“यूसुफ से कहना कि वह कृपा कर अपने भाइयों के अपराध और पाप को क्षमा करे; क्योंकि उन्होंने उसके साथ बुराई की थी।” अब कृपाकर अपने पिता के परमेश्वर के सेवकों के अपराध क्षमा कीजिए।’ जब उन्होंने ये बातें यूसुफ से कहीं तब वह रो पड़ा।
रोमियों 6:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु अब पाप से मुक्त हो कर आप परमेश्वर के दास बन गये और पवित्रता का फल उत्पन्न कर रहे हैं, जिसका परिणाम है शाश्वत जीवन; पवित्र बाइबल किन्तु अब तुम्हें पाप से छुटकारा मिल चुका है और परमेश्वर के दास बना दिये गये हो तो जो खेती तुम काट रहे हो, तुम्हें परमेश्वर के प्रति सम्पूर्ण समर्पण में ले जायेगी। जिसका अंतिम परिणाम है अनन्त जीवन। Hindi Holy Bible क्योंकि उन का अन्त तो मृत्यु है परन्तु अब पाप से स्वतंत्र होकर और परमेश्वर के दास बनकर तुम को फल मिला जिस से पवित्रता प्राप्त होती है, और उसका अन्त अनन्त जीवन है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु अब पाप से स्वतंत्र होकर और परमेश्वर के दास बनकर तुम को फल मिला जिससे पवित्रता प्राप्त होती है, और उसका अन्त अनन्त जीवन है। नवीन हिंदी बाइबल परंतु अब पाप से छुड़ाए जाकर और परमेश्वर के दास होकर तुम्हें यह फल मिला है, जिसका परिणाम पवित्रता है और जिसका अंत अनंत जीवन है। सरल हिन्दी बाइबल किंतु अब तुम पाप से मुक्त होकर परमेश्वर के दास बनकर वह लाभ कमा रहे हो, जिसका परिणाम है (परमेश्वर के लिए) पवित्र किया जाना और इसका नतीजा है अनंत जीवन. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु अब पाप से स्वतंत्र होकर और परमेश्वर के दास बनकर तुम को फल मिला जिससे पवित्रता प्राप्त होती है, और उसका अन्त अनन्त जीवन है। |
“यूसुफ से कहना कि वह कृपा कर अपने भाइयों के अपराध और पाप को क्षमा करे; क्योंकि उन्होंने उसके साथ बुराई की थी।” अब कृपाकर अपने पिता के परमेश्वर के सेवकों के अपराध क्षमा कीजिए।’ जब उन्होंने ये बातें यूसुफ से कहीं तब वह रो पड़ा।
प्रभु ने शैतान से फिर पूछा, ‘क्या तूने मेरे सेवक अय्यूब पर ध्यान दिया? क्या उसके समान सिद्ध और निष्कपट, मुझ-परमेश्वर से डरनेवाला और बुराई से दूर रहनेवाला कोई मनुष्य पृथ्वी पर है?’
अपनी करुणा के अनुरूप मेरे शत्रुओं का विनाश कर, मेरे प्राण के बैरियों को मिटा, क्योंकि मैं तेरा सेवक हूं।
मेरे प्राण की रक्षा कर; क्योंकि मैं तेरा भक्त हूं। मैंने तुझ पर भरोसा किया है; अपने सेवक को बचा। तू ही मेरा परमेश्वर है;
तेरे विरुद्ध बनाया गया कोई भी शस्त्र सफल न होगा; जो साक्षी न्यायालय में तेरे विरुद्ध प्रस्तुत होगी, तू उसको निरस्त करने में सफल होगी। यह प्रभु के सेवकों की नियति है, मैं उनको विजय प्रदान करता हूं।’ प्रभु यह कहता है।
नबूकदनेस्सर धधकती हुई अग्नि की भट्ठी के द्वार के पास आया। उसने पुकारा, ‘ओ सर्वोच्च परमेश्वर के सेवको−शद्रक, मेशक और अबेदनगो, बाहर निकलो, यहां आओ!’ अत: शद्रक, मेशक और अबेदनगो आग से बाहर निकल आए।
वह मांद के पास पहुँचा, जहां दानिएल बन्द थे। उसने दु:ख भरी आवाज में दानिएल को पुकारा, ‘ओ दानिएल, जीवित परमेश्वर के सेवक! क्या तुम्हारे परमेश्वर ने जिसकी तुम निरन्तर सेवा करते हो, तुम्हें सिंहों के मुंह से बचा लिया?’
याकूब के असंख्य वंशजों को कौन गिन सकता है? कौन गणना कर सकता है इस्राएल के करोड़ों की? भला हो कि मेरी मृत्यु निष्कपट व्यक्ति के सदृश हो! मेरा अन्त उन लोगों के समान हो!’
जिस तरह लोग जंगली बीज के पौधे एकत्र कर आग में जला देते हैं, वैसा ही संसार के अन्त में होगा।
और जिस किसी ने मेरे नाम के लिए घरबार, भाइयों, बहिनों, पिता, माता, बाल-बच्चों अथवा खेतों को छोड़ दिया है, वह सौ गुना पाएगा और शाश्वत जीवन का अधिकारी होगा।
तुम ने मुझे नहीं चुना, बल्कि मैंने तुम्हें इसलिए चुना और नियुक्त किया कि तुम संसार में जाओ और फलवंत हो तथा तुम्हारा फल बना रहे, जिससे तुम मेरे नाम में पिता से जो कुछ माँगो, वह तुम्हें प्रदान करे।
वह उस डाली को, जो मुझ में नहीं फलती, काट देता है और उस डाली को, जो फलती है, छाँटता है, जिससे वह और भी अधिक फल उत्पन्न करे।
अब काटने वाला मजदूरी प्राप्त कर शाश्वत जीवन के लिए फल संग्रह कर रहा है, जिससे बोने वाला और काटने वाला, दोनों मिल कर आनन्द मनाएँ;
आप लोगों पर पाप का कोई अधिकार नहीं रहेगा। अब आप व्यवस्था के नहीं, बल्कि अनुग्रह के अधीन हैं।
उस समय आप को उन कर्मों से क्या लाभ हुआ? अब उनके कारण आप को लज्जा होती है; क्योंकि उनका परिणाम मृत्यु है।
परमेश्वर ही! हमारे प्रभु येशु मसीह के द्वारा। परमेश्वर को धन्यवाद! सारांश यह, कि मैं अन्तर्मन से परमेश्वर के नियम का, किन्तु साथ ही साथ अपने शरीर से पाप के नियम का पालन करता हूँ।
मेरे भाइयो-बहिनो! आप भी मसीह की देह से संयुक्त होने के कारण व्यवस्था की ओर से मर गये और अब किसी दूसरे के, अर्थात् उन्हीं मसीह के हो गये हैं, जो मृतकों में से जी उठे। यह इसलिए हुआ कि हम परमेश्वर के लिए फल उत्पन्न करें।
क्योंकि, ओ मनुष्य! पवित्र आत्मा के विधान ने, जो येशु मसीह द्वारा जीवन प्रदान करता है, तुझ को पाप तथा मृत्यु के नियम से मुक्त कर दिया है।
क्योंकि प्रभु द्वारा बुलाये जाने के समय जो दास था, वह प्रभु द्वारा दास्यमुक्त है और उसी प्रकार प्रभु द्वारा बुलाये जाने के समय जो स्वतन्त्र था, वह मसीह का दास है।
मैं अब किसका कृपापात्र बनने की कोशिश कर रहा हूँ—मनुष्यों का अथवा परमेश्वर का? क्या मैं मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता हूँ? यदि मैं अब तक मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता, तो मैं मसीह का सेवक नहीं होता।
भाइयो और बहिनो! आप जानते हैं कि आप लोग स्वतन्त्र होने के लिए बुलाये गये हैं। अत: आप इस स्वतन्त्रता को शारीरिक वासनाओं का साधन न बनाएं, वरन् प्रेम से एक दूसरे की सेवा करें,
परन्तु पवित्र आत्मा का फल है : प्रेम, आनन्द, शान्ति, सहनशीलता, दयालुता, हितकामना, ईमानदारी,
और परमेश्वर की महिमा तथा प्रशंसा के लिए उस धार्मिकता से परिपूर्ण होंगे, जो येशु मसीह के द्वारा ही फलती-फूलती है।
मैं दान पाने के लिए उत्सुक नहीं हूं। मैं इसलिए उत्सुक हूँ कि हिसाब में आपकी जमा-बाकी बढ़ती जाये।
इस प्रकार आप प्रभु के योग्य जीवन बिता कर सब बातों में उसे प्रसन्न करेंगे, हर प्रकार के भले कार्य करते रहेंगे और परमेश्वर के ज्ञान में फलते और बढ़ते जायेंगे।
आपके देशवासी इपफ्रास आप लोगों को नमस्कार कहते हैं। येशु मसीह के यह सेवक निरन्तर आप लोगों के लिए संघर्षमय प्रार्थना करते हैं, जिससे आप लोग सब बातों में परमेश्वर की इच्छा पूर्ण रूप से पूरी करने में सुदृढ़ बने रहें।
यह पत्र, एक ही विश्वास में सहभागिता के नाते सच्चे पुत्र तीतुस के नाम, पौलुस की ओर से है, जो परमेश्वर का सेवक तथा येशु मसीह का प्रेरित है, ताकि वह परमेश्वर के कृपापात्रों का विश्वास दृढ़ करे और उस सत्य का ज्ञान सिखाए, जो धर्म के अनुकूल है
सब के साथ शान्ति बनायें रखें और पवित्रता की साधना करें। इसके बिना कोई व्यक्ति प्रभु के दर्शन नहीं कर पायेगा।
यह पत्र परमेश्वर और प्रभु येशु मसीह के सेवक याकूब की ओर से है। संसार भर में बिखरे हुए बारह कुलों को नमस्कार!
आप लोग स्वतन्त्र व्यक्तियों की तरह आचरण करें; किन्तु स्वतन्त्रता की आड़ में बुराई न करें, बल्कि परमेश्वर के सेवकों की तरह आचरण करें।
धर्मवृद्धों में से एक ने मुझ से पूछा, “ये उजले वस्त्र पहने कौन हैं और कहाँ से आये हैं?”