वरन् तुम मेरी जन्म-भूमि में मेरे कुटुम्बियों के पास जाकर मेरे पुत्र इसहाक के लिए वधू लाओगे।’
जब इसहाक चालीस वर्ष का हुआ तब उसने पद्दन-अराम के निवासी अराम वंशीय बतूएल की पुत्री और अराम वंशीय लाबान की बहिन रिबका से विवाह किया।
उस आशीर्वाद के कारण जिसे उसके पिता ने याकूब को दिया था, एसाव याकूब से घृणा करने लगा। एसाव ने अपने मन में कहा, ‘पिता के मृत्यु-शोक दिवस निकट हैं। उसके बाद मैं अपने भाई की हत्या करूँगा।’
इस प्रकार इसहाक ने याकूब को भेज दिया। वह पद्दन-अराम क्षेत्र में लाबान के पास चला गया। लाबान अराम वंशीय बतूएल का पुत्र था। वह याकूब और एसाव की माँ रिबका का भाई था।
इस प्रकार याकूब ने चतुराई से अराम वंशीय लाबान को पराजित किया। उसने लाबान पर प्रकट नहीं किया कि वह भागनेवाला है।
परमेश्वर रात में अराम वंशीय लाबान के पास स्वप्न में आया, और उससे कहा, ‘सावधान! तू याकूब से भला-बुरा कुछ मत कहना।’
मेरी ऐसी दशा थी: दिन की धूप और रात की ठण्ड से मैं मारा जाता था। मेरी नींद मेरी आँखों से भाग जाती थी।
अपने हाथों में दुगुनी रकम लेते जाओ। जो रुपया तुम्हारे बोरों में लौट आया था, उसे अपने साथ वापस ले जाना। सम्भवत: यह उनकी असावधानी है।
वहाँ मैं आपके लिए भोजन-सामग्री की व्यवस्था करूँगा; क्योंकि अभी अकाल के पाँच वर्ष शेष हैं। ऐसा न हो कि आप, आपके परिवार एवं आपके साथ के लोगों को अभाव हो।”
परमेश्वर ने तुमसे पहले मुझे भेजा कि तुम्हारे वंश की पृथ्वी पर रक्षा की जाए, तुम्हारी अनेक सन्तान के प्राण बचाए जाएँ।
यूसुफ के पुत्र, जो उसको मिस्र देश में उत्पन्न हुए थे, दो थे। इस प्रकार याकूब के परिवार के समस्त प्राणी, जो मिस्र देश में आए, कुल सत्तर थे।
इस्राएली समाज मिस्र देश के गोशेन प्रदेश में रहने लगा। उन्होंने उस पर अधिकार कर लिया। वे फले-फूले और असंख्य हो गए।
उन्होंने फरओ से यह भी कहा, हम मिस्र देश में प्रवास करने के लिए आए हैं। कनान देश में भयंकर अकाल पड़ा है। इसलिए आपके सेवकों को भेड़-बकरी के लिए चारा नहीं रहा। अब कृपया अपने सेवकों को गोशेन प्रदेश में रहने की अनुमति दीजिए।’
किन्तु जितना अधिक उन्हें पीड़ित किया गया उतना अधिक वे बढ़ते और फैलते गए। मिस्र के निवासी इस्राएलियों से और घृणा करने लगे।
किन्तु इस्राएल के वंशज फलवन्त हुए। वे अत्यन्त बढ़ गए। उनकी संख्या में भारी वृद्धि हुई और वे शक्तिशाली हो गए। उनसे समस्त देश भर गया।
याकूब सीरिया देश को भाग गया था। वहाँ इस्राएल ने पत्नी प्राप्त करने के लिए गुलामी की। स्त्री प्राप्त करने के लिए वह चरवाहा बना।
प्रभु ने नबी के द्वारा इस्राएल को मिस्र देश से बाहर निकाला, नबी के द्वारा ही उसने इस्राएल को सुरक्षित रखा।
तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने तुम्हें असंख्य बना दिया है। देखो, आज तुम आकाश के तारों के समान असंख्य हो।
जब तेरे पूर्वज मिस्र देश गए, तब वे केवल सत्तर प्राणी थे; किन्तु अब तेरे प्रभु परमेश्वर ने तुझे आकाश के तारों के समान असंख्य बना दिया है। तू अपने प्रभु परमेश्वर से प्रेम करना, तथा उसके द्वारा सौंपे गये दायित्वों और उसके आदेशों, उसकी संविधियों और आज्ञाओं का सदा पालन करना।
तब पुरोहित तेरे हाथ से टोकरी लेगा, और उसको तेरे प्रभु परमेश्वर की वेदी के सम्मुख रख देगा।
‘यदि प्रभु ने तेरी कामना की, और तुझे चुना तो इसका कारण यह नहीं है कि तू अन्य जातियों की अपेक्षा अधिक शक्तिशाली था। तू तो अन्य जातियों में अत्यन्त दुर्बल था।