येशु यात्रा पर निकल ही रहे थे कि एक व्यक्ति दौड़ता हुआ आया और उनके सामने घुटने टेक कर उसने यह पूछा, “भले गुरु! शाश्वत जीवन का उत्तराधिकारी बनने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?”
लूका 10:25 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब व्यवस्था का एक आचार्य उठा और येशु की परीक्षा करने के लिए उसने यह पूछा, “गुरुवर! शाश्वत जीवन का उत्तराधिकारी बनने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?” पवित्र बाइबल तब एक न्यायशास्त्री खड़ा हुआ और यीशु की परीक्षा लेने के लिये उससे पूछा, “गुरु, अनन्त जीवन पाने के लिये मैं क्या करूँ?” Hindi Holy Bible और देखो, एक व्यवस्थापक उठा; और यह कहकर, उस की परीक्षा करने लगा; कि हे गुरू, अनन्त जीवन का वारिस होने के लिये मैं क्या करूं? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और देखो, एक व्यवस्थापक उठा और यह कहकर उसकी परीक्षा करने लगा, “हे गुरु, अनन्त जीवन का वारिस होने के लिये मैं क्या करूँ?” नवीन हिंदी बाइबल और देखो, एक व्यवस्थापक उसकी परीक्षा लेने के लिए खड़ा हुआ, और कहने लगा, “हे गुरु, अनंत जीवन का उत्तराधिकारी होने के लिए मैं क्या करूँ?” सरल हिन्दी बाइबल एक अवसर पर एक वकील ने प्रभु येशु को परखने के उद्देश्य से उनके सामने यह प्रश्न रखा: “गुरुवर, अनंत काल के जीवन को पाने के लिए मैं क्या करूं?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब एक व्यवस्थापक उठा; और यह कहकर, उसकी परीक्षा करने लगा, “हे गुरु, अनन्त जीवन का वारिस होने के लिये मैं क्या करूँ?” |
येशु यात्रा पर निकल ही रहे थे कि एक व्यक्ति दौड़ता हुआ आया और उनके सामने घुटने टेक कर उसने यह पूछा, “भले गुरु! शाश्वत जीवन का उत्तराधिकारी बनने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?”
एक शास्त्री यह शास्त्रार्थ सुन रहा था। उसने देखा कि येशु ने सदूकियों को ठीक उत्तर दिया। वह आगे बढ़ा और उसने येशु से पूछा, “सब से पहली आज्ञा कौन-सी है?”
क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ−तुम जो कुछ देख रहो हो, उन्हें कितने ही नबी और राजा देखना चाहते थे, परन्तु उन्होंने उन्हें नहीं देखा और जो बातें तुम सुन रहे हो, वे उन्हें सुनना चाहते थे, परन्तु उन्होंने उन्हें नहीं सुना।”
एक कुलीन मनुष्य ने येशु से यह पूछा, “भले गुरु! शाश्वत जीवन का उत्तराधिकारी बनने के लिए मैं क्या करूँ?”
परन्तु फरीसियों और व्यवस्था के आचार्यों ने उनका बपतिस्मा ग्रहण नहीं कर अपने विषय में परमेश्वर की योजना व्यर्थ कर दी।
उन्होंने येशु की परीक्षा लेने के लिए यह कहा, जिससे उन्हें उन पर दोष लगाने का कोई आधार मिले। येशु ने झुक कर उँगली से भूमि पर लिखा।
यदि व्यवस्था के माध्यम से उत्तराधिकार प्राप्त होता, तो प्रतिज्ञा से उसका कोई सम्बन्ध नहीं; किन्तु प्रतिज्ञा द्वारा ही परमेश्वर ने उसे अब्राहम को देने का अनुग्रह किया।