‘सुनो, मैं स्वामी-प्रभु यह कहता हूँ: क्या मैं दुर्जन की मृत्यु से प्रसन्न होता हूं? नहीं, जब कोई दुर्जन अपने दुराचरण को छोड़ देता और जीवित रहता है, तब मुझे प्रसन्नता होती है।
लूका 15:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं तुम से कहता हूँ, इसी प्रकार परमेश्वर के दूत उस पापी के लिए आनन्द मनाते हैं जो पश्चात्ताप करता है।” पवित्र बाइबल मैं तुमसे कहता हूँ कि इसी प्रकार एक मन फिराने वाले पापी के लिये भी परमेश्वर के दूतों की उपस्थिति में वहाँ आनन्द मनाया जायेगा।” Hindi Holy Bible मैं तुम से कहता हूं; कि इसी रीति से एक मन फिराने वाले पापी के विषय में परमेश्वर के स्वर्गदूतों के साम्हने आनन्द होता है॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं तुम से कहता हूँ कि इसी रीति से एक मन फिरानेवाले पापी के विषय में परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामने आनन्द होता है।” नवीन हिंदी बाइबल मैं तुमसे कहता हूँ, इसी प्रकार एक पापी के पश्चात्ताप करने पर परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामने आनंद मनाया जाता है।” सरल हिन्दी बाइबल मैं तुमसे कहता हूं कि स्वर्ग में इसी प्रकार परमेश्वर के दूतों के सामने उस पापी के लिए आनंद मनाया जाता है, जिसने मन फिराया है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं तुम से कहता हूँ; कि इसी रीति से एक मन फिरानेवाले पापी के विषय में परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामने आनन्द होता है।” |
‘सुनो, मैं स्वामी-प्रभु यह कहता हूँ: क्या मैं दुर्जन की मृत्यु से प्रसन्न होता हूं? नहीं, जब कोई दुर्जन अपने दुराचरण को छोड़ देता और जीवित रहता है, तब मुझे प्रसन्नता होती है।
मैं किसी भी दुर्जन की मृत्यु से प्रसन्न नहीं होता। इसलिए तुम अपना दुराचरण छोड़कर मेरी ओर लौटो, और सदा जीवित रहो।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
ओ मानव, तू उनसे यह कह : “मैं स्वयं स्वामी-प्रभु बोल रहा हूँ : मुझे अपने जीवन की सौगन्ध है! मैं किसी भी दुर्जन की मृत्यु से प्रसन्न नहीं होता हूँ। किन्तु मुझे तब प्रसन्नता होती है, जब दुर्जन अपना बुरा आचरण छोड़ देता है और मरने से बच जाता है। इसी प्रकार ओ इस्राएल के वंशजो, अपने बुरे आचरण को छोड़ दो, अपने बुरे मार्ग से पीठ फेर लो। तुम क्यों मरना चाहते हो?”
“जो मुझे मनुष्यों के सामने स्वीकार करेगा, उसे मैं भी अपने स्वर्गिक पिता के सामने स्वीकार करूँगा
“देखो, इन छोटों में से किसी एक को भी तुच्छ न समझना; क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ − इनके दूत स्वर्ग में निरन्तर मेरे स्वर्गिक पिता के सम्मुख उपस्थित रहते हैं।
“मैं तुम से कहता हूँ : जो मुझे मनुष्यों के सामने स्वीकार करेगा, उसे मानव-पुत्र भी परमेश्वर के दूतों के सामने स्वीकार करेगा।
परन्तु जो मुझे मनुष्यों के सामने अस्वीकार करेगा, वह परमेश्वर के दूतों के सामने अस्वीकार किया जाएगा।
मैं तुम से कहता हूँ, ऐसा नहीं है। किन्तु यदि तुम पश्चात्ताप नहीं करोगे, तो तुम सब भी उसी तरह नष्ट हो जाओगे।”
मैं तुम से कहता हूँ, इसी प्रकार निन्यानबे धर्मियों की अपेक्षा, जिन्हें पश्चात्ताप करने की आवश्यकता नहीं है, उस एक पापी के लिए स्वर्ग में अधिक आनन्द मनाया जाएगा जो पश्चात्ताप करता है।
सिक्का मिल जाने पर वह अपनी सखियों और पड़ोसिनों को बुला कर कहती है, ‘मेरे साथ आनन्द मनाओ, क्योंकि मुझ से जो सिक्का खो गया था, वह मुझे मिल गया है।’
इसलिए मैं तुम से कहता हूँ, इसके पाप जो बहुत हैं, क्षमा हो गये हैं, क्योंकि इसने बहुत प्रेम किया है। पर जिसे थोड़ा क्षमा किया गया, वह प्रेम भी थोड़ा करता है।”
ये बातें सुन कर यहूदी विश्वासी शान्त हो गये और उन्होंने यह कहते हुए परमेश्वर की स्तुति की, “परमेश्वर ने गैर-यहूदियों को भी यह वरदान दिया कि वे हृदय-परिवर्तन कर जीवन प्राप्त करें।”
परन्तु प्रभु के दूत ने रात को बन्दीगृह के द्वार खोल दिये और प्रेरितों को बाहर ले जा कर यह कहा,
क्योंकि जो दु:ख परमेश्वर की इच्छानुसार स्वीकार किया जाता, उसका परिणाम होता है हृदय-परिवर्तन तथा उद्धार। इसमें पछताना नहीं पड़ता। परन्तु सांसारिक दु:ख का परिणाम है मृत्यु।
उनेसिमुस शायद इसलिए कुछ समय तक तुम से ले लिया गया था कि वह तुम को सदा के लिए प्राप्त हो।
क्या सब स्वर्गदूत परिचारक नहीं हैं जो उन लोगों की सेवा के लिए भेजे जाते हैं, जो मुक्ति के उत्तराधिकारी होंगे?