पूर्व दिशा से सीरियाई सेना, पश्चिमी दिशा से पलिश्ती सेना इस्राएल पर आक्रमण करेंगी; वे मुंह फाड़कर इस्राएल को निगल जाएंगी। प्रभु का क्रोध इस विनाश के बाद भी शान्त नहीं होगा। विनाश के लिए उसका हाथ अब तक उठा हुआ है।
लूका 11:53 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब येशु उस घर से निकले, तब शास्त्री और फरीसी बुरी तरह उनके पीछे पड़ गये और बहुत-सी बातों के सम्बन्ध में उन से प्रश्न करने लगे। पवित्र बाइबल और फिर जब यीशु वहाँ से चला गया तो वे धर्मशास्त्री और फ़रीसी उससे घोर शत्रुता रखने लगे। बहुत सी बातों के बारे में वे उससे तीखे प्रश्न पूछने लगे। Hindi Holy Bible जब वह वहां से निकला, तो शास्त्री और फरीसी बहुत पीछे पड़ गए और छेड़ने लगे, कि वह बहुत सी बातों की चर्चा करे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब वह वहाँ से निकला, तो शास्त्री और फरीसी बुरी तरह उसके पीछे पड़ गए और छेड़ने लगे कि वह बहुत सी बातों की चर्चा करे, नवीन हिंदी बाइबल यीशु वहाँ से बाहर निकल गया, और शास्त्री और फरीसी उससे अत्यंत बैर रखने लगे और बहुत से विषयों पर उससे प्रश्न करने लगे, सरल हिन्दी बाइबल प्रभु येशु के वहां से निकलने पर शास्त्री और फ़रीसी, जो उनके कट्टर विरोधी हो गए थे, उनसे अनेक विषयों पर कठिन प्रश्न करने लगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब वह वहाँ से निकला, तो शास्त्री और फरीसी बहुत पीछे पड़ गए और छेड़ने लगे, कि वह बहुत सी बातों की चर्चा करे, |
पूर्व दिशा से सीरियाई सेना, पश्चिमी दिशा से पलिश्ती सेना इस्राएल पर आक्रमण करेंगी; वे मुंह फाड़कर इस्राएल को निगल जाएंगी। प्रभु का क्रोध इस विनाश के बाद भी शान्त नहीं होगा। विनाश के लिए उसका हाथ अब तक उठा हुआ है।
यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम के निवासियों ने आपस में कहा, ‘आओ, हम यिर्मयाह के विरुद्ध षड्यन्त्र रचें; क्योंकि यिर्मयाह के न रहने से पुरोहितों की व्यवस्था समाप्त नहीं हो जाएगी, और न बुद्धिमान आचार्यों के बुद्धिमत्तापूर्ण परामर्श, और न ही नबियों की नबूवत। आओ हम झूठे आरोप में यिर्मयाह को पकड़ें और मार डालें। अच्छा हो कि हम उसकी बात पर ध्यान न दें।’
प्रभु, मैं अपने विरुद्ध अनेक लोगों की कानाफूसी सुनता हूँ। मेरे चहुं ओर आतंक का साम्राज्य है। लोग मेरे विरुद्ध यह कह रहे हैं: ‘आओ, हम उस पर दोष लगाएं; तब हम उसको अपराधी ठहरा देंगे।’ मेरे घनिष्ठ मित्र भी मेरे पतन की राह देख रहे हैं। वे कह रहे हैं, ‘शायद वह धोखा खाए। तब हम उसको अपने वश में कर लेंगे, और उससे बदला लेंगे।’
“व्यवस्था के आचार्यो, धिक्कार है तुम लोगों को! क्योंकि तुम ने ज्ञान की कुंजी ली तो है। पर तुम ने स्वयं प्रवेश नहीं किया, और जो प्रवेश कर रहे थे, उन्हें रोक दिया।”
वे येशु को फँसाने की ताक में रहते थे। उन्होंने उनके पास गुप्तचर भेजे, कि वे धर्मी होने का ढोंग रच कर येशु को किसी न किसी कथन में पकड़ लें, जिससे वे उन्हें राज्यपाल के शासन और अधिकार में दे सकें।
इसके पश्चात् कुछ सदूकी येशु के पास आए। सदूकी मृतकों के पुनरुत्थान को नहीं मानते। उन्होंने येशु के सामने यह प्रश्न रखा,
“मैं स्वयं इस बात से कायल हो चुका था कि मुझे हर तरह से येशु नासरी के नाम का विरोध करना चाहिये।
प्रेम अशोभनीय व्यवहार नहीं करता। वह अपना स्वार्थ नहीं खोजता। प्रेम न तो झुंझलाता है और न बुराई का लेखा रखता है।
इसलिए हमने तीतुस से अनुरोध किया है कि उन्होंने जिस परोपकार का कार्य आरम्भ किया था, वह उसको आप लोगों के बीच पूरा भी करें।