उस देश के शासक का नाम हमोर था और हमोर के पुत्र का नाम शकेम था। वह हिव्वी जाति का था। जब शकेम ने दीना को देखा तब उसे पकड़ लिया। वह उसके साथ सोया और उसका शीलभंग कर दिया।
व्यवस्थाविवरण 21:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पर यदि तुझको उससे सुख नहीं मिलेगा तो तू उसे उसकी इच्छानुसार जाने देगा। तू उसे रुपयों के लिए कदापि मत बेचना। तूने उसे पत्नी के रूप में भोगा है, इसलिए उसको बेचकर लाभ नहीं कमाना। पवित्र बाइबल किन्तु यदि तुम उससे प्रसन्न नहीं हो तो तुम उसे जहाँ वह चाहे जाने दे सकते हो। किन्तु तुम उसे बेच नहीं सकते। तुम उसके प्रति दासी की तरह व्यवहार नहीं कर सकते। क्यों? क्योंकि तुम्हारा उसके साथ यौन सम्बन्धथा। Hindi Holy Bible फिर यदि वह तुझ को अच्छी न लगे, तो जहां वह जाना चाहे वहां उसे जाने देना; उसको रूपया ले कर कहीं न बेचना, और तू ने जो उसकी पत-पानी ली, इस कारण उस से दासी का सा व्यवहार न करना॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर यदि वह तुझ को अच्छी न लगे, तो जहाँ वह जाना चाहे वहाँ उसे जाने देना; उसको रुपया लेकर कहीं न बेचना, और तेरा उससे शारीरिक सम्बन्ध था, इस कारण उससे दासी का सा व्यवहार न करना। सरल हिन्दी बाइबल पर, यदि तुमने उसमें कोई असंतोष का कारण पाया है, तब तुम उसे मुक्त कर सकते हो कि वह अपनी इच्छा अनुसार कहीं भी चली जाए. तुम निश्चयतः उसको रुपयों में नहीं बेचोगे, क्योंकि तुम पहले ही उसे अपमानित कर चुके हो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर यदि वह तुझको अच्छी न लगे, तो जहाँ वह जाना चाहे वहाँ उसे जाने देना; उसको रुपया लेकर कहीं न बेचना, और तेरा उससे शारीरिक सम्बंध था, इस कारण उससे दासी के समान व्यवहार न करना। |
उस देश के शासक का नाम हमोर था और हमोर के पुत्र का नाम शकेम था। वह हिव्वी जाति का था। जब शकेम ने दीना को देखा तब उसे पकड़ लिया। वह उसके साथ सोया और उसका शीलभंग कर दिया।
‘यदि किसी पुरुष की दो स्त्रियां हों, एक उसको प्रिय हो, पर दूसरी अप्रिय और दोनों स्त्रियों से उसके पुत्र उत्पन्न हों, परन्तु यदि ज्येष्ठ पुत्र अप्रिय स्त्री से उत्पन्न हो,
वे उसको चांदी के सौ सिक्के का अर्थदण्ड भी देंगे क्योंकि उसने एक इस्राएली कुंवारी कन्या को बदनाम किया है। धर्मवृद्ध यह रुपया कन्या के पिता को दे देंगे। वह उस पुरुष की पत्नी सदा बनी रहेगी। वह आजीवन उसको त्याग नहीं सकेगा।
तो तुम उन दोनों को निकालकर नगर के प्रवेश-द्वार पर लाना, और पत्थर मार कर उन दोनों का वध करना, क्योंकि लड़की ने नगर में होते हुए भी सहायता के लिए किसी को नहीं पुकारा, और पुरुष ने अपने भाई-बन्धु की होने वाली पत्नी का शीलभंग किया है। यों तू इस बुराई को अपने मध्य से दूर करना।
तो लड़की से सहवास करने वाला पुरुष उसके पिता को चाँदी के पचास सिक्के देगा, और वह लड़की उस पुरुष की पत्नी होगी, क्योंकि उसने उसका शीलभंग किया है। वह आजीवन उसको त्याग नहीं सकेगा।
देखो, मेरी एक कुंआरी कन्या है, और इस पुरुष की एक रखेल हैं। मुझे उन्हें बाहर निकालने दो। तुम उन्हें भ्रष्ट करो। जो कार्य तुम्हारी दृष्टि में उचित लगे, वह उनके साथ करो। पर कृपाकर, इस पुरुष के साथ यह मूर्खतापूर्ण कार्य मत करो।’