इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु, यों कहता है: इस देश के निवासी अपने ही मकानों, खेतों और अंगूर-उद्यानों को फिर खरीदेंगे।”
लैव्यव्यवस्था 25:28 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि उसके हाथ में अपनी सम्पत्ति पुन: प्राप्त करने के लिए पर्याप्त धन न हो, तो वह सम्पत्ति खरीदने वाले के हाथ में जुबली वर्ष तक रहेगी। जुबली वर्ष में सम्पत्ति स्वयं मुक्त हो जाएगी और बेचनेवाले को पुन: प्राप्त होगी। पवित्र बाइबल किन्तु यदि वह व्यक्ति अपने लिए भूमि को वापस खरीदने के लिए पर्याप्त धन नहीं जुटा पाता तो जो कुछ उसने बेचा है वह स व्यक्ति के हाथ में जिसने उसे खरीदा है, जुबली पर्व के आने के हाथ में जिसने उसे खरीदा है, जुबली पर्व के आने तक रहेगा। तब उस विशेष उत्सव के समय भूमि प्रथम भूस्वामी के परिवार की हो जाएगी। इस प्रकार सम्पत्ति पुन: मूल अधिकारी परिवार की हो जाएगी। Hindi Holy Bible परन्तु यदि उसके इतनी पूंजी न हो कि उसे फिर अपनी कर सके, तो उसकी बेची हुई भूमि जुबली के वर्ष तक मोल लेने वालों के हाथ में रहे; और जुबली के वर्ष में छूट जाए तब वह मनुष्य अपनी निज भूमि का फिर अधिकारी हो जाए॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु यदि उसके पास इतनी पूंजी न हो कि उसे फिर अपनी कर सके, तो उसकी बेची हुई भूमि जुबली* के वर्ष तक मोल लेनेवालों के हाथ में रहे; और जुबली* के वर्ष में छूट जाए तब वह मनुष्य अपनी निज भूमि का फिर अधिकारी हो जाए। नवीन हिंदी बाइबल परंतु यदि उसके पास उसे फिर से खरीदने के लिए पर्याप्त साधन न हों तो जो कुछ उसने बेचा है वह जुबली के वर्ष तक खरीदनेवाले के हाथ में रहने के बाद जुबली के वर्ष में छूट जाए, और वह अपनी निज भूमि का फिर से अधिकारी हो जाए। सरल हिन्दी बाइबल किंतु, यदि उसके पास इसे दोबारा प्राप्त करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है, तब जो कुछ उसने बेचा है, वह सब योवेल वर्ष तक उसके खरीददार के पास ही रहेगा; किंतु योवेल वर्ष में यह छूटकर इसके असली स्वामी के पास लौट जाएगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु यदि उसके पास इतनी पूँजी न हो कि उसे फिर अपनी कर सके, तो उसकी बेची हुई भूमि जुबली के वर्ष तक मोल लेनेवालों के हाथ में रहे; और जुबली के वर्ष में छूट जाए तब वह मनुष्य अपनी निज भूमि का फिर अधिकारी हो जाए। |
इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु, यों कहता है: इस देश के निवासी अपने ही मकानों, खेतों और अंगूर-उद्यानों को फिर खरीदेंगे।”
तुम पचासवें वर्ष को पवित्र मानना, और देश के समस्त निवासियों की स्वतन्त्रता की घोषणा करना। यह “जुबली वर्ष” कहलाएगा। इस वर्ष प्रत्येक व्यक्ति अपनी पैतृक सम्पत्ति पुन: प्राप्त करेगा। हर एक मनुष्य अपने परिवार में लौट आएगा।
‘यदि कोई मनुष्य परकोटावाले नगर का निवासयोग्य मकान बेचेगा तो वह उसको विक्रय-दिन के पश्चात् पूरे एक वर्ष की अवधि में मूल्य देकर मुक्त करा सकेगा; क्योंकि मूल्य देकर मुक्त कराने का अधिकार पूरे एक वर्ष की अवधि तक होगा।
यदि मकान पूरे एक वर्ष तक मूल्य देकर मुक्त नहीं किया जाएगा, तो परकोटावाले नगर का निवास-योग्य मकान पीढ़ी से पीढ़ी तक उस मनुष्य के स्थायी अधिकार में हो जाएगा, जिसने उसको खरीदा था- वह जुबली वर्ष में भी मुक्त नहीं किया जाएगा।
तत्पश्चात् वे तुम्हारे पास से चले जाएंगे−वे अपने बच्चों के साथ अपने कुटुम्ब में लौट जाएंगे और अपने पूर्वजों की सम्पत्ति पुन: प्राप्त करेंगे;
जुबली वर्ष में खेत उस व्यकि को पुन: प्राप्त हो जाएगा, जिससे उसने खरीदा था, जिसकी वह पैतृक भूमि थी।