येहू ने उससे कहा, ‘मेरे साथ चलो, और प्रभु के लिए मेरा धर्मोत्साह देखो।’ यहोनादाब उसके साथ रथ पर चढ़कर गया।
लूका 18:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं सप्ताह में दो बार उपवास करता हूँ और अपनी सारी आय का दशमांश दान करता हूँ।’ पवित्र बाइबल मैं सप्ताह में दो बार उपवास रखता हूँ और अपनी समूची आय का दसवाँ भाग दान देता हूँ।’ Hindi Holy Bible मैं सप्ताह में दो बार उपवास करता हूं; मैं अपनी सब कमाई का दसवां अंश भी देता हूं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं सप्ताह में दो बार उपवास रखता हूँ; मैं अपनी सब कमाई का दसवाँ अंश भी देता हूँ।’ नवीन हिंदी बाइबल मैं सप्ताह में दो बार उपवास करता हूँ, और जितना मुझे मिलता है उन सब का दशमांश देता हूँ।’ सरल हिन्दी बाइबल मैं सप्ताह में दो बार उपवास करता हूं और अपनी सारी आय का दसवां अंश दिया करता हूं.’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं सप्ताह में दो बार उपवास करता हूँ; मैं अपनी सब कमाई का दसवाँ अंश भी देता हूँ।’ |
येहू ने उससे कहा, ‘मेरे साथ चलो, और प्रभु के लिए मेरा धर्मोत्साह देखो।’ यहोनादाब उसके साथ रथ पर चढ़कर गया।
जब तुम प्रार्थना करते समय मेरी ओर हाथ फैलाओगे तब मैं तुम्हारी ओर से अपनी आंखें फेर लूंगा। चाहे तुम एक के बाद एक, कितनी ही प्रार्थनाएँ क्यों न करो, मैं उन्हें नहीं सुनूंगा; क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से सने हैं।
क्या मनुष्य मुझ-परमेश्वर को धोखा दे सकता है? पर तुम मुझे धोखा दे रहे हो। तुम पूछते हो, “हम तुझे किस प्रकार धोखा दे रहे हैं?” तुम अपने दशमांश और विधिवत् भेंटों में मुझे धोखा दे रहे हो।
जो वस्तु दशमांश के रूप में इस्राएली समाज मुझ-प्रभु को अर्पित करता है, उसे मैंने लेवियों को प्रदान किया है कि वह उनकी पैतृक सम्पत्ति हो। इसलिए मैंने उनसे कहा है कि इस्राएली समाज के मध्य उनकी पैतृक सम्पत्ति नहीं होगी।’
परमेश्वर बिल्आम से मिला। बिल्आम ने उससे कहा, ‘मैंने सात वेदियाँ तैयार की हैं, और प्रत्येक वेदी पर एक बैल तथा एक मेढ़ा चढ़ाया है।’
मैं तुम लोगों से कहता हूँ, यदि तुम्हारी धार्मिकता शास्त्रियों और फरीसियों की धार्मिकता से गहरी नहीं हुई, तो तुम स्वर्गराज्य में प्रवेश नहीं कर सकोगे।
“सावधान रहो, लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए अपने धर्मकार्यों का प्रदर्शन न करो; नहीं तो तुम अपने स्वर्गिक पिता के पुरस्कार से वंचित रह जाओगे।
“जब तुम उपवास करते हो तब ढोंगियों की तरह मुँह उदास बनाकर उपवास नहीं करो। वे अपना मुँह मलिन बना लेते हैं, जिस से लोग यह समझें कि वे उपवास कर रहे हैं। मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ, वे अपना पुरस्कार पा चुके हैं।
“जब तुम प्रार्थना करते हो तब ढोंगियों की तरह प्रार्थना नहीं करो। वे सभागृहों में और चौकों पर खड़ा हो कर प्रार्थना करना पसन्द करते हैं, जिससे लोग उन्हें देखें। मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ, वे अपना पुरस्कार पा चुके हैं।
तब योहन के शिष्य आए और यह बोले, “क्या कारण है कि हम और फरीसी बहुत उपवास करते हैं, किन्तु आपके शिष्य उपवास नहीं करते?”
“फरीसियो! धिक्कार है तुम लोगों को! क्योंकि तुम पुदीने, सदाब और हर प्रकार के साग का दशमांश तो देते हो; लेकिन न्याय और परमेश्वर के प्रति प्रेम की उपेक्षा करते हो। तुम्हारे लिए उचित तो यह था कि तुम इन्हें भी करते रहते और उनकी भी उपेक्षा नहीं करते।
तुम भी ऐसे ही हो। सब आदेशों का पालन करने के बाद तुम को कहना चाहिए, ‘हम अयोग्य सेवक भर हैं, हम ने अपना कर्त्तव्य मात्र पूरा किया है’।”
इसलिए किसी को अपने पर गर्व करने का अधिकार नहीं रहा। किस विधान के कारण यह अधिकार जाता रहा? यह कर्मकाण्ड के विधान के कारण नहीं, बल्कि विश्वास के विधान के कारण हुआ;
मैं अपने पूर्वजों की परम्पराओं का पालन अत्यंत धर्मोत्साह से करता था और यहूदी धर्म-विधि के पालन में अपने समय के बहुत-से हम-उम्र यहूदियों से बहुत आगे था।
शरीर के व्यायाम से कुछ लाभ तो होता है, किन्तु भक्ति से जो लाभ मिलता है, वह असीम है; क्योंकि वह जीवन का आश्वासन देती है, इहलोक में भी और परलोक में भी।
शमूएल शाऊल के पास आया। शाऊल ने उससे कहा, ‘प्रभु आपको आशिष दे! मैंने प्रभु के वचन के अनुसार कार्य किया है।’