पतरस येशु को अलग ले गया और उन्हें यह कहते हुए डाँटने लगा, “परमेश्वर ऐसा न करे। प्रभु! यह आप पर कभी नहीं बीतेगी।”
लूका 9:45 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परन्तु यह बात उनकी समझ में नहीं आई। इसका अर्थ उन से छिपा रह गया कि कहीं वे समझ न लें। वे इसके विषय में येशु से पूछने से डरते थे। पवित्र बाइबल किन्तु वे इस बात को नहीं समझ सके। यह बात उनसे छुपी हुई थी। सो वे उसे जान नहीं पाये। और वे उस बात के विषय में उससे पूछने से डरते थे। Hindi Holy Bible परन्तु वे इस बात को न समझते थे, और यह उन से छिपी रही; कि वे उसे जानने न पाएं, और वे इस बात के विषय में उस से पूछने से डरते थे॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु वे इस बात को न समझते थे, और यह उनसे छिपी रही कि वे उसे जानने न पाएँ; और वे इस बात के विषय में उससे पूछने से डरते थे। नवीन हिंदी बाइबल परंतु वे इस बात को नहीं समझे, और उनसे यह गुप्त रखी गई थी कि वे इसे न जानें, और वे इस बात के विषय में उससे पूछने से डरते थे। सरल हिन्दी बाइबल किंतु शिष्य इस बात का मतलब समझ न पाए. इस बात का मतलब उनसे छुपाकर रखा गया था. यही कारण था कि वे इसका मतलब समझ न पाए और उन्हें इसके विषय में प्रभु येशु से पूछने का साहस भी न हुआ. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु वे इस बात को न समझते थे, और यह उनसे छिपी रही; कि वे उसे जानने न पाएँ, और वे इस बात के विषय में उससे पूछने से डरते थे। |
पतरस येशु को अलग ले गया और उन्हें यह कहते हुए डाँटने लगा, “परमेश्वर ऐसा न करे। प्रभु! यह आप पर कभी नहीं बीतेगी।”
जब वे गलील प्रदेश में एकत्र हुए तब येशु ने अपने शिष्यों से कहा, “मानव-पुत्र मनुष्यों के हाथ पकड़वाया जाने वाला है।
उन्होंने येशु की यह बात मान ली, परन्तु वे आपस में विचार-विमर्श करने लगे कि ‘मृतकों में से जी उठने’ का अर्थ क्या हो सकता है।
उन्हें ये बातें समझ में नहीं आईं। इन शब्दों का अर्थ उन से छिपा ही रहा और वे इनका तात्पर्य नहीं समझ सके।
येशु के शिष्य पहले यह नहीं समझे थे, परन्तु येशु के महिमान्वित हो जाने के पश्चात् उन्हें याद आया कि यह उनके विषय में लिखा हुआ था और लोगों ने उनके साथ ऐसा ही किया था।
लोगों ने उन्हें उत्तर दिया, “व्यवस्था हमें यह शिक्षा देती है कि मसीह सदा रहेंगे। फिर आप यह क्या कहते हैं कि मानव-पुत्र को ऊपर उठाया जाना अनिवार्य है? यह मानव-पुत्र कौन है?”
थोमस ने येशु से कहा, “प्रभु! हम यह भी नहीं जानते कि आप कहाँ जा रहे हैं, तो वहाँ का मार्ग कैसे जान सकते हैं?”