उन्होंने मूसा से कहा, ‘आप हमसे बात कीजिए। हम आपकी बात सुनेंगे। किन्तु परमेश्वर को हमसे बात न करने दीजिए; अन्यथा हम मर जाएंगे।’
रोमियों 8:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आप लोगों को दासत्व का आत्मा नहीं मिला है, जिस से प्रेरित हो कर आप फिर डरने लगें। आप लोगों को दत्तक संतान बनने का आत्मा ही मिला है, जिस से प्रेरित हो कर हम पुकार कर कहते हैं, “अब्बा, हे पिता!” पवित्र बाइबल क्योंकि वह आत्मा जो तुम्हें मिली है, तुम्हें फिरसे दास बनाने या डराने के लिए नहींहै, बल्कि वह आत्मा जो तुमने पाया है तुम्हें परमेश्वर की संपालित संतान बनाती है। जिस से हम पुकार उठते हैं, “हे अब्बा, हे पिता!” Hindi Holy Bible क्योंकि तुम को दासत्व की आत्मा नहीं मिली, कि फिर भयभीत हो परन्तु लेपालकपन की आत्मा मिली है, जिस से हम हे अब्बा, हे पिता कह कर पुकारते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि तुम को दासत्व की आत्मा नहीं मिली कि फिर भयभीत हो, परन्तु लेपालकपन की आत्मा मिली है, जिससे हम हे अब्बा, हे पिता कहकर पुकारते हैं। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि तुम्हें दासत्व की आत्मा नहीं मिली कि फिर भयभीत हो जाओ, बल्कि तुम्हें लेपालकपन का आत्मा मिला है, जिसके द्वारा हम “हे अब्बा, हे पिता” पुकारते हैं। सरल हिन्दी बाइबल तुम्हें दासत्व की वह आत्मा नहीं दी गई, जो तुम्हें दोबारा भय की ओर ले जाये, परंतु तुम्हें लेपालकपन की आत्मा प्रदान की गई है. इसी की प्रेरणा से हम पुकारते हैं, “अब्बा! पिता!” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि तुम को दासत्व की आत्मा नहीं मिली, कि फिर भयभीत हो परन्तु लेपालकपन की आत्मा मिली है, जिससे हम हे अब्बा, हे पिता कहकर पुकारते हैं। |
उन्होंने मूसा से कहा, ‘आप हमसे बात कीजिए। हम आपकी बात सुनेंगे। किन्तु परमेश्वर को हमसे बात न करने दीजिए; अन्यथा हम मर जाएंगे।’
मैं उसको अपने गृह में, अपनी शहरपनाह के भीतर ऐसा स्थायी नाम दूंगा जो पुत्रों और पुत्रियों से श्रेष्ठ होगा। मैं उसको शाश्वत नाम दूंगा जो कभी न मिटेगा।
‘ओ इस्राएली कौम, मैंने सोचा था कि तुझे अपने ही लोगों के मध्य प्रतिष्ठित करूंगा, तुझे एक उपजाऊ देश प्रदान करूंगा, जो सब देशों में सर्वोत्तम होगा। मैं सोचता था, तू मुझे अपना पिता मानेगी, और मेरा अनुसरण करना नहीं छोड़ेगी।
इस्राएली लोगों ने मूसा से कहा, ‘देखिए, हमारे प्राण निकल रहे हैं। हम मर रहे हैं। हम-सब नष्ट हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, “अब्बा! पिता! तेरे लिए सब कुछ सम्भव है। यह प्याला मुझ से हटा ले; किन्तु मेरी इच्छा नहीं, तेरी इच्छा पूरी हो।”
येशु ने शिष्यों से कहा, “जब तुम प्रार्थना करते हो, तब यह कहो : पिता! तेरा नाम पवित्र माना जाए। तेरा राज्य आए।
“पिता! यदि तू चाहे, तो यह प्याला मुझ से हटा ले। फिर भी मेरी नहीं, किन्तु तेरी इच्छा पूरी हो।” [
वह येशु को देख कर चिल्ला उठा और दण्डवत् कर ऊंचे स्वर से बोला, “येशु! सर्वोच्च परमेश्वर के पुत्र! मुझ से आप को क्या काम? मैं आप से विनती करता हूँ, मुझे न सताइए”;
तब गेरासेन के आसपास के सब लोगों ने येशु से यह निवेदन किया, “आप हमारे यहाँ से चले जाइए;” क्योंकि वे बहुत डर गए थे। येशु नाव पर चढ़ कर लौट गये।
येशु ने उससे कहा, “चरणों से लिपट कर मुझे मत रोको। मैं अब तक पिता के पास, ऊपर नहीं गया हूँ। मेरे भाइयों के पास जाओ, और उनसे यह कहो कि मैं अपने पिता और तुम्हारे पिता, अपने परमेश्वर और तुम्हारे परमेश्वर के पास ऊपर जा रहा हूँ।”
यह सुनकर वे मर्माहत हो गये और उन्होंने पतरस तथा अन्य प्रेरितों से पूछा, “भाइयो! हमें क्या करना चाहिए?”
और सृष्टि ही नहीं, वरन् हम भी भीतर-ही-भीतर कराहते हैं। हमें तो पवित्र आत्मा मिल चुका है, जो परमेश्वर के कृपादानों का प्रथम फल है। लेकिन हम अपने शरीर की विमुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जब हम परमेश्वर की दत्तक संतान होंगे।
पवित्र आत्मा भी हमारी दुर्बलता में हमारी सहायता करता है। हम यह नहीं जानते कि हमें कैसे प्रार्थना करना चाहिए, किन्तु आत्मा स्वयं आहें भरकर—जो शब्दों द्वारा प्रकट नहीं की जा सकती हैं—हमारे लिए विनती करता है।
वे इस्राएली हैं। परमेश्वर ने उन्हें गोद लिया था। उन्हें परमेश्वर के सान्निध्य की महिमा प्राप्त हुई। परमेश्वर ने उनके साथ विधानों की स्थापना की तथा उन्हें मूसा की व्यवस्था प्रदान की है। उन्हें उपासना-विधि तथा प्रतिज्ञाएँ मिली हैं।
हमें संसार का आत्मा नहीं, बल्कि वह आत्मा मिला है जो परमेश्वर से है, जिससे हम परमेश्वर से प्राप्त वरदान पहचान सकें।
क्योंकि जब कोई आप लोगों के पास एक ऐसे येशु का प्रचार करने आता है, जो हमारे द्वारा प्रचारित येशु से भिन्न हैं, या एक ऐसा आत्मा अथवा शुभ समाचार ग्रहण करने को कहता है, जो आप के द्वारा स्वीकृत आत्मा अथवा शुभ समाचार से भिन्न है, तो आप लोग उस व्यक्ति का तुरन्त स्वागत करते हैं।
यह प्रश्न उन झूठे भाइयों के कारण उठा था, जिन्हें कलीसिया में गुप्त रूप से लाया गया था, जो चुपचाप घुस आए थे कि येशु मसीह से प्राप्त हमारी स्वतन्त्रता का भेद लें और हमें गुलाम बना लें।
मसीह ने स्वतन्त्र बने रहने के लिए ही हमें स्वतन्त्र किया है, इसलिए आप लोग दृढ़ रहें और फिर दासता के जूए में नहीं जुतें।
उसने प्रेम से प्रेरित हो कर आदि में ही निर्धारित किया कि हम येशु मसीह द्वारा उसकी दत्तक संतान बनें। यह परमेश्वर की मंगलमय इच्छा से हुआ
परमेश्वर ने हमें कायरता का नहीं, बल्कि सामर्थ्य, प्रेम तथा आत्मसंयम का आत्मा प्रदान किया है।
और उन मनुष्यों को मुक्त कर दें, जो मृत्यु के भय के कारण जीवन-भर दासत्व में जकड़े रहे।
तुम विश्वास करते हो कि केवल एक परमेश्वर है। अच्छा करते हो। दुष्ट आत्माएं भी ऐसा विश्वास करती हैं और काँपती रहती हैं।
प्रेम में भय नहीं होता। पूर्ण प्रेम भय को दूर कर देता है, क्योंकि भय में दण्ड की आशंका रहती है और जो डरता है, उसका प्रेम पूर्णता तक नहीं पहुँचा है।