और उन से विदा लेकर कहा, “यदि परमेश्वर ने चाहा, तो मैं आप लोगों के पास फिर आऊंगा।” वह इफिसुस छोड़ कर जलमार्ग द्वारा
रोमियों 15:25 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं अब सन्तों की सेवा में यरूशलेम जा रहा हूँ। पवित्र बाइबल किन्तु अब मैं परमेश्वर के पवित्र जनों की सेवा में यरूशलेम जा रहा हूँ। Hindi Holy Bible परन्तु अभी तो पवित्र लोगों की सेवा करने के लिये यरूशलेम को जाता हूं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु अभी तो मैं पवित्र लोगों की सेवा करने के लिये यरूशलेम को जाता हूँ। नवीन हिंदी बाइबल परंतु अभी तो मैं पवित्र लोगों की सेवा करने के लिए यरूशलेम को जा रहा हूँ। सरल हिन्दी बाइबल किंतु इस समय तो मैं येरूशलेम के पवित्र लोगों की सहायता के लिए येरूशलेम की ओर जा रहा हूं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु अभी तो पवित्र लोगों की सेवा करने के लिये यरूशलेम को जाता हूँ। |
और उन से विदा लेकर कहा, “यदि परमेश्वर ने चाहा, तो मैं आप लोगों के पास फिर आऊंगा।” वह इफिसुस छोड़ कर जलमार्ग द्वारा
इन घटनाओं के पश्चात् पौलुस ने मकिदुनिया तथा यूनान का दौरा करते हुए यरूशलेम जाने का निश्चय किया। उन्होंने कहा, “वहाँ पहुँचने के पश्चात् मैं रोम भी अवश्य देखूंगा।”
पौलुस ने निश्चय किया था कि वह इफिसुस को छोड़कर आगे बढ़ जायेंगे, जिससे उन्हें आसिया प्रदेश में समय बिताना न पड़े। वह इसलिए जल्दी में थे कि यदि किसी प्रकार हो सके, तो वह पेंतेकोस्त पर्व के दिन यरूशलेम में हों।
“अब मैं आत्मा की प्रेरणा से विवश हो कर यरूशलेम जा रहा हूँ। वहाँ मुझ पर क्या बीतेगी, मैं यह नहीं जानता;
“कई वर्षों तक विदेश में रहने के बाद मैं अपने लोगों को दान पहुँचाने और मन्दिर में भेंट चढ़ाने आया था।
परन्तु हनन्याह ने कहा, “प्रभु! मैंने अनेक लोगों से सुना है कि इस व्यक्ति ने यरूशलेम में आपके सन्तों पर कितना अत्याचार किया है।
उन्होंने स्वयं ही बड़े आग्रह के साथ मुझ से अनुरोध किया कि उन्हें भी सन्तों की सहायता के लिए सेवा-कार्य में भाग लेने का सौभाग्य मिले।
इसलिए हमने तीतुस से अनुरोध किया है कि उन्होंने जिस परोपकार का कार्य आरम्भ किया था, वह उसको आप लोगों के बीच पूरा भी करें।
उन्होंने केवल एक बात कही कि हम गरीबों को स्मरण रखें। वास्तव में मैं स्वयं यह कार्य करने के लिए उत्सुक था।
परमेश्वर अन्याय नहीं करता। वह आपके कार्यों को एवं उस प्रेम को नहीं भुला सकता, जो आपने, उसके नाम की महिमा के उद्देश्य से, इस प्रकार दिखाया कि आपने सन्तों की सेवा की और अब भी कर रहे हैं।