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लूका 6:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

किसी दूसरे विश्राम के दिन येशु सभागृह में जा कर शिक्षा दे रहे थे। वहाँ एक मनुष्‍य था, जिसका दायाँ हाथ सूख गया था।

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पवित्र बाइबल

दूसरे सब्त के दिन ऐसा हुआ कि वह यहूदी आराधनालय में जाकर उपदेश देने लगा। वहीं एक ऐसा व्यक्ति था जिसका दाहिना हाथ मुरझाया हुआ था।

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Hindi Holy Bible

और ऐसा हुआ कि किसी और सब्त के दिन को वह आराधनालय में जाकर उपदेश करने लगा; और वहां एक मनुष्य था, जिस का दाहिना हाथ सूखा था।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

ऐसा हुआ कि किसी और सब्त के दिन वह आराधनालय में जाकर उपदेश करने लगा; और वहाँ एक मनुष्य था जिसका दाहिना हाथ सूखा था।

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नवीन हिंदी बाइबल

ऐसा हुआ कि किसी और सब्त के दिन यीशु आराधनालय में जाकर उपदेश देने लगा, और वहाँ एक मनुष्य था जिसका दाहिना हाथ सूखा था।

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सरल हिन्दी बाइबल

एक अन्य शब्बाथ पर प्रभु येशु यहूदी सभागृह में शिक्षा देने लगे. वहां एक व्यक्ति था, जिसका दायां हाथ लक़वा मारा हुआ था.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और ऐसा हुआ कि किसी और सब्त के दिन को वह आराधनालय में जाकर उपदेश करने लगा; और वहाँ एक मनुष्य था, जिसका दाहिना हाथ सूखा था।

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लूका 6:6
14 क्रॉस रेफरेंस  

जब राजा यारोबआम ने परमेश्‍वर के जन की पुकार सुनी, जो उसने बेत-एल की वेदी के विरोध में कही थी, तब उसने वेदी के ऊपर से अपना हाथ बढ़ाकर उसकी ओर संकेत किया और कहा, ‘उसे पकड़ो।’ जिस हाथ से उसने परमेश्‍वर के जन की ओर संकेत किया था, उसको लकवा मार गया। वह उसको अपनी ओर मोड़ नहीं सका।


‘धिक्‍कार है मेरे आलसी चरवाहे को, जो मेरे रेवड़ को त्‍यागता है। तलवार उसकी भुजा को काटे, उसकी दायीं आंख को फोड़े। उसकी भुजा पूर्णत: सूख जाए, उसकी दायीं आंख पूर्णत: फूट जाए!’


येशु समस्‍त गलील प्रदेश में भ्रमण कर उनके सभागृहों में शिक्षा देते, राज्‍य के शुभ-समाचार का प्रचार करते और लोगों की हर तरह की बीमारी और निर्बलता दूर करते थे।


येशु विश्राम के दिन किसी सभागृह में शिक्षा दे रहे थे।


येशु ने अपनी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए व्‍यवस्‍था के आचार्यों तथा फरीसियों से पूछा, “विश्राम के दिन स्‍वस्‍थ करना उचित है या नहीं?”


जब येशु नासरत नगर में आए, जहाँ उनका पालन-पोषण हुआ था तो वह विश्राम के दिन अपनी आदत के अनुसार सभागृह गये। वह धर्मग्रंथ से पाठ पढ़ने के लिए उठे,


येशु गलील प्रदेश के कफरनहूम नगर में आए और विश्राम के दिन लोगों को शिक्षा देने लगे।


येशु किसी विश्राम के दिन गेहूँ के खेतों से हो कर जा रहे थे। उनके शिष्‍य अनाज की बालें तोड़ कर और उन्‍हें हाथ से मसल-मसल कर खाने लगे।


तब येशु ने उनसे कहा, “मानव-पुत्र विश्राम के दिन का स्‍वामी है।”


उन में बहुत-से रोगी−अन्‍धे, लंगड़े और अर्द्धांगरोगी पड़े रहते थे। [वे पानी के लहराने की राह देखते थे,


इस पर कुछ फरीसियों ने कहा, “वह मनुष्‍य परमेश्‍वर के यहाँ से नहीं आया है; क्‍योंकि वह विश्राम-दिवस के नियम का पालन नहीं करता।” कुछ लोगों ने कहा, “पापी मनुष्‍य ऐसे आश्‍चर्यपूर्ण चिह्‍न कैसे दिखा सकता है?” इस तरह उनमें मतभेद हो गया।