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रोमियों 12:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

हम को प्राप्‍त अनुग्रह के अनुसार हमारे वरदान भी भिन्न-भिन्न होते हैं। हमें नबूवत का वरदान मिला, तो विश्‍वास के अनुरूप उसका उपयोग करें;

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पवित्र बाइबल

तो फिर उसके अनुग्रह के अनुसार हमें जो अलग-अलग उपहार मिले हैं, हम उनका प्रयोग करें। यदि किसी को भविष्यवाणी की क्षमता दी गयी है तो वह उसके पास जितना विश्वास है उसके अनुसार भविष्यवाणी करे।

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Hindi Holy Bible

और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिस को भविष्यद्वाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यद्वाणी करे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जबकि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न–भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिसको भविष्यद्वाणी का दान मिला हो, वह विश्‍वास के परिमाण के अनुसार भविष्यद्वाणी करे;

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नवीन हिंदी बाइबल

उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्‍न‍-भिन्‍न‍ वरदान मिले हैं : यदि किसी को भविष्यवाणी का मिला हो तो वह विश्‍वास के परिमाण के अनुसार भविष्यवाणी करे;

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सरल हिन्दी बाइबल

इसलिये कि हमें दिए गए अनुग्रह के अनुसार हममें पवित्र आत्मा द्वारा दी गई भिन्‍न-भिन्‍न क्षमताएं हैं. जिसे भविष्यवाणी की क्षमता प्राप्‍त है, वह उसका उपयोग अपने विश्वास के अनुसार करे;

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और जबकि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न-भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिसको भविष्यद्वाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यद्वाणी करे।

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रोमियों 12:6
31 क्रॉस रेफरेंस  

सुनो! मैं तुम्‍हारे पास नबियों, ज्ञानियों और शास्‍त्रियों को भेजता हूँ। तुम उन में से कितनों को मार डालोगे और क्रूस पर चढ़ाओगे, कितनों को अपने सभागृहों में कोड़े लगाओगे और नगर-नगर में उनका पीछा करोगे,


इसके बाद वह आया, जिसे दो सिक्‍के मिले थे। उसने कहा, ‘स्‍वामी! आपने मुझे दो सिक्‍के सौंपे थे। देखिए, मैंने और दो सिक्‍के कमाए।’


“इसलिए परमेश्‍वर की प्रज्ञ ने यह कहा, ‘मैं उनके पास नबियों और प्रेरितों को भेजूँगी; वे उन में से कितनों की हत्‍या करेंगे और कितनों पर अत्‍याचार करेंगे।


महानगर अन्‍ताकिया की स्‍थानीय कलीसिया में कई नबी और शिक्षक थे : जैसे बरनबास, शिमोन जो ‘कलुआ’ कहलाता था, कुरेने-निवासी लूकियुस, शासक हेरोदेस का दूध-भाई मनाहेन और शाऊल।


यहूदा और सीलास स्‍वयं नबी थे। उन्‍होंने भी भाई-बहिनों को देर तक सम्‍बोधित कर प्रोत्‍साहित और विश्‍वास में दृढ़ किया।


परमेश्‍वर यह कहता है : ‘मैं अन्‍तिम दिनों में सब मनुष्‍यों पर अपना आत्‍मा उंडेलूंगा। तुम्‍हारे पुत्र और पुत्रियाँ नबूवत करेंगे, तुम्‍हारे नवयुवक दिव्‍य दर्शन पायेंगे और तुम्‍हारे बड़े-बूढ़े स्‍वप्‍न देखेंगे।


उसके चार कुँआरी लड़कियाँ थीं, जिन्‍हें परमेश्‍वर की नबूवत करने का वरदान प्राप्‍त था।


क्‍योंकि मुझे आप से मिलने की बड़ी इच्‍छा है; मैं आप को विश्‍वास में सुदृढ़ बनाने के लिए आपको भी एक आध्‍यात्‍मिक वरदान देना चाहता हूँ;


उस कृपा के अधिकार से, जो मुझे प्राप्‍त हुई है, मैं आप लोगों में हर एक से यह कहता हूँ: अपने को औचित्‍य से अधिक महत्व मत दीजिए। परमेश्‍वर द्वारा प्रदत्त विश्‍वास की मात्रा के अनुरूप हर एक को अपने विषय में सन्‍तुलित विचार रखना चाहिए।


वास्‍तव में परमेश्‍वर ने अपनी इच्‍छानुसार प्रत्‍येक अंग को शरीर में स्‍थान दिया है।


मुझे भले ही नबूवत करने का वरदान मिला हो, मैं सभी रहस्‍य जानता होऊं, मुझे समस्‍त ज्ञान प्राप्‍त हो गया हो, मेरा विश्‍वास इतना परिपूर्ण हो कि मैं पहाड़ों को हटा सकूँ; किन्‍तु यदि मुझ में प्रेम का अभाव है, तो मैं कुछ भी नहीं हूँ।


आप प्रेम की साधना करते रहें। आप आध्‍यात्‍मिक वरदानों की धुन में रहें; किन्‍तु विशेष रूप से नबूवत के वरदान की अभिलाषा किया करें।


परन्‍तु यदि सब नबूवत करें और कोई अविश्‍वासी या अदीिक्षत व्यक्‍ति भीतर आ जाये, तो वह उनकी बातों से प्रभावित हो कर अपने को पापी समझेगा और अपने अन्‍त:करण की जाँच करेगा।


नबूवत करने वालों में से दो या तीन बोलें और दूसरे लोग उनकी वाणी की परीक्षा करें।


अपुल्‍लोस क्‍या है? पौलुस क्‍या है? हम तो धर्मसेवक मात्र हैं, जिन के माध्‍यम से आप लोग विश्‍वासी बने, हममें प्रत्‍येक ने वही कार्य किया, जिसे प्रभु ने उस को सौंपा।


मैं तो चाहता हूँ कि सब मनुष्‍य मुझ-जैसे हों, किन्‍तु परमेश्‍वर की ओर से हर एक को विशिष्‍ट वरदान मिला है-किसी को एक प्रकार का, किसी को दूसरे प्रकार का।


यदि दान देने की उत्‍सुकता है, तो सामर्थ्य के अनुसार जो कुछ भी दिया जाए, वह परमेश्‍वर को ग्राह्य है। किसी से यह आशा नहीं की जाती है कि वह अपने सामर्थ्य से अधिक दान दे।


वह रहस्‍य पिछली पीढ़ियों में मनुष्‍य को नहीं बताया गया था और अब आत्‍मा के द्वारा उसके पवित्र प्रेरितों और नबियों पर प्रकट किया गया है।


उन्‍होंने कुछ लोगों को प्रेरित, कुछ को नबी, कुछ को शुभ समाचार-प्रचारक और कुछ को धर्मपाल तथा शिक्षक होने का वरदान दिया।


हम में जितने लोग परिपक्‍व हैं, उनका यही मनोभाव होना चाहिए और यदि किसी विषय पर आपका दृष्‍टिकोण भिन्न हो, तो परमेश्‍वर आपको इसके सम्‍बन्‍ध में ज्‍योति प्रदान करेगा।


और नबूवत के वरदान की उपेक्षा नहीं करें,


किन्‍तु आप लोग सब से पहले यह अच्‍छी तरह समझ लें कि धर्मग्रन्‍थ की कोई भी नबूवत व्यक्‍तिगत व्‍याख्‍या का विषय नहीं है,