जैसे फसल-कटाई की गर्म दोपहर में शीतल जल हृदय में स्फूर्ति भर देता है, वैसे ही सच्चा सन्देशवाहक अपने भेजने वाले मालिकों के लिए होता है; वह अपने स्वामी की आत्मा को संजीवन कर देता है।
रोमियों 15:32 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और मैं आनन्द के साथ आप लोगों के यहाँ पहुँच कर परमेश्वर की इच्छानुसार आप लोगों की संगति में विश्राम कर सकूँ। पवित्र बाइबल ताकि परमेश्वर की इच्छा के अनुसार मैं प्रसन्नता के साथ तुम्हारे पास आकर तुम्हारे साथ आनन्द मना सकूँ। Hindi Holy Bible और मैं परमेश्वर की इच्छा से तुम्हारे पास आनन्द के साथ आकर तुम्हारे साथ विश्राम पाऊं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और मैं परमेश्वर की इच्छा से तुम्हारे पास आनन्द के साथ आकर तुम्हारे साथ विश्राम पाऊँ। नवीन हिंदी बाइबल ताकि मैं परमेश्वर की इच्छा से आनंदपूर्वक तुम्हारे पास आकर तुम्हारे साथ विश्राम पाऊँ। सरल हिन्दी बाइबल कि मैं परमेश्वर की इच्छा के द्वारा तुमसे आनंदपूर्वक भेंट कर सकूं तथा तुम्हारी संगति मेरे लिए एक सुखद विश्राम हो जाए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और मैं परमेश्वर की इच्छा से तुम्हारे पास आनन्द के साथ आकर तुम्हारे साथ विश्राम पाऊँ। |
जैसे फसल-कटाई की गर्म दोपहर में शीतल जल हृदय में स्फूर्ति भर देता है, वैसे ही सच्चा सन्देशवाहक अपने भेजने वाले मालिकों के लिए होता है; वह अपने स्वामी की आत्मा को संजीवन कर देता है।
और उन से विदा लेकर कहा, “यदि परमेश्वर ने चाहा, तो मैं आप लोगों के पास फिर आऊंगा।” वह इफिसुस छोड़ कर जलमार्ग द्वारा
जब यह निश्चित हो गया कि हम जलमार्ग से इटली जायेंगे, तो पौलुस और कुछ अन्य बन्दियों को यूलियुस नामक शतपति के हाथ सौंप दिया गया। यूलियुस सम्राट औगुस्तुस के सैन्यदल का था।
यदि प्रभु की इच्छा हो, तो मैं शीघ्र ही आप लोगों के यहाँ आऊंगा और उनकी बातों से नहीं, बल्कि उनकी कार्यक्षमता से उन घमण्डियों को परखना चाहूँगा;
इस से हमें सान्त्वना मिली। इस सान्त्वना के अतिरिक्त हम तीतुस का आनन्द देखकर और भी आनन्दित हो उठे-आप सब ने उनका मन हरा कर दिया!
प्रभु की दया उनेसिफुरुस के परिवार पर बनी रहे, क्योंकि उनेसिफुरुस ने मुझे अकसर ढाढ़स बँधाया है। वह मेरी बेड़ियों से लज्जित नहीं हुआ,
भाई! मुझे यह जान कर बड़ा आनन्द हुआ और सान्त्वना मिली कि तुमने अपने भ्रातृप्रेम द्वारा संतों का हृदय हरा कर दिया है।
तुम लोगों को यह कहना चाहिए, “यदि प्रभु की इच्छा होगी, तो हम जीवित रहेंगे और यह अथवा वह काम करेंगे”।