रोमियों 12:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जहाँ तक हो सके, अपनी ओर से सब के साथ शान्तिपूर्ण संबंध रखें। पवित्र बाइबल जहाँ तक बन पड़े सब मनुष्यों के साथ शान्ति से रहो। Hindi Holy Bible जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जहाँ तक हो सके, तुम भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो। नवीन हिंदी बाइबल जहाँ तक संभव हो, सब मनुष्यों के साथ मेल-मिलाप से रहो। सरल हिन्दी बाइबल यदि संभव हो तो यथाशक्ति सभी के साथ मेल बनाए रखो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जहाँ तक हो सके, तुम भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो। |
हम इस्राएल प्रदेश के शान्तिप्रिय और विश्वसनीय लोग हैं। आप हमारे इस नगर को, जो इस्राएल प्रदेश का महानगर है, नष्ट करने का प्रयत्न कर रहे हैं। आप प्रभु की मीरास को क्यों निगलना चाहते हैं?’
बुरी योजना रचनेवाले के दिल में छल-कपट भरा रहता है; परन्तु कल्याणकारी योजना बनानेवाला आनन्द-मग्न रहता है।
तो अपनी भेंट वहीं वेदी के सामने छोड़कर पहले अपने भाई-बहिन से मेल करने जाओ और तब आ कर अपनी भेंट चढ़ाओ।
“नमक अच्छा है; किन्तु यदि वह अपना सलोनापन खो बैठे तो तुम उसे किस वस्तु से स्वादिष्ट करोगे? “अपने में नमक बनाए रखो और आपस में मेल रखो।”
क्योंकि परमेश्वर का राज्य खाने-पीने का नहीं, बल्कि वह धार्मिकता, शान्ति और आनन्द का विषय है, जो पवित्र आत्मा से प्राप्त होते हैं।
हम ऐसी बातों में लगे रहें, जिन से शान्ति को बढ़ावा मिलता है और जिनके द्वारा हम एक-दूसरे का निर्माण कर सकें।
दूसरी ओर, यदि विश्वास नहीं करने वाला जीवन साथी अलग हो जाना चाहे, तो वह अलग हो जाये। ऐसी स्थिति में विश्वास करने वाला भाई या बहिन बाध्य नहीं है। फिर भी परमेश्वर ने आप को शान्ति का जीवन बिताने के लिए बुलाया है।
भाइयो और बहिनो, अब विदा! सब-कुछ सुव्यवस्थित कीजिए। मेरे अनुरोध पर ध्यान दीजिए। एक मत रहिए, और शांति बनाए रखिए। तब प्रेम तथा शान्ति का परमेश्वर आप के साथ होगा।
परन्तु पवित्र आत्मा का फल है : प्रेम, आनन्द, शान्ति, सहनशीलता, दयालुता, हितकामना, ईमानदारी,
और शान्ति के सूत्र में बंध कर उस एकता को, जिसे पवित्र आत्मा प्रदान करता है, बनाये रखने का प्रयत्न करते रहें।
आप प्रेमपूर्वक उनका अत्यधिक सम्मान करें, क्योंकि वे आपके लिए परिश्रम करते हैं। आपस में मेल रखें।
तुम युवावस्था की वासनाओं से दूर रहो और उन सब के साथ, जो शुद्ध हृदय से प्रभु का नाम लेते हैं, धार्मिकता, विश्वास, प्रेम तथा शान्ति की साधना करते रहो।
सब के साथ शान्ति बनायें रखें और पवित्रता की साधना करें। इसके बिना कोई व्यक्ति प्रभु के दर्शन नहीं कर पायेगा।