मिस्र देश का राजा युद्ध के लिए फिर अपने देश से बाहर नहीं निकला; क्योंकि बेबीलोन के राजा ने फरात नदी से मिस्र की घाटी तक, जो कुछ मिस्र देश के राजा के अधिकार में था, सब उससे छीन लिया था।
विलापगीत 4:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सयाहता की राह देखते-देखते हमारी आंखें पथरा गईं; हमने सहायता के लिए ऐसे राष्ट्र की बाट जोही जो हमें बचा न सका। पवित्र बाइबल सहायता पाने की बाट जोहते—जोहते अपनी आँखों ने काम करना बंद किया, और अब हमारी आँखें थक गई है। किन्तु कोई भी सहायता नहीं आई। हम प्रतीक्षा करते रहे कि कोई ऐसी जाति आये जो हमको बचा ले। हम अपनी निगरानी बुर्ज से देखते रह गये। किन्तु किसी ने भी हम को बचाया नहीं। Hindi Holy Bible हमारी आंखें व्यर्थ ही सहायता की बाट जोहते जोहते रह गई हैं, हम लगातार एक ऐसी जाति की ओर ताकते रहे जो बचा नहीं सकी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हमारी आँखें व्यर्थ ही सहायता की बाट जोहते जोहते धुँधली पड़ गई हैं, हम लगातार एक ऐसी जाति की ओर ताकते रहे जो बचा नहीं सकी। सरल हिन्दी बाइबल हमारे नेत्र दृष्टिहीन हो गए, सहायता की आशा व्यर्थ सिद्ध हुई; हमने उस राष्ट्र से सहायता की आशा की थी, जिसमें हमारी सहायता की क्षमता ही न थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हमारी आँखें व्यर्थ ही सहायता की बाट जोहते-जोहते धुँधली पड़ गई हैं, हम लगातार एक ऐसी जाति की ओर ताकते रहे जो बचा नहीं सकी। |
मिस्र देश का राजा युद्ध के लिए फिर अपने देश से बाहर नहीं निकला; क्योंकि बेबीलोन के राजा ने फरात नदी से मिस्र की घाटी तक, जो कुछ मिस्र देश के राजा के अधिकार में था, सब उससे छीन लिया था।
तब समुद्र तट के निवासियों को अपनी आशा के केन्द्र इथियोपिआ और अहंकार के प्रतीक मिस्र देश के कारण हताश और लज्जित होना पड़ेगा।
तब मौत से की गई तुम्हारी सन्धि टूट जाएगी, अधोलोक से किया गया तुम्हारा समझौता टिक नहीं पाएगा। जब प्रलय का जल-प्रवाह बहेगा, तब तुम उसमें डूब जाओगे।
अब मिस्र की ओर ताकने से क्या लाभ? नील नदी का पानी पीने से तुझे कुछ फायदा न होगा। असीरिया देश से संधि करने से तेरा भला न होगा। फरात नदी का जल भी तुझ में नवजीवन नहीं डाल सकेगा।
तू कितनी सरलता से अपना आचरण बदल लेती है, जैसे गिरगिट रंग बदलता है। पर जैसे असीरिया ने तेरी लज्जा लूटी थी, वैसे ही मिस्र भी तुझे अपमानित करेगा।
वहां से भी तू खाली हाथ लौटेगी, सिर पकड़ कर रोती हुई। क्योंकि जिन पर तूने भरोसा किया है, उनको मुझ-प्रभु ने तिरस्कृत कर दिया है। उनकी सहायता से तेरा काम सफल नहीं होगा।
लोग कहते हैं, ‘फसल कट चुकी, फल पकने की ऋतु समाप्त हो गई फिर भी हमारा उद्धार नहीं हुआ!’
‘मैंने सहायता के लिए अपने प्रेमियों को पुकारा; किन्तु उन्होंने मुझे धोखा दिया। मेरे पुरोहित और धर्मवृद्ध नगर में भूख से मर गए, जब वे प्राण बचाने के लिए भोजन की तलाश में भटक रहे थे।
ऐसे संकट और दु:ख-भरे दिनों में यरूशलेम को धन-समृद्धि की, वैभवपूर्ण दिनों की, उन वस्तुओं की याद आ रही है, जब प्राचीनकाल में ये वस्तुएँ उसके अधिकार में थीं। अब यरूशलेम के निवासी बैरियों के हाथ में पड़ गए; उनकी सहायता करनेवाला कोई न था; उसके पतन को देखकर उसके बैरी उसका मजाक उड़ाने लगे।
वे इतने निर्बल होंगे कि इस्राएली उन पर कभी भरोसा नहीं करेंगे। जब कभी वे सहायता के लिए उनकी ओर ताकेंगे, तब उन्हें मिस्रियों का अधर्म स्मरण हो जाएगा। तब इस्राएलियों को मालूम होगा कि मैं ही स्वामी-प्रभु हूं।” ’