जब यूसुफ ने मिस्र देश के राजा फरओ की सेवा में प्रवेश किया तब वह तीस वर्ष का था। वह फरओ के दरबार से निकलकर समस्त मिस्र देश में दौरा करने लगा।
लूका 3:23 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब येशु ने शुभ-समाचार सुनाना आरम्भ किया, उस समय वह लगभग तीस वर्ष के थे। लोग उन्हें यूसुफ का पुत्र समझते थे। यूसुफ एली का पुत्र था, पवित्र बाइबल यीशु ने जब अपना सेवा कार्य आरम्भ किया तो वह लगभग तीस वर्ष का था। ऐसा सोचा गया कि वह एली के बेटे यूसुफ का पुत्र था। Hindi Holy Bible जब यीशु आप उपदेश करने लगा, जो लगभग तीस वर्ष की आयु का था और (जैसा समझा जाता था) यूसुफ का पुत्र था; और वह एली का। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब यीशु आप उपदेश करने लगा, तो लगभग तीस वर्ष की आयु का था और (जैसा समझा जाता था) यूसुफ का पुत्र था; और वह एली का, नवीन हिंदी बाइबल यीशु ने जब अपनी सेवा आरंभ की तो वह लगभग तीस वर्ष का था, और जैसा समझा जाता था, वह यूसुफ का पुत्र था जो एली का, सरल हिन्दी बाइबल प्रभु येशु ने जब अपनी सेवकाई प्रारंभ की तब उनकी अवस्था लगभग तीस वर्ष की थी. जैसा समझा जाता है कि वह योसेफ़ के पुत्र हैं, योसेफ़ हेली के, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब यीशु आप उपदेश करने लगा, तो लगभग तीस वर्ष की आयु का था और (जैसा समझा जाता था) यूसुफ का पुत्र था; और वह एली का, |
जब यूसुफ ने मिस्र देश के राजा फरओ की सेवा में प्रवेश किया तब वह तीस वर्ष का था। वह फरओ के दरबार से निकलकर समस्त मिस्र देश में दौरा करने लगा।
जब दाऊद ने राज्य करना आरम्भ किया तब वह तीस वर्ष का था। उसने चालीस वर्ष तक राज्य किया।
जो तीस वर्ष से पचास वर्ष तक की आयु के हैं, जो मिलन-शिविर के आन्तरिक कार्यों को करने के लिए सेवा-दल में भरती हो सकते हैं।
जो तीस वर्ष से पचास वर्ष तक की आयु के थे, जो मिलन-शिविर के आन्तरिक कार्यों को करने के लिए सेवा-दल में भरती हो सकते थे।
जो तीस वर्ष से पचास वर्ष तक की आयु के थे, जो मिलन-शिविर के कार्यों को करने के लिए सेवा-दल में भरती हो सकते थे−
जो तीस वर्ष से पचास वर्ष तक की आयु के थे, जो मिलन-शिविर के आन्तरिक कार्यों को करने के लिए सेवा-दल में भरती हो सकते थे−
जो तीस वर्ष से पचास वर्ष तक की आयु के थे, जो मिलन-शिविर के आन्तरिक कार्यों को करने के हेतु सेवा-दल में भरती हो सकते थे, वस्तुओं का भार वहन कर सकते थे,
और याकूब से यूसुफ उत्पन्न हुआ, जो मरियम का पति था। मरियम से येशु उत्पन्न हुए, जो मसीह कहलाते हैं।
और यिशय से राजा दाऊद उत्पन्न हुआ। ऊरियाह की विधवा स्त्री द्वारा दाऊद से सुलेमान उत्पन्न हुआ।
क्या यह बढ़ई का पुत्र नहीं है? क्या मरियम इसकी माँ नहीं? क्या याकूब, यूसुफ़, शिमोन और यहूदा इसके भाई नहीं?
उस समय से येशु प्रचार करने और यह संदेश सुनाने लगे, “हृदय-परिवर्तन करो, क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।”
क्या यह वही बढ़ई नहीं है जो मरियम का पुत्र और याकूब, योसेस, यहूदा और शिमोन का भाई है? क्या इसकी बहिनें हमारे बीच नहीं रहती हैं?” इस प्रकार लोगों को येशु के विषय में भ्रम हो गया।
उसके माता-पिता उसे देख कर अचम्भे में पड़ गये। उसकी माता ने उससे कहा, “पुत्र! तुमने हमारे साथ ऐसा क्यों किया? देखो, तुम्हारे पिता और मैं चिंतित थे, और तुम को ढूँढ़ रहे थे।”
सब लोगों ने उनकी प्रशंसा की। वे उनके मुख से निकले अनुग्रहपूर्ण शब्द सुन कर अचम्भे में पड़ गए, और पूछने लगे, “क्या यह यूसुफ के पुत्र नहीं हैं?”
फिलिप नतनएल से मिला और बोला, “जिनके विषय में मूसा ने व्यवस्था में और नबियों ने भी लिखा है, वह हमें मिल गये हैं। वह नासरत-निवासी, युसुफ के पुत्र येशु हैं।”
“क्या यह यूसुफ का पुत्र येशु नहीं है? हम इसके माँ-बाप को जानते हैं। तो अब यह कैसे कह सकता है, ‘मैं स्वर्ग से उतरा हूँ’?”
हे थिओफिलुस! मैंने अपनी पहली पुस्तक में उन सब बातों का वर्णन किया, जिन्हें येशु आरंभ से उस दिन तक करते और सिखाते रहे