मैंने उत्तम अंगूर-बेल, श्रेष्ठ जाति की बेल के रूप में तुझे लगाया था। फिर क्यों तुझ में कीड़ा लग गया? क्यों तू जंगली अंगूर-बेल बन गई?
लूका 13:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब येशु ने यह दृष्टान्त सुनाया, “किसी मनुष्य के अंगूर-उद्यान में एक अंजीर का पेड़ था। वह उस में फल खोजने आया, परन्तु उसे एक भी नहीं मिला। पवित्र बाइबल फिर उसने यह दृष्टान्त कथा कही: “किसी व्यक्ति ने अपनी दाख की बारी में अंजीर का एक पेड़ लगाया हुआ था सो वह उस पर फल खोजता आया पर उसे कुछ नहीं मिला। Hindi Holy Bible फिर उस ने यह दृष्टान्त भी कहा, कि किसी की अंगूर की बारी में एक अंजीर का पेड़ लगा हुआ था: वह उस में फल ढूंढ़ने आया, परन्तु न पाया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर उसने यह दृष्टान्त भी कहा : “किसी की अंगूर की बारी में एक अंजीर का पेड़ लगा हुआ था। वह उसमें फल ढूँढ़ने आया, परन्तु न पाया। नवीन हिंदी बाइबल फिर वह यह दृष्टांत कहने लगा :“किसी मनुष्य ने अपने अंगूर के बगीचे में अंजीर का पेड़ लगा रखा था, और वह उसमें फल ढूँढ़ने आया परंतु उसे कुछ न मिला। सरल हिन्दी बाइबल तब प्रभु येशु ने उन्हें इस दृष्टांत के द्वारा समझाना प्रारंभ किया, “एक व्यक्ति ने अपने बगीचे में एक अंजीर का पेड़ लगाया. वह फल की आशा में उसके पास आया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर उसने यह दृष्टान्त भी कहा, “किसी की अंगूर की बारी में एक अंजीर का पेड़ लगा हुआ था: वह उसमें फल ढूँढ़ने आया, परन्तु न पाया। (मत्ती 21:19,20, मर. 11:12-14) |
मैंने उत्तम अंगूर-बेल, श्रेष्ठ जाति की बेल के रूप में तुझे लगाया था। फिर क्यों तुझ में कीड़ा लग गया? क्यों तू जंगली अंगूर-बेल बन गई?
‘जब मैं उन “बुद्धिमानों” से फसल एकत्र करूंगा, तब अंगूर-बेल में न अंगूर होंगे, और न अंजीर वृक्ष में अंजीर। पत्तियां भी सूख जाएंगी। जो मैंने उनको दिया है, वह भी उनके हाथ से निकल जाएगा।’
मैं तुम से कहता हूँ, ऐसा नहीं है। किन्तु यदि तुम पश्चात्ताप नहीं करोगे, तो तुम सब भी उसी तरह नष्ट हो जाओगे।”
अब पेड़ों की जड़ पर कुल्हाड़ा भी लग चुका है। जो पेड़ अच्छा फल नहीं देता, वह काटा और आग में झोंक दिया जाएगा।”
तुम ने मुझे नहीं चुना, बल्कि मैंने तुम्हें इसलिए चुना और नियुक्त किया कि तुम संसार में जाओ और फलवंत हो तथा तुम्हारा फल बना रहे, जिससे तुम मेरे नाम में पिता से जो कुछ माँगो, वह तुम्हें प्रदान करे।
परन्तु पवित्र आत्मा का फल है : प्रेम, आनन्द, शान्ति, सहनशीलता, दयालुता, हितकामना, ईमानदारी,
मैं दान पाने के लिए उत्सुक नहीं हूं। मैं इसलिए उत्सुक हूँ कि हिसाब में आपकी जमा-बाकी बढ़ती जाये।
किन्तु अंजीर के वृक्ष ने उनसे कहा, “क्या मैं अपनी मिठास को, अपने उत्तम फलों को त्याग दूँ और जाकर पेड़ों पर राज्य करूँ? कदापि नहीं।”