‘जब इस देश में अकाल पड़ेगा, महामारी फैलेगी, फसल में गेरुआ कीड़ा लगेगा, पाला पड़ेगा, टिड्डी-दल का आक्रमण होगा अथवा फसल में कीड़े लगेंगे; जब उनके शत्रु उनको किसी नगर में घेर लेंगे, अथवा महामारी या रोग का उन पर हमला होगा,
लूका 7:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसी समय येशु ने बहुतों को बीमारियों, कष्टों और दुष्टात्माओं से मुक्त किया और बहुत-से अन्धों को दृष्टि प्रदान की। पवित्र बाइबल उसी समय उसने बहुत से रोगियों को निरोग किया और उन्हें वेदनाओं तथा दुष्टात्माओं से छुटकारा दिलाया। और बहुत से अंधों को आँखें दीं। Hindi Holy Bible उसी घड़ी उस ने बहुतों को बीमारियों; और पीड़ाओं, और दुष्टात्माओं से छुड़ाया; और बहुत से अन्धों को आंखे दी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसी घड़ी उसने बहुतों को बीमारियों और पीड़ाओं, और दुष्टात्माओं से छुड़ाया; और बहुत से अन्धों को आँखें दीं; नवीन हिंदी बाइबल उस घड़ी उसने बहुतों को बीमारियों और पीड़ाओं और दुष्ट आत्माओं से छुटकारा दिया, तथा बहुत से अंधे लोगों को दृष्टि दान की। सरल हिन्दी बाइबल ठीक उसी समय प्रभु येशु अनेकों को स्वस्थ कर रहे थे, जो रोगी, पीड़ित और दुष्टात्मा के सताए हुए थे. वह अनेक अंधों को भी दृष्टि प्रदान कर रहे थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसी घड़ी उसने बहुतों को बीमारियों और पीड़ाओं, और दुष्टात्माओं से छुड़ाया; और बहुत से अंधों को आँखें दी। |
‘जब इस देश में अकाल पड़ेगा, महामारी फैलेगी, फसल में गेरुआ कीड़ा लगेगा, पाला पड़ेगा, टिड्डी-दल का आक्रमण होगा अथवा फसल में कीड़े लगेंगे; जब उनके शत्रु उनको किसी नगर में घेर लेंगे, अथवा महामारी या रोग का उन पर हमला होगा,
‘किन्तु यदि पुरोहित आकर जांच करता है कि घर की लिपाई-पुताई के पश्चात् रोग घर में नहीं फैला है, तो वह घर को शुद्ध घोषित करेगा; क्योंकि वह रोग से स्वस्थ हो गया है।
येशु समस्त गलील प्रदेश में भ्रमण कर उनके सभागृहों में शिक्षा देते, राज्य के शुभ-समाचार का प्रचार करते और लोगों की हर तरह की बीमारी और निर्बलता दूर करते थे।
उनका नाम सारे सीरिया देश में फैल गया। लोग मिर्गी, लकवा आदि नाना प्रकार की बीमारियों और कष्टों से पीड़ित सब रोगियों को और भूतग्रस्तों को येशु के पास ले आते और वह उन्हें स्वस्थ कर देते थे।
क्योंकि उन्होंने बहुत-से लोगों को स्वस्थ किया था और रोगी उनका स्पर्श करने के लिए उन पर गिरे पड़ रहे थे।
उसका रक्तस्राव उसी क्षण सूख गया और उसने अपने शरीर में अनुभव किया कि वह रोग से मुक्त हो गयी है।
येशु ने उससे कहा, “पुत्री! तुम्हारे विश्वास ने तुम्हें स्वस्थ किया है। शान्ति से जाओ और अपने रोग से मुक्त रहो।”
इन दो शिष्यों ने येशु के पास आकर कहा, “योहन बपतिस्मादाता ने हमें आपके पास यह पूछने भेजा है−क्या आप वही हैं जो आने वाले हैं या हम किसी दूसरे की प्रतीक्षा करें?”
क्योंकि प्रभु जिसे प्यार करता है, उसे ताड़ना देता है और जिसे अपनी संतान मानता है, उसे कोड़े लगाता है।”