जब प्रभु को अग्निबलि की सुखद सुगन्ध मिली तब उसने अपने हृदय में कहा, ‘अब मैं मनुष्य के कारण भूमि को कभी शाप न दूंगा। बचपन से ही मनुष्य के मन के विचार बुराई के लिए होते हैं। जैसा मैंने अभी किया है वैसा जीवित प्राणियों का पुन: विनाश न करूंगा।
लूका 11:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) बुरे होने पर भी यदि तुम अपने बच्चों को सहज ही अच्छी वस्तुएँ देते हो, तो स्वर्गिक पिता अपने माँगने वालों को पवित्र आत्मा क्यों नहीं देगा?” पवित्र बाइबल सो बुरे होते हूए भी जब तुम जानते हो कि अपने बच्चों को उत्तम उपहार कैसे दिये जाते हैं, तो स्वर्ग में स्थित परम पिता, जो उससे माँगते हैं, उन्हें पवित्र आत्मा कितना अधिक देगा।” Hindi Holy Bible सो जब तुम बुरे होकर अपने लड़के-बालों को अच्छी वस्तुएं देना जानते हो, तो स्वर्गीय पिता अपने मांगने वालों को पवित्र आत्मा क्यों न देगा॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अत: जब तुम बुरे होकर अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएँ देना जानते हो, तो स्वर्गीय पिता अपने माँगनेवालों को पवित्र आत्मा क्यों न देगा।” नवीन हिंदी बाइबल इसलिए, यदि तुम बुरे होकर अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएँ देना जानते हो, तो तुम्हारा पिता जो स्वर्ग में है, उससे भी बढ़कर अपने माँगनेवालों को पवित्र आत्मा क्यों न देगा।” सरल हिन्दी बाइबल जब तुम दुष्ट होने पर भी अपनी संतान को उत्तम वस्तुएं प्रदान करना जानते हो तो तुम्हारे स्वर्गीय पिता उन्हें, जो उनसे विनती करते हैं, कहीं अधिक बढ़कर पवित्र आत्मा प्रदान न करेंगे, जो उत्तम है?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अतः जब तुम बुरे होकर अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएँ देना जानते हो, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता अपने माँगनेवालों को पवित्र आत्मा क्यों न देगा।” |
जब प्रभु को अग्निबलि की सुखद सुगन्ध मिली तब उसने अपने हृदय में कहा, ‘अब मैं मनुष्य के कारण भूमि को कभी शाप न दूंगा। बचपन से ही मनुष्य के मन के विचार बुराई के लिए होते हैं। जैसा मैंने अभी किया है वैसा जीवित प्राणियों का पुन: विनाश न करूंगा।
मेरी चेतावनियों पर ध्यान दो; देखो, मैं अपनी आत्मा तुम पर उण्डेल रही हूं। मैं तुम पर अपनी बातें प्रकट करूंगी।
पर प्रभु कहता है: ‘क्या यह हो सकता है कि मां अपने दूध पीनेवाले शिशु को भूल जाए, अपने गर्भ से उत्पन्न हुए बच्चे पर दया न करे? हो सकता है कि मां अपने बच्चे को भूल भी जाए, पर मैं तुझे नहीं भूलूंगा।
मैं तुम्हारे भीतर अपना आत्मा प्रतिष्ठित करूंगा। तब तुम मेरी संविधियों के अनुसार आचरण करोगे, और मेरे आदेशों का तत्परतापूर्वक पालन करोगे।
‘इसके पश्चात् यह घटना घटेगी: मैं सब मनुष्यों पर अपना आत्मा उण्डेलूंगा; तुम्हारे पुत्र और तुम्हारी पुत्रियां नबूवत करेंगी। तुम्हारे वृद्धजन स्वप्न-द्रष्टा होंगे; तुम्हारे युवक दर्शन देखेंगे।
इसी प्रकार तुम्हारी ज्योति मनुष्यों के सामने चमकती रहे, जिस से वह तुम्हारे भले कामों को देख कर तुम्हारे स्वर्गिक पिता की महिमा करें।
इससे तुम अपने स्वर्गिक पिता की सन्तान बन जाओगे; क्योंकि वह भले और बुरे, दोनों पर अपना सूर्य उगाता तथा धर्मी और अधर्मी, दोनों पर पानी बरसाता है।
“यदि तुम दूसरों के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्वर्गिक पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा।
ओ अल्पविश्वासियो! यदि परमेश्वर मैदान की घास को, जो आज भर है और कल आग में झोंक दी जाएगी, इस प्रकार पहनाता है, तो वह तुम्हें क्यों नहीं पहनाएगा?
इन सब वस्तुओं की खोज तो अन्यजातियाँ करती हैं। तुम्हारा स्वर्गिक पिता जानता है कि तुम्हें इन सभी वस्तुओं की जरूरत है।
बुरे होने पर भी यदि तुम अपने बच्चों को सहज ही अच्छी वस्तुएँ देते हो, तो तुम्हारा स्वर्गिक पिता अपने माँगने वालों को अच्छी वस्तुएँ क्यों नहीं देगा?
येशु ने शिष्यों से कहा, “जब तुम प्रार्थना करते हो, तब यह कहो : पिता! तेरा नाम पवित्र माना जाए। तेरा राज्य आए।
तो क्या परमेश्वर अपने चुने हुए लोगों के लिए न्याय की व्यवस्था नहीं करेगा, जो दिन-रात उसकी दुहाई देते रहते हैं? क्या वह उनके विषय में देर करेगा?
येशु ने उत्तर दिया, “यदि तुम परमेश्वर का वरदान पहचानती और यह जानती कि वह कौन है, जो तुम से कह रहा है, ‘मुझे पानी पिलाओ’, तो तुम उससे माँगती और वह तुम्हें संजीवन जल देता।”
पतरस ने उन्हें यह उत्तर दिया, “आप लोग पश्चात्ताप करें। आप लोगों में से प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने पापों की क्षमा के लिए येशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले। इस प्रकार आप पवित्र आत्मा का वरदान प्राप्त करेंगे;
यह सच है कि मृत्यु का राज्य एक मनुष्य के अपराध के फलस्वरूप—एक ही के द्वारा—प्रारम्भ हुआ, किन्तु इस परिणाम से कहीं अधिक जिन लोगों को परमेश्वर का अनुग्रह तथा धार्मिकता का वरदान प्रचुर मात्रा में मिलेगा, वे एक ही मनुष्य—येशु मसीह के द्वारा—जीवन का राज्य प्राप्त करेंगे।
मैं जानता हूँ कि मुझ में, अर्थात् मेरे शारीरिक स्वभाव में, मसीह का निवास नहीं है; क्योंकि अच्छे कार्य करने की इच्छा तो मुझ में विद्यमान है, किन्तु उन्हें कार्यान्वित करने की शक्ति मुझमें नहीं है।
उसने अपने निजी पुत्र को भी नहीं बचाया, उसने हम सब के लिए उसे समर्पित कर दिया। तो, इतना देने के बाद, क्या वह हमें अपने पुत्र के साथ सब कुछ नहीं देगा?
क्योंकि हम भी तो पहले नासमझ, अवज्ञाकारी, भटके हुए, हर प्रकार की वासनाओं और भोगों के वशीभूत थे। हम विद्वेष और ईष्र्या में जीवन बिताते थे। हम घृणित थे और एक दूसरे से बैर करते थे।