उन सब वन-प्राणियों में जिन्हें प्रभु परमेश्वर ने रचा था, सबसे अधिक धूर्त सांप था। उसने स्त्री से पूछा, ‘क्या सचमुच परमेश्वर ने कहा है कि तुम उद्यान के किसी भी पेड़ का फल न खाना?’
लूका 16:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) स्वामी ने अधर्मी प्रबंधक की प्रशंसा की; क्योंकि उसने चतुराई से काम किया था। इस युग की सन्तान अपनी पीढ़ी के साथ आपसी लेन-देन में ज्योति की सन्तान से अधिक चतुर है। पवित्र बाइबल “इस पर उसके स्वामी ने उस बेईमान प्रबन्धक की प्रशंसा की क्योंकि उसने चतुराई से काम लिया था। सांसारिक व्यक्ति अपने जैसे व्यक्तियों से व्यवहार करने में आध्यात्मिक व्यक्तियों से अधिक चतुर है। Hindi Holy Bible स्वामी ने उस अधर्मी भण्डारी को सराहा, कि उस ने चतुराई से काम किया है; क्योंकि इस संसार के लोग अपने समय के लोगों के साथ रीति व्यवहारों में ज्योति के लोगों से अधिक चतुर हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “स्वामी ने उस अधर्मी भण्डारी को सराहा कि उसने चतुराई से काम किया है। क्योंकि इस संसार के लोग अपने समय के लोगों के साथ रीति–व्यवहारों में ज्योति के लोगों से अधिक चतुर हैं। नवीन हिंदी बाइबल “स्वामी ने उस अधर्मी प्रबंधक की सराहना की कि उसने चतुराई से कार्य किया; क्योंकि इस संसार की संतान अपनी पीढ़ी के लोगों में ज्योति की संतान से अधिक चतुर है। सरल हिन्दी बाइबल “स्वामी ने इस ठग भंडारी की इस चतुराई भरी योजना की सराहना की: सांसारिक लोग ज्योति की संतान की तुलना में अपने जैसे लोगों के साथ अपने आचार-व्यवहार में कितने अधिक चतुर हैं! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “स्वामी ने उस अधर्मी भण्डारी को सराहा, कि उसने चतुराई से काम किया है; क्योंकि इस संसार के लोग अपने समय के लोगों के साथ रीति-व्यवहारों में ज्योति के लोगों से अधिक चतुर हैं। |
उन सब वन-प्राणियों में जिन्हें प्रभु परमेश्वर ने रचा था, सबसे अधिक धूर्त सांप था। उसने स्त्री से पूछा, ‘क्या सचमुच परमेश्वर ने कहा है कि तुम उद्यान के किसी भी पेड़ का फल न खाना?’
अम्नोन का एक मित्र था। उसका नाम योनादब था। वह दाऊद के भाई शिमआह का पुत्र था। वह बड़ा धूर्त था।
अब, तुम बअल देवता के सब नबियों, सेवकों और पुरोहितों को बुलाओ, और उन्हें मेरे पास लाओ। एक भी व्यक्ति छूटने न पाए। मैं बअल देवता के लिए महाबलि चढ़ाऊंगा। जो व्यक्ति इस बलि-महोत्सव में उपस्थित नहीं होगा, उसको मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा।’ येहू ने छल-कपट से यह घोषणा की थी। वह बअल देवता के सेवकों का पूर्ण संहार करना चाहता था।
अपने हाथों द्वारा दुर्जनों से, पृथ्वी के उन पुरुषों से, जिनका भाग इसी जीवन में है, मेरे प्राण को मुक्त कर। उनके पेट तेरे दण्ड-भण्डार से भरे जाएं; उनके पुत्रों को यथेष्ट से अधिक दण्ड मिले; वे अपने बच्चों के लिए भी पर्याप्त दण्ड छोड़ जाएं।
आओ, हम उनसे चतुराई से व्यवहार करें। ऐसा न हो कि वे बढ़ते जाएं और जब हम पर युद्ध आ पड़े तब वे हमारे बैरियों से जा मिलें, हमारे विरुद्ध लड़ें और देश से भाग जाएं।’
मनुष्य की प्रशंसा उसकी सद्बुद्धि के लिए होती है, किन्तु कुटिल हृदयवाले मनुष्य से सब लोग घृणा करते हैं।
जो कोई मानव-पुत्र के विरुद्ध कुछ कहेगा, उसे क्षमा मिल जाएगी; परन्तु जो पवित्र आत्मा के विरुद्ध बोलेगा, उसे क्षमा नहीं मिलेगी − न इहलोक में और न परलोक में।
पतरस ने उत्तर दिया, “परायों से।” इस पर येशु ने उससे कहा, “तब तो पुत्र कर से मुक्त हैं।
“जो छोटी-से-छोटी बातों में ईमानदार है, वह बड़ी बातों में भी ईमानदार है और जो छोटी-से-छोटी बातों में बेईमान है, वह बड़ी बातों में भी बेईमान है।
हाँ, अब समझ में आया कि मुझे क्या करना चाहिए, जिससे प्रबंधक-पद से हटाए जाने के बाद भी लोग अपने घरों में मेरा स्वागत करें।’
फिर उसने दूसरे से पूछा, ‘तुम पर कितना ऋण है?’ उसने कहा, ‘सौ मन गेहूँ।’ प्रबंधक ने उससे कहा, ‘अपना ऋण-पत्र लो और अस्सी लिख दो।’
परन्तु जो उस युग तथा मृतकों के पुनरुत्थान के योग्य पाए जाते हैं, वे न तो विवाह करते और न विवाह में दिये जाते हैं।
जब तक ज्योति तुम्हारे पास है, ज्योति में विश्वास करो, जिससे तुम ज्योति की संतान बन सको।” येशु यह कह कर चले गये और उनकी आँखों से छिप गये।
कोई भी अपने को धोखा न दे। यदि आप में से कोई स्वयं को संसार की दृष्टि से ज्ञानी समझता हो, तो वह सचमुच ज्ञानी बनने के लिए अपने को मूर्ख बना ले;
आप लोग पहले ‘अन्धकार’ थे, अब प्रभु के शिष्य होने के नाते ‘ज्योति’ बन गये हैं। इसलिए ज्योति की सन्तान की तरह आचरण करें।
उन लोगों का अन्त सर्वनाश है। वे भोजन को अपना ईश्वर बना लेते हैं और ऐसी बातों पर गर्व करते हैं, जिन पर लज्जा करनी चाहिए। उनका मन संसार की वस्तुओं में लगा हुआ है।
आप सब ज्योति की सन्तान हैं, दिन की सन्तान हैं। हम रात या अन्धकार की सन्तान नहीं हैं।
परन्तु आप लोग चुने हुए वंश, राजकीय पुरोहित-वर्ग, पवित्र राष्ट्र तथा परमेश्वर की अपनी निजी प्रजा हैं, जिससे आप उसी के महान् कार्यों की घोषणा करें, जो आप लोगों को अन्धकार में से निकाल कर अपनी अलौकिक ज्योति में बुला लाया है।
परमेश्वर की सन्तान और शैतान की सन्तान की पहचान यह है: जो भी व्यक्ति धर्माचरण नहीं करता, वह परमेश्वर की सन्तान नहीं है और वह भी नहीं, जो अपने भाई अथवा बहिन से प्रेम नहीं करता।