किन्तु आपने इस कार्य के द्वारा प्रभु का घोर अपमान किया है। इसलिए जो पुत्र आपको उत्पन्न हुआ है, वह अवश्य ही मर जाएगा।’
रोमियों 2:24 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि जैसा कि धर्मग्रन्थ में लिखा है, “तुम लोगों के कारण गैर-यहूदियों में परमेश्वर के नाम की निन्दा हो रही है।” पवित्र बाइबल “तुम्हारे कारण ही ग़ैर यहूदियों में परमेश्वर के नाम का अपमान होता है?” जैसा कि शास्त्र में लिखा है। Hindi Holy Bible क्योंकि तुम्हारे कारण अन्यजातियों में परमेश्वर के नाम की निन्दा की जाती है जैसा लिखा भी है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “क्योंकि तुम्हारे कारण अन्यजातियों में परमेश्वर के नाम की निन्दा की जाती है,” जैसा लिखा भी है। नवीन हिंदी बाइबल जैसा लिखा है : तुम्हारे कारण गैरयहूदियों के बीच परमेश्वर के नाम की निंदा होती है। सरल हिन्दी बाइबल जैसा कि पवित्र शास्त्र का ही लेख है: तुम गैर-यहूदियों के बीच परमेश्वर की निंदा के कारण हो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “क्योंकि तुम्हारे कारण अन्यजातियों में परमेश्वर का नाम अपमानित हो रहा है,” जैसा लिखा भी है। (यशा. 52:5, यहे. 36:20) |
किन्तु आपने इस कार्य के द्वारा प्रभु का घोर अपमान किया है। इसलिए जो पुत्र आपको उत्पन्न हुआ है, वह अवश्य ही मर जाएगा।’
अत: अब यहाँ मैं क्या करूं, जब कि मेरे निज लोगों को उनके शत्रुओं ने बिना किसी कारण के गुलाम बनाया और उन्हें ले गए? मैं-प्रभु यों कहता हूं: उनके शासक उन्हें रुलाते हैं और दिन-भर मेरे नाम की निन्दा निरंतर करते हैं।
‘ओ मानव, तू इस्राएल के वंशजों से बोल। तू उनसे यह कह, स्वामी-प्रभु यों कहता है : तुम्हारे पूर्वजों ने मेरे साथ विश्वासघात किया था, और यों मेरी और अधिक निन्दा की थी।
प्रलोभनों के कारण संसार को धिक्कार! प्रलोभन अनिवार्य है, किन्तु धिक्कार उस मनुष्य को, जो प्रलोभन का कारण बनता है!
इसलिए मैं चाहता हूँ कि कम उम्र की विधवाएँ विवाह करें, माता बनें, अपने घर का प्रबन्ध करें और विरोधी को हमारी निन्दा करने का अवसर न दें;
जिन लोगों पर गुलामी का जूआ रखा हुआ है, वे अपने स्वामियों को सब प्रकार के आदर के योग्य समझें, जिससे परमेश्वर के नाम और कलीसिया की शिक्षा की निन्दा न हो।
समझदार, शुद्ध और सुशील हों, अपने घर का अच्छा प्रबन्ध करें और अपने पति के अधीन रहें, जिससे लोग परमेश्वर के शुभ-संदेश की निन्दा न कर सकें।
तुम्हारे उपदेश हितकर और अनिन्दनीय हों। इस प्रकार विरोधी किसी भी बात के विषय में हमारी निन्दा न कर सकने के कारण लज्जित होगा।
बहुत-से लोग उनकी विलासिता का अनुसरण करेंगे और उनके कारण सत्य के मार्ग की निन्दा होगी।