मूसा ने निवास-स्थान और वेदी के चारों ओर कनात खड़ी करके आंगन बनाया और आंगन के प्रवेश-द्वार पर परदा लटकाया। इस प्रकार मूसा ने कार्य समाप्त किया।
लैव्यव्यवस्था 6:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसको पाप के निमित्त चढ़ाने वाला पुरोहित खाएगा। वह पवित्र स्थान पर, मिलन-शिविर के आंगन में खाया जाएगा। पवित्र बाइबल उस याजक को इसे खाना चाहिए, जो पापबलि चढ़ाता है। उसे पवित्र स्थान पर मिलापवाले तम्बू के आँगन में इसे खाना चाहिए। Hindi Holy Bible और जो याजक पापबलि चढ़ावे वह उसे खाए; वह पवित्र स्थान में, अर्थात मिलापवाले तम्बू के आँगन में खाया जाए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो याजक पापबलि चढ़ावे वह उसे खाए; वह पवित्रस्थान में, अर्थात् मिलापवाले तम्बू के आँगन में खाया जाए। नवीन हिंदी बाइबल जो याजक उसे पापबलि के रूप में चढ़ाए वही उसे खाए। उसे पवित्रस्थान में अर्थात् मिलापवाले तंबू के आँगन में खाया जाए। सरल हिन्दी बाइबल इसको वही पुरोहित खाए, जो इसे पाप के लिए भेंट करता है. ज़रूरी है कि इसको सिर्फ़ पवित्र स्थान में ही खाया जाए; मिलाप वाले तंबू के आंगन में ही. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो याजक पापबलि चढ़ाए वह उसे खाए; वह पवित्रस्थान में, अर्थात् मिलापवाले तम्बू के आँगन में खाया जाए। (1 कुरि. 9:13) |
मूसा ने निवास-स्थान और वेदी के चारों ओर कनात खड़ी करके आंगन बनाया और आंगन के प्रवेश-द्वार पर परदा लटकाया। इस प्रकार मूसा ने कार्य समाप्त किया।
उसने मुझे बताया, ‘आंगन के सामने के ये उत्तरी और दक्षिणी कमरे पवित्र कक्ष हैं। प्रभु की सेवा में संलग्न पुरोहित परम पवित्र वस्तुएं इन्हीं कक्षों में खाया करेंगे। यह स्थान पवित्र है, इसलिए वे बलि में चढ़ाई गई ये वस्तुएं यहां रखेंगे: अन्न-बलि, पाप-बलि और दोष-बलि में चढ़ाई गई वस्तुएं।
उसने मुझसे कहा, ‘यही वह स्थान है, जहाँ पुरोहित दोष-बलि और पाप-बलि के पशुओं का मांस पकाएंगे। इसी स्थान पर वे अन्न-बलि में चढ़ाए गए अन्न की रोटी सेकेंगे। ऐसा न हो कि वे बलि-पशु का मांस और अन्न-बलि का पवित्र अन्न बाहर आंगन में ले जाएं और साधारण जनों को उनका स्पर्श हो जाए और वे भी पवित्र हो जाएं।’
हारून और उसके पुत्र उसका शेष भाग खाएंगे। वह बिना खमीर डाले पवित्र स्थान में खाया जाएगा। वे उसको मिलन-शिविर के आंगन में खाएंगे।
वह खमीर के साथ नहीं पकाया जाएगा। यह भाग मैंने अग्नि में अर्पित अपनी बलियों में से उनको प्रदान किया है। यह पाप-बलि तथा दोष-बलि के सदृश परम पवित्र है।
दोष-बलि, पाप-बलि के समान है। दोनों के लिए एक ही व्यवस्था है। जो पुरोहित उसके द्वारा प्रायश्चित करता है, वह उसको ले लेगा।
क्या आप लोग यह नहीं जानते कि मन्दिर में धर्मसेवा करने वालों को मन्दिर से भोजन मिलता है और वेदी की सेवा करने वाले वेदी के चढ़ावे के भागीदार हैं?