अत: शैतान प्रभु के दरबार से निकलकर चला गया। शैतान ने अय्यूब को सिर से पैर तक घिनौने फोड़ों से भर दिया।
लूका 13:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वहाँ एक स्त्री थी। उसे अठारह वर्ष से दुर्बल करने वाली आत्मा लगी थी। वह झुककर दुहरी हो गई थी और किसी भी तरह सीधी नहीं हो पाती थी। पवित्र बाइबल तो वहीं एक ऐसी स्त्री थी जिसमें दुष्ट आत्मा समाई हुई थी। जिसने उसे अठारह बरसों से पंगु बनाया हुआ था। वह झुक कर कुबड़ी हो गयी थी और थोड़ी सी भी सीधी नहीं हो सकती थी। Hindi Holy Bible और देखो, एक स्त्री थी, जिसे अठारह वर्ष से एक र्दुबल करने वाली दुष्टात्मा लगी थी, और वह कुबड़ी हो गई थी, और किसी रीति से सीधी नहीं हो सकती थी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वहाँ एक स्त्री थी जिसे अठारह वर्ष से एक दुर्बल करनेवाली दुष्टात्मा लगी थी, और वह कुबड़ी हो गई थी और किसी रीति से सीधी नहीं हो सकती थी। नवीन हिंदी बाइबल और देखो, एक स्त्री अठारह वर्ष से दुर्बल करनेवाली आत्मा से ग्रस्त थी और वह कुबड़ी हो गई थी तथा पूरी तरह से सीधी खड़ी नहीं हो सकती थी। सरल हिन्दी बाइबल वहां एक ऐसी स्त्री थी, जिसे एक दुष्टात्मा ने अठारह वर्ष से अपंग किया हुआ था. जिसके कारण उसका शरीर झुककर दोहरा हो गया था और उसके लिए सीधा खड़ा होना असंभव हो गया था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वहाँ एक स्त्री थी, जिसे अठारह वर्ष से एक दुर्बल करनेवाली दुष्टात्मा लगी थी, और वह कुबड़ी हो गई थी, और किसी रीति से सीधी नहीं हो सकती थी। |
अत: शैतान प्रभु के दरबार से निकलकर चला गया। शैतान ने अय्यूब को सिर से पैर तक घिनौने फोड़ों से भर दिया।
वह अन्धों को दृष्टि देता है। प्रभु झुके हुओं को उठाता है; प्रभु अपने भक्तों से प्रेम करता है।
ओ मेरे प्राण, तू क्यों व्याकुल है? क्यों तू हृदय में अशांत है? ओ मेरे प्राण, तू परमेश्वर की आशा कर; मैं अपने उद्धार को, अपने परमेश्वर को पुन: सराहूंगा।
प्रभु, मुझ पर दया कर, क्योंकि मैं दुर्बल हूँ; प्रभु, मुझे स्वस्थ कर, क्योंकि मेरी अस्थियां बेचैन हैं,
येशु समस्त गलील प्रदेश में भ्रमण कर उनके सभागृहों में शिक्षा देते, राज्य के शुभ-समाचार का प्रचार करते और लोगों की हर तरह की बीमारी और निर्बलता दूर करते थे।
येशु ने उसे देख कर अपने पास बुलाया और उस से कहा, “नारी! तुम अपने रोग से मुक्त हो गयी।”
शैतान ने इस स्त्री को, अब्राहम की इस पुत्री को इतने वर्षों से, अठारह वर्षों से बाँध रखा था, तो क्या इसे विश्राम के दिन उस बन्धन से छुड़ाना उचित नहीं था?”
“जब ये बातें होने लगेंगी, तो सीधे खड़े होकर अपना सिर ऊंचा करना; क्योंकि तुम्हारी मुक्ति निकट होगी।”
और कुछ स्त्रियाँ भी, जो दुष्ट आत्माओं और रोगों से मुक्त की गयी थीं−मरियम, जिसका उपनाम मगदलेनी था और जिस से सात भूत निकले थे;
येशु ज्यों ही भूमि पर उतरे, उस नगर का एक भूतग्रस्त मनुष्य उनके पास आया। वह बहुत दिनों से कपड़े नहीं पहनता था और घर में नहीं, बल्कि कबरों में रहा करता था।
एक स्त्री बारह वर्ष से रक्तस्राव से पीड़ित थी। वह अपनी सारी जीविका वैद्यों पर खर्च कर चुकी थी, पर कोई भी उसे स्वस्थ नहीं कर सका था।
लोग एक मनुष्य को ले जा रहे थे, जो जन्म से लँगड़ा था। वे उसे प्रतिदिन ला कर मन्दिर के ‘सुन्दर’ नामक फाटक के पास छोड़ देते थे, जिससे वह मन्दिर के अन्दर जाने वालों से भीख माँग सके।
जिस मनुष्य को उस आश्चर्य कर्म द्वारा स्वास्थ्य-लाभ हुआ था, उसकी उम्र चालीस वर्ष से अधिक थी।