ये दूसरों से कहते हैं, “मुझ से दूर रह, मुझे स्पर्श मत कर; क्योंकि मैं तुझसे अधिक पवित्र हूं।” ऐसे लोग मेरी नाक में धुएँ की तरह घुटन पैदा करते हैं, ये निरंतर जलनेवाली आग हैं।
लूका 5:30 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस पर फरीसी और उनके ही सम्प्रदाय के शास्त्री भुनभुनाने और येशु के शिष्यों से यह कहने लगे, “तुम लोग चुंगी-अधिकारियों और पापियों के साथ क्यों खाते-पीते हो?” पवित्र बाइबल तब फरीसियों और धर्मशास्त्रियों ने उसके शिष्यों से यह कहते हुए शिकायत की, “तुम कर वसूलने वालों और पापियों के साथ क्यों खाते-पीते हो?” Hindi Holy Bible और फरीसी और उन के शास्त्री उस के चेलों से यह कहकर कुड़कुड़ाने लगे, कि तुम चुंगी लेने वालों और पापियों के साथ क्यों खाते-पीते हो? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस पर फरीसी और उनके शास्त्री उस के चेलों से यह कहकर कुड़कुड़ाने लगे, “तुम चुंगी लेनेवालों और पापियों के साथ क्यों खाते–पीते हो?” नवीन हिंदी बाइबल तब फरीसी और उनके शास्त्री उसके शिष्यों पर कुड़कुड़ाते हुए कहने लगे, “तुम कर वसूलनेवालों और पापियों के साथ क्यों खाते-पीते हो?” सरल हिन्दी बाइबल यह देख उस संप्रदाय के फ़रीसी और शास्त्री प्रभु येशु के शिष्यों से कहने लगे, “तुम लोग चुंगी लेनेवालों तथा अपराधियों के साथ क्यों खाते-पीते हो?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और फरीसी और उनके शास्त्री उसके चेलों से यह कहकर कुड़कुड़ाने लगे, “तुम चुंगी लेनेवालों और पापियों के साथ क्यों खाते-पीते हो?” |
ये दूसरों से कहते हैं, “मुझ से दूर रह, मुझे स्पर्श मत कर; क्योंकि मैं तुझसे अधिक पवित्र हूं।” ऐसे लोग मेरी नाक में धुएँ की तरह घुटन पैदा करते हैं, ये निरंतर जलनेवाली आग हैं।
यदि तुम उन्हीं से प्रेम करते हो, जो तुम से प्रेम करते हैं, तो तुम्हें क्या पुरस्कार मिलेगा? क्या चुंगी-अधिकारी भी ऐसा नहीं करते?
यह देख कर फरीसियों ने उनके शिष्यों से कहा, “तुम्हारे गुरु चुंगी-अधिकारियों और पापियों के साथ क्यों भोजन कर रहे हैं?”
जब फरीसी दल के शास्त्रियों ने देखा कि येशु पापियों और चुंगी-अधिकारियों के साथ भोजन कर रहे हैं, तब उन्होंने उनके शिष्यों से कहा, “वह चुंगी-अधिकारियों और पापियों के साथ क्यों भोजन करते हैं?”
क्योंकि फरीसी और सामान्य यहूदी धर्मवृद्धों की प्राचीन परम्परा का पालन करते हैं और विधि के अनुसार बिना हाथ धोये भोजन नहीं करते।
फरीसी खड़े-खड़े इस प्रकार प्रार्थना कर रहा था, ‘परमेश्वर! मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ कि मैं दूसरे लोगों की तरह लोभी, अन्यायी, व्यभिचारी नहीं हूँ और न इस चुंगी-अधिकारी की तरह हूँ।
एक दिन येशु शिक्षा दे रहे थे। फरीसी सम्प्रदाय के सदस्य और व्यवस्था के अध्यापक पास ही बैठे हुए थे। वे गलील तथा यहूदा प्रदेशों के हर एक गाँव से और यरूशलेम से आए थे। रोगियों को स्वस्थ करने के लिए प्रभु का सामर्थ्य येशु के साथ था।
इस पर शास्त्री और फरीसी एक-दूसरे से प्रश्न पूछने लगे, “ईश-निन्दा करने वाला यह कौन है? परमेश्वर के अतिरिक्त और कौन पाप क्षमा कर सकता है?”
मानव-पुत्र आया। वह आम आदमी के समान खाता-पीता है और तुम कहते हो, ‘देखो, यह आदमी पेटू और पियक्कड़ है। चुंगी-अधिकारियों और पापियों का मित्र है।’
जिस फरीसी ने येशु को निमन्त्रण दिया था, उसने यह देख कर मन-ही-मन कहा, “यदि यह आदमी नबी होता, तो अवश्य जान जाता कि जो स्त्री इसे छू रही है, वह कौन और कैसी है−वह तो पापिनी है।”
इस प्रकार बड़ा कोलाहल मच गया। फ़रीसी दल के कुछ शास्त्री उठकर झगड़ने और यह कहने लगे, “हम इस मनुष्य में कोई दोष नहीं पाते। यदि कोई आत्मा अथवा स्वर्गदूत इससे कुछ बोला हो, तो....।”