दिन होने पर उन्होंने अपने शिष्यों को पास बुलाया और उन में से बारह को चुन कर उन्हें ‘प्रेरित’ नाम दिया :
रोमियों 11:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि यह उसकी कृपा द्वारा हुआ, तो निर्वाचन लोगों के कर्मों पर आधारित नहीं है। नहीं तो कृपा, कृपा नहीं रह जाती। पवित्र बाइबल और यदि यह परमेश्वर के अनुग्रह का परिणाम है तो लोग जो कर्म करते हैं, यह उन कर्मों का परिणाम नहीं है। नहीं तो परमेश्वर की अनुग्रह, अनुग्रह ही नहीं ठहरती। Hindi Holy Bible यदि यह अनुग्रह से हुआ है, तो फिर कर्मों से नहीं, नहीं तो अनुग्रह फिर अनुग्रह नहीं रहा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यदि यह अनुग्रह से हुआ है, तो फिर कर्मों से नहीं; नहीं तो अनुग्रह फिर अनुग्रह नहीं रहा। नवीन हिंदी बाइबल यदि यह अनुग्रह से हुआ तो फिर यह कर्मों के आधार पर नहीं, अन्यथा अनुग्रह फिर अनुग्रह नहीं रहता। सरल हिन्दी बाइबल अब, यदि इसकी उत्पत्ति अनुग्रह के द्वारा ही हुई है तो इसका आधार काम नहीं हैं नहीं तो अनुग्रह, अनुग्रह नहीं रह जाएगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यदि यह अनुग्रह से हुआ है, तो फिर कर्मों से नहीं, नहीं तो अनुग्रह फिर अनुग्रह नहीं रहा। |
दिन होने पर उन्होंने अपने शिष्यों को पास बुलाया और उन में से बारह को चुन कर उन्हें ‘प्रेरित’ नाम दिया :
मैं जो कुछ भी हूँ परमेश्वर की कृपा से हूँ और जो कृपा मुझे उससे मिली, वह व्यर्थ नहीं हुई। मैंने उन सबसे अधिक परिश्रम किया है-मैंने नहीं, बल्कि परमेश्वर की कृपा ने, जो मुझ में विद्यमान है।
मैं परमेश्वर के अनुग्रह का तिरस्कार नहीं कर सकता। यदि व्यवस्था द्वारा मनुष्य धार्मिक ठहर सकता है, तो मसीह व्यर्थ ही मरे।
यदि आप अपनी धार्मिकता के लिए व्यवस्था पर निर्भर रहना चाहते हैं, तो आपने मसीह से अपना सम्बन्ध तोड़ लिया और परमेश्वर की कृपा को खो दिया है।
परमेश्वर ने हमारा उद्धार किया और हमें पवित्र जीवन बिताने के लिए बुलाया है। उसने हमारे किसी पुण्य के कारण नहीं, बल्कि अपने उद्देश्य तथा अपनी कृपा के कारण ऐसा किया है। वह कृपा अनादि काल से येशु मसीह द्वारा हमें प्राप्त थी,
उसने नवजीवन के जल और पवित्र आत्मा की संजीवन शक्ति द्वारा हमारा उद्धार किया। उसने हमारे किसी पुण्य धर्म-कर्म के कारण ऐसा नहीं किया, बल्कि इसलिए कि वह दयालु है।