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रोमियों 12:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

आनन्‍द मनाने वालों के साथ आनन्‍द मनायें, रोने वालों के साथ रोयें।

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पवित्र बाइबल

जो प्रसन्न हैं उनके साथ प्रसन्न रहो। जो दुःखी है, उनके दुःख में दुःखी होओ।

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Hindi Holy Bible

आनन्द करने वालों के साथ आनन्द करो; और रोने वालों के साथ रोओ।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

आनन्द करनेवालों के साथ आनन्द करो, और रोनेवालों के साथ रोओ।

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नवीन हिंदी बाइबल

आनंद मनानेवालों के साथ आनंद मनाओ, रोनेवालों के साथ रोओ।

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सरल हिन्दी बाइबल

जो आनंदित हैं, उनके साथ आनंद मनाओ तथा जो शोकित हैं, उनके साथ शोक;

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

आनन्द करनेवालों के साथ आनन्द करो, और रोनेवालों के साथ रोओ। (भज. 35:13)

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रोमियों 12:15
20 क्रॉस रेफरेंस  

मैं यह शब्‍द सुनते ही भूमि पर बैठ गया, और रोने लगा। मैंने अपनी कौम के लिए अनेक दिन तक विलाप किया। मैं स्‍वर्ग के परमेश्‍वर के सम्‍मुख उपवास और प्रार्थना करता रहा।


अय्‍यूब के तीन मित्र थे : तेमान नगर का रहनेवाला एलीपज, शूही वंश का बिलदद और नामाह नगर का निवासी सोपर। जब उन्‍होंने सुना कि अय्‍यूब पर विपत्तियाँ टूट पड़ी हैं, तब वे अपने-अपने घर से निकले। उन्‍होंने निश्‍चय किया कि वे अय्‍यूब के साथ शोक प्रकट करने और उसको शान्‍ति देने के लिए एक-साथ जाएँगे।


‘क्‍या मैं उस व्यक्‍ति के लिए नहीं रोया जिस पर दुर्दिन आए थे? क्‍या मेरा प्राण गरीबों के लिए दु:खी नहीं हुआ था?


रोने का समय, और हंसने का समय, शोक मनाने का समय, और नाचने का भी समय नियत है।


एबेदमेलेक ने पुकार कर यिर्मयाह से कहा, ‘ये फटे-पुराने कपड़े और चिथड़े अपनी कांखों में रस्‍सी के नीचे रख लीजिए।’ यिर्मयाह ने ऐसा ही किया।


काश, मेरा मस्‍तिष्‍क सागर होता, मेरी आंखें आँसुओं की झील होती, तो मैं अपने लोगों के महासंहार के कारण दिन-रात फूट-फूट कर रोता।


जब उसके पड़ोसियों और सम्‍बन्‍धियों ने सुना कि प्रभु ने उस पर इतनी बड़ी दया की है, तब उन्‍होंने उसके साथ आनन्‍द मनाया।


इसलिए भाई की मृत्‍यु पर संवेदना प्रकट करने के लिए यहूदा प्रदेश के बहुत-से लोग मार्था और मरियम से मिलने आए थे।


जब बरनबास ने वहाँ पहुच कर परमेश्‍वर का अनुग्रह देखा, तो वह आनन्‍दित हो उठे। उन्‍होंने सब को प्रोत्‍साहित किया कि वे सम्‍पूर्ण हृदय से प्रभु के प्रति निष्‍ठावान बने रहें;


यदि एक अंग को पीड़ा होती है, तो उसके साथ सभी अंगों को पीड़ा होती है और यदि एक अंग का सम्‍मान किया जाता है, तो उसके साथ सभी अंग आनन्‍द मनाते हैं।


जब कोई दुर्बल है, तो क्‍या मैं उसकी दुर्बलता से प्रभावित नहीं? जब किसी का पाप में पतन होता है, तो क्‍या मैं इसका तीखा अनुभव नहीं करता?


तब मैंने इस बात को लेकर पत्र लिखा, जिससे कहीं ऐसा न हो कि मेरे आने पर, जिन लोगों से मुझे आनन्‍द मिलना चाहिए, वे मुझे दु:खी बनायें; क्‍योंकि आप सब के विषय में मेरा दृढ़ विश्‍वास है कि मेरा आनन्‍द आप सब का आनन्‍द भी है।


वह आप-सब को देखने के लिए उत्‍सुक था और इसलिए भी व्‍याकुल था कि आप लोगों को उसकी बीमारी का पता चल गया था।


मैं इसलिए भी उसे भेजने को उत्‍सुक हूँ कि आप उसके दर्शनों से आनन्‍दित हों और मेरी चिन्‍ता भी कम हो।


आप बन्‍दियों की इस तरह सुध लेते रहें, मानो आप उनके साथ बन्‍दी हों और जिन पर अत्‍याचार किया जाता है, उनको भी स्‍मरण करें; क्‍योंकि आप पर भी अत्‍याचार किया जा सकता है।