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रोमियों 15:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

हम में प्रत्‍येक को अपने पड़ोसी की भलाई तथा चरित्र-निर्माण के लिए उसकी सुख-सुविधा का ध्‍यान रखना चाहिए।

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पवित्र बाइबल

हम में से हर एक, दूसरों की अच्छाइयों के लिए इस भावना के साथ कि उनकी आत्मिक बढ़ोतरी हो, उन्हें प्रसन्न करे।

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Hindi Holy Bible

हम में से हर एक अपने पड़ोसी को उस की भलाई के लिये सुधारने के निमित प्रसन्न करे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

हम में से हर एक अपने पड़ोसी को उसकी भलाई के लिये प्रसन्न करे कि उसकी उन्नति हो।

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नवीन हिंदी बाइबल

हममें से प्रत्येक अपने पड़ोसी को उसकी भलाई के लिए प्रसन्‍न करे कि उसकी उन्‍नति हो।

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सरल हिन्दी बाइबल

हममें से प्रत्येक अपने पड़ोसी की भलाई तथा उन्‍नति के लिए उसकी प्रसन्‍नता का ध्यान रखे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

हम में से हर एक अपने पड़ोसी को उसकी भलाई के लिये सुधारने के निमित्त प्रसन्न करे।

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रोमियों 15:2
15 क्रॉस रेफरेंस  

हम ऐसी बातों में लगे रहें, जिन से शान्‍ति को बढ़ावा मिलता है और जिनके द्वारा हम एक-दूसरे का निर्माण कर सकें।


“सब कुछ करने की अनुमति है,” किन्‍तु सब कुछ हितकर नहीं। “सब कुछ करने की अनुमति है,” किन्‍तु सब कुछ से निर्माण नहीं होता।


सब कोई अपना नहीं, बल्‍कि दूसरों के हित का ध्‍यान रखें।


मैं भी अपने हित का नहीं, बल्‍कि दूसरों के हित का ध्‍यान रख कर सब बातों में सब को प्रसन्न करने का प्रयत्‍न करता हूँ, जिससे वे मुक्‍ति प्राप्‍त कर सकें।


प्रेम अशोभनीय व्‍यवहार नहीं करता। वह अपना स्‍वार्थ नहीं खोजता। प्रेम न तो झुंझलाता है और न बुराई का लेखा रखता है।


इसका निष्‍कर्ष क्‍या है? हे भाइयो और बहिनो! जब-जब आप आराधना हेतु एकत्र होते हैं, तो कोई भजन सुनाता है, कोई शिक्षा देता है, कोई अपने पर प्रकट किया हुआ सत्‍य बताता है, कोई अध्‍यात्‍म भाषा में बोलता है और कोई उसकी व्‍याख्‍या करता है; किन्‍तु यह सब आध्‍यात्‍मिक निर्माण के लिए होना चाहिए।


किन्‍तु जो नबूवत करता है, वह मनुष्‍यों से आध्‍यात्‍मिक निर्माण, प्रोत्‍साहन और सान्‍त्‍वना की बातें करता है।


आप लोग यह समझते होंगे कि अब तक हम आप के सामने अपनी सफ़ाई दे रहे हैं। बात ऐसी नहीं है। हम यह सब मसीह में, परमेश्‍वर की उपस्‍थिति में कह रहे हैं। प्रिय भाइयो और बहिनो! सब कुछ आपके आध्‍यात्‍मिक निर्माण के लिए हो रहा है।


जब, आप लोग समर्थ हैं, तो हम दुर्बल होना सहर्ष स्‍वीकार करते हैं। हम इसके लिए भी प्रार्थना करते हैं कि आप लोगों का सुधार हो।


इस प्रकार उन्‍होंने सेवा-कार्य के लिए सन्‍तों को योग्‍य बनाया, जिससे मसीह की देह का निर्माण उस समय तक होता रहे,


आपके मुख से कोई अश्‍लील बात नहीं, बल्‍कि ऐसे शब्‍द निकलें, जो अवसर के अनुरूप हों, और दूसरों के निर्माण तथा कल्‍याण में सहायक हों।