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लूका 4:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

वह उनके सभागृहों में शिक्षा देने लगे और सब लोग उनकी प्रशंसा करते थे।

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पवित्र बाइबल

वह उनकी आराधनालयों में उपदेश देने लगा। सभी उसकी प्रशंसा करते थे।

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Hindi Holy Bible

और वह उन की आराधनालयों में उपदेश करता रहा, और सब उस की बड़ाई करते थे॥

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

वह उनके आराधनालयों में उपदेश करता रहा, और सब उसकी बड़ाई करते थे।

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नवीन हिंदी बाइबल

वह उनके आराधनालयों में उपदेश देता था, और सब लोग उसकी प्रशंसा करते थे।

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सरल हिन्दी बाइबल

प्रभु येशु यहूदी सभागृहों में शिक्षा देते थे तथा सभी उनकी सराहना करते थे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और वह उन ही आराधनालयों में उपदेश करता रहा, और सब उसकी बड़ाई करते थे।

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लूका 4:15
10 क्रॉस रेफरेंस  

तू उन राष्‍ट्रों को बुलाएगा, जिनको तू नहीं जानता है; और जो राष्‍ट्र तुझको नहीं जानते हैं, वे तेरे पास दौड़कर आएंगे। तेरे प्रभु परमेश्‍वर के कारण, इस्राएल के पवित्र परमेश्‍वर के कारण वे तेरे पास आएंगे, क्‍योंकि उसने तेरा गौरव बढ़ाया है।


येशु अपने नगर में आए, और लोगों को उनके सभागृह में शिक्षा देने लगे। लोगों को आश्‍चर्य हुआ। उन्‍होंने कहा, “इसे यह बुद्धि और आश्‍चर्यपूर्ण कार्य करने का यह सामर्थ्य कहाँ से मिला?


येशु समस्‍त गलील प्रदेश में भ्रमण कर उनके सभागृहों में शिक्षा देते, राज्‍य के शुभ-समाचार का प्रचार करते और लोगों की हर तरह की बीमारी और निर्बलता दूर करते थे।


येशु सब नगरों और गाँवों में भ्रमण कर उनके सभागृहों में शिक्षा देते, राज्‍य के शुभसमाचार का प्रचार करते, और हर तरह की बीमारी और दुर्बलता दूर करते रहे।


यह देख कर लोग डर गए और परमेश्‍वर की स्‍तुति करने लगे, जिसने मनुष्‍यों को ऐसा अधिकार प्रदान किया है।


सब चकित रह गये और एक दूसरे से पूछने लगे, “यह क्‍या है? यह तो नये प्रकार की शिक्षा है। वह अधिकार के साथ बोलते हैं। वह अशुद्ध आत्‍माओं को भी आदेश देते हैं और वे उनकी आज्ञा मानती हैं।”


और वह उनके सभागृहों में उपदेश देते और भूतों को निकालते हुए समस्‍त गलील प्रदेश में घूमने लगे।


परन्‍तु वह बाहर जा कर खुल कर इसकी चर्चा करने लगा और चारों ओर इस समाचार को फैलाने लगा। परिणाम यह हुआ कि येशु प्रकट रूप से नगरों में प्रवेश नहीं कर सके, वरन् वह निर्जन स्‍थानों में रहे। फिर भी लोग चारों ओर से उनके पास आते रहे।


येशु विश्राम के दिन किसी सभागृह में शिक्षा दे रहे थे।


जब येशु नासरत नगर में आए, जहाँ उनका पालन-पोषण हुआ था तो वह विश्राम के दिन अपनी आदत के अनुसार सभागृह गये। वह धर्मग्रंथ से पाठ पढ़ने के लिए उठे,